इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं मार्केट दिग्गज, कचोलिया ने तो कर लिया किनारा, 95% डिस्काउंट पर शेयर
दिग्गज निवेशक आशीष कचोलिया, शरद श्याम सांघी और उल्लाल रविंद्र भट ने ज्योति स्ट्रक्चर्स में अपनी हिस्सेदारी कम की है. कचोलिया ने अपनी पूरी 1.4 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी. ट्रेंडलाइन के अनुसार, सितंबर 2025 तक उनकी हिस्सेदारी शून्य है. शेयर बाजार में कंपनी का प्रदर्शन कमजोर रहा है, जो निवेशकों की हिस्सेदारी बेचने की एक वजह हो सकती है.

Ashish Kacholia Sells Stake in Jyoti Structures: दिग्गज निवेशक आशीष कचोलिया, शरद श्याम सांघी और उल्लाल रविंद्र भट ज्योति स्ट्रक्चर्स में अपनी हिस्सेदारी कम कर रहे हैं. आशीष कचोलिया ने तो अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है. ट्रेंडलाइन के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 तक उनकी इस कंपनी में कोई हिस्सेदारी नहीं बची है, जबकि जून 2025 में समाप्त तिमाही में उनके पास 1.4 फीसदी हिस्सेदारी थी. शेयर बाजार में कंपनी का प्रदर्शन भी कमजोर रहा है. इस रिपोर्ट में आप जानेंगे कि आशीष कचोलिया जैसे दिग्गज निवेशक अपनी हिस्सेदारी कम क्यों कर रहे हैं. साथ ही शेयर की स्थिति और रिटर्न के मोर्चे पर कंपनी के स्टॉक की क्या ही स्थिति है.
शेयर की स्थिति
शुक्रवार को बाजार खुलने के बाद इस कंपनी के स्टॉक में लगभग 3.35 फीसदी की तेजी आई. इस तेजी के बाद शेयर की कीमत 14.81 रुपये पर पहुंच कर कारोबार कर रहा है. यह अपने ऑल टाइम हाई से 95 फीसदी के डिस्काउंट पर मिल रहा है. 10 दिसंबर 2007 को कंपनी के शेयर ऑल टाइम हाई 304 रुपये पर कारोबार कर रहा था.

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कैसा है रिटर्न का पैटर्न?
रिटर्न के मौर्चे पर कंपनी ने निवेशकों को निराश किया है. तीन महीने में यह स्टॉक 26 फीसदी टूटा है. बीते 6 महीने में इन्वेस्टर को लगभग 10 फीसदी का नुकसान हुआ तो वहीं एक साल में यह 50 फीसदी गिरावट दर्ज किया गया है.
ट्रेंडलाइन के आंकड़ों के अनुसार, इस कंपनी में शरद श्याम सांघी का मार्च 2022 में 4.73 फीसदी हिस्सेदारी थी, जो घटकर 2.52 फीसदी हो गया है. साथ ही उल्लाल रविंद्र भट ने भी अपनी हिस्सेदारी कम की है. मार्च 2022 में इसके पास कंपनी का 2.36 फीसदी शेयर जो घटकर 1.68 फीसदी रह गए हैं.
कैसी है वित्तीय सेहत?
ज्योति स्ट्रक्चर्स का प्रदर्शन पिछले कुछ तिमाहियों में थोड़ा उतार-चढ़ाव वाला रहा है. कंपनी की आय Q4 2025 में 1,647 मिलियन रुपये से घटकर Q1 FY26 में 1,562 मिलियन रुपये हो गई. इसी तरह, शुद्ध लाभ भी 119 मिलियन रुपये से घटकर 112 मिलियन रुपये हो गया. पिछले तीन तिमाहियों में शुद्ध लाभ लगभग स्थिर रहा है. आशीष कचोलिया के हिस्सेदारी बेचने का एक कारण यह भी हो सकता है.
आगे क्या कंपनी का प्लान?
ज्योति स्ट्रक्चर्स जैसी कंपनियां ऑर्डर पर निर्भर करती हैं. FY25 के अंत तक कंपनी को 16.50 बिलियन रुपये से अधिक के ऑर्डर मिले, जिनमें से अधिकांश दूसरी छमाही में आए. अडाणी ने 765 केवी लाइनों के लिए कंपनी को तीन नए ऑर्डर दिए. इसके अलावा, कंपनी ने पावर ग्रिड के 800 केवी HVDC खावड़ा-नागपुर प्रोजेक्ट का एक बड़ा हिस्सा हासिल किया.
ज्योति स्ट्रक्चर्स अपने नासिक प्लांट-2 को फिर से शुरू कर रही है. इस साल के अंत में एक अत्याधुनिक गैल्वनाइजेशन प्लांट शुरू होने की उम्मीद है. इसके चालू होने पर कंपनी अपनी पहले की 1,10,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता का 70 फीसदी तक उपयोग कर सकेगी, जिसमें रायपुर फैक्ट्री भी शामिल है. ज्योति स्ट्रक्चर्स को बढ़ती बिजली मांग से फायदा होने की संभावना है. नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान (2022-2032) के अनुसार, बिजली की अधिकतम मांग में भारी वृद्धि होगी. FY32 तक क्षमता 900-997 गीगावाट तक बढ़ने की उम्मीद है, जिसमें 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा शामिल है. इसके लिए 76,000 सर्किट किलोमीटर नई लाइनों और लगभग 4,900 बिलियन रुपये के ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश की आवश्यकता होगी.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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