2025 में सोना-चांदी-तांबे ने लूटी महफिल, 15-15 हजार के निवेश से बना 1 लाख का फंड, बैंक निफ्टी ने बाजार को पछाड़ा

2025 का साल निवेशकों के लिए कमोडिटी का रहा. जहां शेयर बाजार के सूचकांक सिर्फ 10 फीसदी ही आगे बढ़े, वहीं कीमती धातुओं ने कमाल कर दिया. चांदी की कीमतें 130-150 फीसदी तक उछलीं, सोना 70-80 फीसदी चढ़ा और तांबा भी 40 फीसदी मजबूत हुआ. 15,000 रुपये का निवेश कमोडिटी में सबसे ज्यादा कमाई देता.

Gold-Silver-Copper-Bank Nifty Return: 2025 का साल निवेशकों के लिए कमोडिटी का रहा. जहां शेयर बाजार के इंडेक्स थोड़ा आगे बढ़े, वहीं कीमती धातुओं ने बाजी मार ली. चांदी सबसे तेज दौड़ी, सोना मजबूती से चला और तांबा भी अच्छा साथ निभाया. यानी यह साल कमोडिटी का ही रहा. अगर 1 जनवरी 2025 को हर एसेट में 15,000 रुपये लगाए होते, तो दिसंबर के अंत तक लगभग 1 लाख रुपये का पोर्टफोलियो तैयार हो जाता.

चांदी सबसे आगे

चांदी इस साल की स्टार कमोडिटी रही. औद्योगिक मांग बढ़ने, सप्लाई कम होने और सुरक्षित निवेश की खरीदारी से कीमतें 130-150फीसदी तक चढ़ गईं. चांदी की कीमत 2,32,000 रुपये प्रति किलोग्राम के करीब पहुंच गई.

15,000 रुपये हो जाते करीब 34,500

अगर साल के शुरू में चांदी में 15,000 रुपये का निवेश किया होता तो 130 फीसदी की तेजी के बाद 15 हजार रुपये अब 34,500 रुपये से हो चुके होते. चांदी इस तुलना में सबसे अच्छा एसेट साबित हुई. यानी एक साल में इसने दो गुना रिटर्न दिया है.

सोना बना सुरक्षित निवेश

सोने की कीमतें 70-80फीसदी बढ़ीं. दुनिया में अनिश्चितता, सेंट्रल बैंक की खरीदारी और ब्याज दरें कम होने की उम्मीद से सोना चमका. 24 कैरेट सोने की कीमत 1,38,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर चली गई.

15,000 बना 25 हजार

अगर मान लिया जाए कि किसी निवेशक ने साल के शुरुआत में सोने में 15,000 रुपये का निवेश किया होगा तो अब उनके पास कुल रिटर्न 25500 रुपये बन गया होगा.

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तांबे ने भी किया है मालामाल

इस साल तांबे की कीमतें करीब 40फीसदी बढ़ीं. सप्लाई कम होने और बिजली, इंफ्रा से मांग बढ़ने से इसकी कीमतों में तेजी आई है. दिसंबर में तेज रैली से कीमतें 12,000 डॉलर प्रति टन से ऊपर पहुंचीं.

सोने-चांदी से पीछे रहा तांबा

तांबे ने भी निवेशकों को मालामाल किया है. 35 फीसदी की दर से 15000 रुपये के निवेश 20,250 बना गया है, लेकिन सोना-चांदी से काफी पीछे रहा. इस साल कई खदानों में समस्या और अमेरिकी टैरिफ की आशंका से तांबा 40फीसदी चढ़ा, जो 2009 के बाद सबसे बड़ा उछाल है.

बैंक निफ्टी ने बाजार को पछाड़ा

2025 में भारतीय शेयर बाजार कमोडिटी की तुलना में पीछे रहा. निफ्टी 50 सिर्फ 10 फीसदी ही ऊपर चढ़ा, यानी 15,000 रुपये का निवेश बढ़कर करीब 16,500 रुपये हो गया. वहीं बैंक निफ्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया और 15फीसदी से ज्यादा की बढ़त हासिल की, जिसकी वजह क्रेडिट ग्रोथ में तेजी और स्थिर एसेट क्वालिटी रही. यहां 15,000 रुपये का निवेश अब लगभग 17,250 रुपये बन गया.