एक्सचेंज सेक्टर का गोल्डन ट्रायो, जानें कैसे BSE-MCX-IEX बना रहे स्केलेबल और हाई-मार्जिन कमाई का मॉडल

ट्रेडिंग स्क्रीन पहले से कहीं ज्यादा व्यस्त हैं, नए निवेशक लगातार जुड़ रहे हैं और बाजार में सक्रियता अब एक आम आदत बनती जा रही है. इनमें से तीन कंपनियां सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. ये BSE, MCX और IEX है. ये तीनों अपने-अपने सेगमेंट में लगभग मोनोपॉली जैसी स्थिति में हैं. इनका बिजनेस किसी एक सेक्टर पर नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की बढ़ती भागीदारी पर टिका है.

एक्सचेंज सेक्टर का गोल्डन ट्रायो Image Credit: Money 9 Live

BSE, MCX & IEX: भारत का शेयर बाजार इन दिनों तेजी से बदल रहा है. ट्रेडिंग स्क्रीन पहले से कहीं ज्यादा व्यस्त हैं, नए निवेशक लगातार जुड़ रहे हैं और बाजार में सक्रियता अब एक आम आदत बनती जा रही है. लोगों की इसी बढ़ती दिलचस्पी ने उन कंपनियों को भी नई रफ्तार दी है, जो पर्दे के पीछे बाजार चलाने का काम करती हैं जैसे स्टॉक एक्सचेंज और मार्केट इंफ्रां कंपनियां. इनमें से तीन कंपनियां सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. ये BSE, MCX और IEX है. ये तीनों अपने-अपने सेगमेंट में लगभग मोनोपॉली जैसी स्थिति में हैं. इनका बिजनेस किसी एक सेक्टर पर नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की बढ़ती भागीदारी पर टिका है. जैसे-जैसे निवेशक और ट्रेड बढ़ते हैं, इन कंपनियों की कमाई भी अपने आप बढ़ती जाती है. यही कारण है कि इन्हें “कंपाउंडिंग मशीन” कहा जा रहा है.

BSE

BSE ने इस साल शानदार प्रदर्शन किया है. दूसरी तिमाही में कंपनी की इनकम 40 फीसदी बढ़कर 1139 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. ट्रेडिंग में बढ़ोतरी, नए IPO और को-लोकेशन सेवाओं ने कमाई को मजबूत किया. कंपनी का नेट प्रॉफिट 61 फीसदी बढ़कर 558 करोड़ रुपये हो गया. SME प्लेटफॉर्म और इंडेक्स बिजनेस में भी तेजी आई है. तकनीक में सुधार ने एक्सचेंज को ज्यादा मजबूत बनाया है. इसका असर आने वाले समय में भी कमाई बढ़ने के रूप में दिखता रहेगा. पिछले एक साल में BSE के शेयर में 45.8 फीसदी की बढ़त हुई है.

MCX

भारत का सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज MCX भी शानदार प्रदर्शन कर रहा है. कंपनी की तिमाही इनकम 29% बढ़कर 401 करोड़ रुपये हो गई, जबकि औसत दैनिक कारोबार दोगुना बढ़कर 4.1 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. सोना, चांदी और मेटल्स में ज्यादा ट्रेडिंग ने कंपनी को मजबूती दी. MCX लगातार नए प्रोडक्ट ला रहा है जैसे नए ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट और संशोधित फ्यूचर्स. इसके साथ ही तकनीक को भी बेहतर बनाया गया है ताकि बढ़ते वॉल्यूम को संभाला जा सके. पिछले एक साल में MCX के शेयर में 48.2% की तेजी आई है.

IEX

भारत में बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है, और इसका सीधा फायदा IEX को मिल रहा है. तिमाही में IEX के प्लेटफॉर्म पर बिजली की खरीद-फरोख्त 16 फीसदी बढ़ी. हालांकि सर्टिफिकेट ट्रेडिंग घटने से रेवेन्यू सिर्फ 9.2 फीसदी बढ़कर 183 करोड़ रुपये रहा, लेकिन मुनाफा 13.9 फीसदी बढ़ा है. रियल-टाइम बिजली बाजार में ज्यादा सक्रियता आई है. सरकार वर्चुअल PPA, कार्बन क्रेडिट और अन्य नए बाजारों को मंजूरी दे रही है, जिससे IEX के लिए आगे और अवसर बनेंगे. हालांकि शेयर कीमत पिछले एक साल में 25.1 फीसदी गिरी, लेकिन कंपनी की कमाई और ROCE अब भी मजबूत है.

कंपनीEV/EBITDA5 Year EV/EBITDA MedianROCE
BSE41.821.246.6%
Multiple Commodity Exchange51.732.842.9%
Indian Energy Exchange20.430.853.6%
सोर्स: Screener

वैल्यूएशन और रिस्क

BSE और MCX अपने पांच साल के औसत वैल्यूएशन से काफी ऊपर ट्रेड कर रहे हैं, यानी निवेशक इनके तेज भविष्य पर दांव लगा रहे हैं. वहीं IEX का वैल्यूएशन कम है, क्योंकि बाजार अभी नियामक बदलावों को लेकर सतर्क है. एक्सचेंज कंपनियां रेगुलेटेड होती हैं, इसलिए सरकारी नीतियों में बदलाव इनके लिए सबसे बड़ा जोखिम बना रहता है. भारत में बाजार भागीदारी बढ़ रही है, डिजिटल निवेश बढ़ रहा है और नए प्रोडक्ट लगातार लॉन्च हो रहे हैं. ऐसे माहौल में BSE, MCX और IEX जैसी कंपनियां लंबे समय तक स्थिर और कंपाउंडिंग वाला विकास दिखा सकती हैं.

डेटा सोर्स: Groww, FE

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