Mazagon Dock ने दिया 30 गुना रिटर्न, अब 50000 करोड़ के ऑर्डर के सहारे ये तीन शिपबिल्डर बन सकते हैं अगले मेगा मल्टीबैगर

भारत की डिफेन्स शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री तेज गति से बढ़ रही है और Mazagon Dock के बाद अब तीन निजी कंपनियां Garden Reach Cochin Shipyard और Swan Defence अगले बड़े प्लेयर के रूप में उभर रही है. इनकी ऑर्डर बुक आने वाले 5 से 10 साल की कमाई सुनिश्चित करती है.

Mazagon Dock के बाद अब तीन प्राइवेट कंपनियां अगले बड़े प्लेयर के रूप में उभर रही है. Image Credit: TV9 Bharatvarsh

Defence Sector Shipbuilding: भारत में डिफेन्स सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और इसी तेजी में शिपबिल्डिंग कंपनियो का रोल लगातार मजबूत हो रहा है. मझगांव डॉक ने पिछले पांच सालो में 30 गुना रिटर्न देकर निवेशकों के लिए बड़ा वेल्थ क्रिएटर साबित हुआ है. अब सवाल यह है कि अगला मझगांव कौन होगा. तीन शिपबिल्डर Garden Reach Shipbuilders Cochin Shipyard और Swan Defence अपनी कैपेसिटी ऑर्डर बुक और भविष्य के बिजनेस मॉडल के कारण अगली बड़ी छलांग के लिए तैयार माने जा रहे है. इन कंपनियो की ऑर्डर बुक अगले कई सालो की कमाई सुनिश्चित करती है.

Garden Reach Shipbuilders

Garden Reach Shipbuilders भारत की प्रमुख शिपबिल्डिंग कंपनी है और छोटे जहाजो के मैन्युफैक्चरिंग में इसकी सबसे ज्यादा पकड़ है. कंपनी ने अब तक 111 वारशिप नेवी और कोस्ट गार्ड को दी है. इसके पास 40 जहाज बना रही है. कंपनी छोटे वेसेलो सेंसर और नेवल गन जैसी खास तकनीक पर भी काम कर रही है. साथ ही श्रीलंका मालदीव और अन्य देशों के लिए रिपेयर का काम भी करती है. इसके शेयर शुक्रवार को 5.36 फीसदी की तेजी के साथ 1897 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 1393 फीसदी का रिटर्न दिया है.

10 साल की मजबूत विजिबिलिटी

कंपनी 2026 तक अपनी ऑर्डर बुक 500 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान लगा रही है जो अभी 202 बिलियन है. कंपनी ने Next Generation Corvette प्रोजेक्ट में L1 बिड हासिल की है जिसकी वैल्यू 250 बिलियन है. अगर P7 Bravo प्रोजेक्ट भी मिल जाता है तो ऑर्डर बुक अगले 18 महीनों में 750 बिलियन को पार कर सकती है. सात नए बड़े प्रोजेक्ट पर भी काम हो रहा है जिनकी कुल वैल्यू 1.5 ट्रिलियन के करीब है.

Cochin Shipyard

Cochin Shipyard कम्पलैक्स और बड़े जहाज बनाने के लिए भारत की प्रमुख कंपनी है. यह भारत का पहला Indigenous Aircraft Carrier बनाने वाला शिपयार्ड है. कंपनी की नई रणनीति CRUISE 2030 2.0 उसे लंबे समय तक वैश्विक स्तर पर कंपटीशन बनाएगी. कंपनी की मौजूदा ऑर्डर बुक 211 बिलियन की है जो 4 साल की कमाई की गारंटी देती है. इसके शेयर शुक्रवार को 1.35 फीसदी की तेजी के साथ 1725 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 908 फीसदी का रिटर्न दिया है.

तेजी से बढ़ रही है कैपेसिटी

कंपनी ने दक्षिण कोरिया की HD KSOE के साथ साझेदारी की है ताकि तकनीक और मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को बढ़ाया जा सके. Kochi और Vadinar में Ship Repair Cluster बनाने के लिए भी समझौते किए गए है. Maersk के साथ साइन हुए MOU से कंपनी अपनी रिपेयर क्षमता बढ़ा सकेगी. कंपनी ने अपने रेवेन्यू में 6.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है हालांकि मुनाफे में गिरावट देखी गई है.

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Swan Defence

Swan Defence पहले Reliance Naval थी और देश की सबसे बड़ी ड्राई डॉक सुविधा वाली निजी कंपनी है. इसके पास बड़े जहाज एक साथ बनाने की क्षमता है. कंपनी कोस्ट गार्ड के कई प्रोजेक्ट समय से पहले पूरा कर चुकी है. कंपनी अब अपनी ऑर्डर बुक को बढ़ाकर क्षमता का अधिकतम उपयोग करना चाहती है. जहाज रिपेयर और लाइफ एक्सटेंशन मार्केट में इसके पास बड़े अवसर है. इसने अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में 34,000 फीसदी का रिटर्न दिया है.

निवेशकों के लिए संकेत

GRSE और Cochin दोनों अपनी Median P E Ratio से ऊपर ट्रेड कर रहे है जो बाजार की बड़ी उम्मीद को दिखाता है. Swan Defence नई होने के कारण वैल्यूएशन स्पष्ट नहीं है. हालांकि तीनों कंपनियों के पास मल्टी ईयर ऑर्डर पाइपलाइन है जो उन्हें अगले मझगांव बनने की संभावना देती है. निवेशकों के लिए आगे की तेजी इस बात पर निर्भर करेगी कि ये कंपनियां अपनी ऑर्डर बुक को कितनी तेजी और कुशलता से डिलीवरी में बदलती है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.