PEG रेशियो 1 से नीचे! Suzlon सहित इन कंपनियों में है निवेश का मौका? जानें क्या है स्टॉक और फंडामेंटल का हाल
PEG Ratio निवेशकों को बताता है कि कोई शेयर महंगा है या सस्ता. जानिए Suzlon Energy, Ashoka Buildcon और KNR Constructions जैसी कंपनियों का PEG Ratio, उनकी वित्तीय स्थिति और शेयर प्रदर्शन की पूरी डिटेल. ताकि निवेश से पहले आप सही फैसला ले सकें.

Low PEG Ratio Stocks: शेयर बाजार में निवेश करने से पहले किसी कंपनी के मूल्यांकन और उसकी ग्रोथ क्षमता को समझना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए कई फाइनेंशियल रेशियो का इस्तेमाल किया जाता है. इन्हीं में से एक है PEG Ratio यानी Price-to-Earnings Growth Ratio. यह रेशियो बताता है कि किसी कंपनी का शेयर उसकी कमाई और ग्रोथ रेट के हिसाब से महंगा है या सस्ता.
क्या है PEG Ratio?
इसे निकालने का फॉर्मूला है- P/E Ratio को Earnings Growth Rate से भाग देना. अगर किसी कंपनी का PEG Ratio 1 के बराबर है, तो माना जाता है कि शेयर अपनी ग्रोथ के हिसाब से ठीक-ठाक दाम पर है. वहीं, अगर PEG 1 से कम है, तो यह संकेत देता है कि शेयर अंडरवैल्यूड हो सकता है यानी उसकी कीमत ग्रोथ क्षमता के मुकाबले कम है. दूसरी ओर, PEG अगर 1 से ज्यादा है तो यह माना जाता है कि शेयर महंगा हो सकता है. यही वजह है कि निवेशक PEG Ratio को शेयर चुनने के लिए एक अहम संकेतक मानते हैं.
Suzlon Energy Ltd
अब बात करते हैं उन कंपनियों की जिनका PEG Ratio काफी आकर्षक स्तर पर है और जिनकी वित्तीय स्थिति भी मजबूत दिख रही है. सबसे पहले नाम आता है Suzlon Energy Ltd का. यह कंपनी भारत की लीडिंग रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों में गिनी जाती है और खासतौर पर विंड टरबाइन बनाने और इंस्टॉल करने में इसकी पहचान है. 1995 में स्थापित और पुणे में मुख्यालय वाली इस कंपनी का कारोबार कई देशों में फैला है. सुजलॉन का मार्केट कैप करीब 77,593 करोड़ है और इसका PEG Ratio मात्र 0.19 है. इतना ही नहीं, कंपनी का ROE 33.93 फीसदी और ROCE 32.4 फीसदी दर्ज किया गया है, जबकि इसका Debt-to-Equity Ratio मात्र 0.05 है. यानी कंपनी पर कर्ज बहुत कम है और मुनाफा देने की क्षमता काफी अधिक है.
शेयरों का प्रदर्शन?
शु्क्रवार, 12 सितंबर को सुजलॉन के शेयर हरे निशान में कारोबार करते हुए 57.07 रुपये पर बंद हुआ. पिछले 1 साल में इसमें 32.04 फीसदी की गिरावट आई. हालांकि, 5 साल के दौरान यह 1,784 फीसदी का दमदार रिटर्न भी दिया है.
Ashoka Buidcon Ltd
दूसरा नाम है Ashoka Buildcon Ltd का. यह कंपनी देश के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की बड़ी खिलाड़ी है और मुख्य रूप से हाईवे, रोड, ब्रिज और पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स पर काम करती है. 1976 में स्थापित इस कंपनी ने EPC और BOT दोनों मॉडल में मजबूत पकड़ बनाई है. अशोका बिल्डकॉन का मार्केट कैप करीब 5,231 करोड़ रुपये है और इसका PEG Ratio केवल 0.06 है, जो इसे बेहद आकर्षक बनाता है. कंपनी का ROE 43.27 फीसदी और ROCE 39.7 फीसदी है, जो इसके शानदार प्रदर्शन को दर्शाता है. हालांकि इसका Debt-to-Equity Ratio 0.51 है, फिर भी कंपनी के आंकड़े निवेशकों के लिए भरोसेमंद नजर आते हैं.
शेयरों का प्रदर्शन?
शुक्रवार, 12 सितंबर को स्टॉक 1.06 फीसदी की गिरावट के साथ 186.35 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुआ. 1 साल के दौरान इसमें 27 फीसदी की गिरावट आई हालांकि, 5 साल में शेयर 168 फीसदी तक चढ़ा है.
KNR Construction Ltd
तीसरी कंपनी है KNR Constructions Ltd. यह कंपनी सड़क और हाईवे निर्माण के क्षेत्र में जानी जाती है. 1995 में स्थापित हुई यह कंपनी कई राज्यों में EPC और BOT प्रोजेक्ट्स पर काम करती है. साथ ही यह सिंचाई और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में भी सक्रिय है. KNR Constructions का मार्केट कैप करीब 5,512 करोड़ रुपये है और इसका PEG Ratio 0.12 है. कंपनी का ROE 24.52 फीसदी और ROCE 28.6 फीसदी है, जबकि Debt-to-Equity Ratio 0.41 है. यानी कंपनी स्थिर ग्रोथ दिखा रही है और इसके वित्तीय संकेतक भी मजबूत हैं.
कैसा है शेयरों का प्रदर्शन?
शुक्रवार, 12 सितंबर को शेयर लाल रंग में कारोबार करते हुए 196 रुपये पर बंद हुआ. सालभर में स्टॉक ने 44 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया और 5 साल के दौरान इसमें केवल 50.77 फीसदी की तेजी आई.
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डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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