₹900 अरब का ऑर्डर, 1594% का रिटर्न… रेलवे बूम का बड़ा खिलाड़ी RVNL, जानिए क्यों टिकी निवेशकों की निगाहें
Rail Vikas Nigam Ltd (RVNL) सीधे तौर पर रेलवे के बड़े प्रोजेक्ट्स को जमीन पर उतारने का काम करती है. निवेशकों के मन में सवाल है कि क्या आने वाले समय में RVNL का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है या हाल की कमजोरियों का असर बना रहेगा.
RVNL: भारत इस समय रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है. नई रेल लाइनें, ट्रैक डबलिंग, रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन, स्टेशन रिडेवलपमेंट और लॉजिस्टिक्स सुधार हर मोर्चे पर सरकार का फोकस साफ दिखता है. साल 2026 तक फुल इलेक्ट्रिफिकेशन, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) और ग्रीन एनर्जी जैसे सोलर स्टेशन रेलवे के भविष्य को नई दिशा दे रहे हैं. इसी वजह से रेलवे से जुड़ी कंपनियों में निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बनी हुई है.
इन्हीं कंपनियों में एक अहम नाम है Rail Vikas Nigam Ltd (RVNL). यह कंपनी सीधे तौर पर रेलवे के बड़े प्रोजेक्ट्स को जमीन पर उतारने का काम करती है. निवेशकों के मन में सवाल है कि क्या आने वाले समय में RVNL का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है या हाल की कमजोरियों का असर बना रहेगा. आज हम RVNL की ताकत, चुनौतियों और आगे की संभावनाओं को विस्तार से समझने की कोशिश करेंगे.
RVNL क्या काम करती है?
RVNL एक सरकारी कंपनी है. यह रेल मंत्रालय की ओर से रेलवे प्रोजेक्ट्स को लागू करती है. इसका काम नई रेल लाइन बनाना, ट्रैक डबलिंग, गेज कन्वर्जन, रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन, बड़े पुल और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को पूरा करना है. कंपनी रेलवे के अलग-अलग जोन के साथ मिलकर इन प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने की जिम्मेदारी निभाती है.
शेयरों का प्रदर्शन
मजबूत ऑर्डर बुक से मिलती है आगे की कमाई की झलक
RVNL की सबसे बड़ी ताकत इसका मजबूत ऑर्डर बुक है. फिलहाल कंपनी के पास करीब ₹900 अरब का ऑर्डर मौजूद है. इसमें लगभग ₹430 अरब के पुराने रेलवे प्रोजेक्ट्स हैं, जबकि ₹460 अरब के ऑर्डर कंपनी ने खुले टेंडर के जरिए हासिल किए हैं. इसका मतलब यह है कि अगले कुछ सालों तक कंपनी के पास काम की अच्छी विजिबिलिटी बनी हुई है.
RVNL अब धीरे-धीरे सिर्फ रेलवे तक सीमित नहीं रहना चाहती. कंपनी मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क के सेक्टर में भी उतर चुकी है और फिलहाल 4 ऐसे पार्क ऑपरेशन के लिए तैयार किए जा रहे हैं. इसके अलावा कंपनी HAM मॉडल वाले प्रोजेक्ट्स में भी हिस्सा ले रही है, जहां 20 से 25 साल तक स्थिर कमाई की संभावना रहती है.
रेवेन्यू ग्रोथ को लेकर मैनेजमेंट का अनुमान
मैनेजमेंट के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू ₹200 से ₹220 अरब के बीच रह सकता है. FY27 में इसे कम से कम 10% बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए कंपनी ऐसे प्रोजेक्ट्स पर ज्यादा फोकस कर रही है, जिनका काम जल्दी पूरा हो सके और कैश फ्लो बेहतर रहे. कंपनी ने साफ किया है कि आगे ऐसे प्रोजेक्ट्स चुने जाएंगे, जिनमें मुनाफा ज्यादा हो. HAM मॉडल के प्रोजेक्ट्स में मुकाबला कम होता है, जिससे मार्जिन बेहतर रहने की उम्मीद है. इसके अलावा RVNL विदेशों में भी प्रोजेक्ट्स लेने की कोशिश कर रही है, जहां घरेलू प्रोजेक्ट्स की तुलना में मार्जिन ज्यादा मिल सकता है.
| Rs m | FY23 | FY24 | FY25 |
|---|---|---|---|
| रेवेन्यू | 202,816 | 218,785 | 199,230 |
| ऑपरेटिंग प्रॉफिट | 22,429 | 25,387 | 21,249 |
| नेट प्रॉफिट मार्जिन (%) | 6.6 | 7.1 | 6.4 |
| प्रॉफिट आफ्टर टैक्स | 13,418 | 15,509 | 12,815 |
शेयरहोल्डिंग पैटर्न
चुनौतियां भी कम नहीं
RVNL की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि वह अब भी बड़े पैमाने पर रेलवे पर निर्भर है. पिछले कुछ सालों में कंपनी के रेवेन्यू में खास बढ़ोतरी नहीं हुई है. इस दौरान रेवेन्यू की सालाना बढ़त सिर्फ 0.9% रही, जबकि मुनाफा 4.9% की दर से बढ़ा. इसके अलावा सरकारी खर्च में किसी भी तरह की कटौती या टेंडर प्रक्रिया में बदलाव कंपनी के ऑर्डर पर असर डाल सकता है.
आगे की तस्वीर क्या कहती है?
Amrit Kaal Vision 2047 और FY26 में रेलवे के लिए ₹2,652 अरब के कैपेक्स से सेक्टर को मजबूत सपोर्ट मिल रहा है. हालिया नतीजों में भले ही मुनाफा दबाव में दिखा हो, लेकिन मजबूत ऑर्डर बुक और इंफ्रास्ट्रक्चर पुश RVNL के लिए अगले 3 साल को अहम बना सकते हैं. निवेशकों को किसी भी फैसले से पहले कंपनी के नतीजों, एक्जीक्यूशन और वैल्यूएशन पर ध्यान देना जरूरी होगा.
डेटा सोर्स: Groww, Equity Master, Trendlyne
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