तिमाही नतीजे दमदार, फिर भी 9% गिरा शेयर! जानें शानदार रिजल्ट के बावजूद निवेशकों ने क्यों की प्रॉफिट बुकिंग!
GMM Pfaudler Ltd के शेयरों में 7 नवंंबर को 9 फीसदी की बड़ी गिरावट देखी गई. GMM Pfaudler के नतीजे बेहद मजबूत रहे. मुनाफा, रेवेन्यू और मार्जिन सब बढ़े हैं. लेकिन शेयर बाजार में सिर्फ अच्छे नतीजे काफी नहीं होते. निवेशकों की उम्मीदें और कंपनी का भविष्य दृष्टिकोण भी बहुत मायने रखता है. कंपनी की ग्लोबल टिप्पणियों ने बाजार को थोड़ा सावधान बना दिया.
GMM Pfaudler Ltd के शेयरों में 7 नवंंबर को 9 फीसदी की बड़ी गिरावट देखी गई, जबकि कंपनी ने तिमाही नतीजों में शानदार 290 फीसदी तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) मुनाफे की बढ़त दिखाई. इस गिरावट ने निवेशकों को चौंका दिया है, क्योंकि कंपनी के वित्तीय नतीजे काफी मजबूत थे. तो आखिर ऐसा क्या हुआ कि इतने अच्छे नतीजों के बाद भी शेयर नीचे फिसल गया? आइए विस्तार से समझते हैं.
कंपनी के नतीजे कैसे रहे
GMM Pfaudler एक प्रमुख ग्लास-लाइन उपकरण निर्माता कंपनी है. कंपनी ने सितंबर तिमाही (Q2FY26) में जबरदस्त नतीजे पेश किए. कंपनी की कुल आय (Revenue) 13.5 फीसदी बढ़कर 902 करोड़ रुपये रही. यह पिछली तिमाही में 795 करोड़ रुपये थी. ऑपरेटिंग प्रॉफिट से कमाई भी 20.8 फीसदी बढ़कर 122 करोड़ रुपये रही. कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन 13 फीसदी पर स्थिर रहा. सबसे खास बात रही कि टैक्स से पहले मुनाफा (Profit Before Tax) 100 फीसदी बढ़ा.
नेट प्रॉफिट 290 फीसदी उछलकर 10 करोड़ से 39 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी की प्रति शेयर आय (EPS) भी 2.48 रुपये से बढ़कर 9.22 रुपये हो गई, जो काफी बड़ी छलांग है. पिछले साल की इसी तिमाही यानी Q2FY25 से तुलना करें तो भी कंपनी के नतीजे मजबूत रहे. साल-दर-साल (YoY) आधार पर रेवेन्यू 12 फीसदी बढ़ा, ऑपरेटिंग प्रॉफिट 31 फीसदी बढ़ा और नेट प्रॉफिट 160 फीसदी उछला. यानी कंपनी के सभी आंकड़े बेहतरीन हैं.

बैलेंस शीट और फाइनेंशियल स्थिति
सितंबर 2025 तक कंपनी की नेट प्रॉफिट की मार्जिन (PAT Margin) 4.4 फीसदी और EBITDA मार्जिन 13.5 फीसदी रहा. कंपनी पर ज्यादा कर्ज नहीं है. नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो केवल 0.3 गुना और नेट डेट-टू-EBITDA 0.8 गुना है. हालांकि, कंपनी की ट्रेड रिसीवेबल्स 387 करोड़ रुपये से बढ़कर 475 करोड़ रुपये हो गई, जिससे यह अंदेशा है कि ग्राहकों से पेमेंट वसूलने में थोड़ा समय लग रहा है. वहीं ट्रेड पेएबल्स यानी देनदारियां भी 376 करोड़ रुपये से बढ़कर 442 करोड़ रुपये हो गई हैं.
ऑर्डर बुक और बिजनेस अपडेट
कंपनी को इस तिमाही में 878 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिले, जबकि पिछली तिमाही में 1004 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले थे. यानी नए ऑर्डर थोड़े कम आए हैं. लेकिन कंपनी का कुल ऑर्डर बैकलॉग यानी लंबित ऑर्डर 2146 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 21 फीसदी ज्यादा है. इसके अलावा, कंपनी ने ब्राजील की SEMCO Tecnologia em Processos Ltda. का acquisition पूरा कर लिया है. इससे कंपनी को दक्षिण अमेरिका में Mining, Metals & Minerals और Water Treatment के बाजार में प्रवेश मिलेगा. भारत में कंपनी का कारोबार बढ़िया चल रहा है. फार्मा, केमिकल और ऑयल-गैस जैसे सेक्टरों से ऑर्डर मजबूत बने हुए हैं. यूरोप में अभी पारंपरिक बाजार कमजोर हैं, लेकिन Defense Segment में अवसर बढ़े हैं. अमेरिका में भी “Make in US” अभियान के कारण शुरुआती सुधार दिख रहे हैं.
वित्तीय प्रदर्शन में काफी सुधरा
Trade Brains की खबर के अनुसार कंपनी के MD तरक पटेल ने कहा कि इस तिमाही में कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन काफी सुधरा है. उन्होंने बताया कि कंपनी की गैर-ग्लासलाइन बिजनेस यूनिट्स से भी अच्छा मुनाफा हुआ, जिससे यह साबित होता है कि कंपनी की diversification strategy सही दिशा में जा रही है. उन्होंने कहा कि भारत में ऑर्डर इंटेक मजबूत है और ऑर्डर बैकलॉग 21 फीसदी बढ़कर 2146 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. हालांकि उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि वैश्विक केमिकल मार्केट अभी भी कमजोर है. इसके पीछे ओवरकैपेसिटी, geopolitical tensions और trade uncertainties जैसी वजहें हैं. यानी आने वाले महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजारों से बहुत तेजी की उम्मीद नहीं की जा सकती.
शेयर क्यों गिरा?
अब सवाल यह है कि इतने शानदार नतीजों के बाद भी शेयर लगभग 9 फीसदी क्यों गिर गया? इसका जवाब निवेशकों की उम्मीदें पहले से ही बहुत ऊंची थीं. पिछले एक महीने में GMM Pfaudler के शेयर लगभग 21 फीसदी तक बढ़ चुके थे. यानी निवेशकों ने पहले ही अच्छे नतीजों की उम्मीद में खरीदारी कर ली थी. जब नतीजे आए, तो वे “इनलाइन” यानी उम्मीदों के मुताबिक ही रहे. ऐसे में कई निवेशकों ने प्रॉफिट बुकिंग शुरू कर दी.
दूसरी वजह कंपनी प्रबंधन का सावधानी भरा बयान रहा. उन्होंने साफ कहा कि वैश्विक केमिकल उद्योग में आगे भी सुस्ती रह सकती है. यह बयान निवेशकों को थोड़ा नकारात्मक लगा, क्योंकि इसका मतलब है कि आने वाले क्वार्टरों में ग्रोथ की रफ्तार सीमित रह सकती है. इसके अलावा, कंपनी के ऑर्डर इंटेक में तिमाही-दर-तिमाही गिरावट भी चिंता का कारण बनी. साथ ही ट्रेड रिसीवेबल्स में बढ़ोतरी से यह संकेत मिला कि कैश वसूली की गति थोड़ी धीमी है.
डेटा सोर्स: Trade Brains, Groww, BSE
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
Latest Stories
भारत की सबसे बड़ी टावर कंपनी पर Airtel का भरोसा! Indus Towers में बढ़ाई हिस्सेदारी, Vi बनी बड़ी चुनौती
AI, Drones और Space सेक्टर में ये 3 कंपनियां ला रही है क्रांति, मजबूत है ऑर्डर बुक; 5 साल में 188% तक रिटर्न
5 साल में 854% रिटर्न देने वाला शेयर फिर चर्चा में! BHEL को NTPC से मिला 6650 करोड़ रुपये का बड़ा ऑर्डर
