बाजार डगमगाया, लेकिन भरोसा नहीं टूटा… 2025 में SIP पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पार, निवेशकों ने दिखाया लंबी रेस का दम
साल 2025 में म्यूचुअल फंड योजनाओं में SIP के जरिए कुल ₹3.04 लाख करोड़ का निवेश हुआ है. यह आंकड़ा नवंबर 2025 तक का है. तुलना करें तो पूरे साल 2024 में SIP निवेश ₹2.69 लाख करोड़ रहा था. यानी एक साल में निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है.
SIP inflows: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव नया नहीं है. कभी तेजी, कभी गिरावट इन सबके बीच आम निवेशक अक्सर असमंजस में रहते हैं कि निवेश करे या रुक जाए. लेकिन साल 2025 में एक बात साफ दिखाई दी है कि निवेशक घबराने के बजाय अनुशासन के साथ आगे बढ़ रहे हैं. यही वजह है कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP के जरिए निवेश ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है.
हर महीने तय रकम निवेश करने की यह आदत अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि करोड़ों निवेशकों की पहली पसंद बन चुकी है. बाजार में गिरावट के बावजूद निवेशकों ने SIP नहीं रोका, बल्कि भरोसे के साथ निवेश जारी रखा. नतीजा यह रहा कि 2025 में SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में आने वाला पैसा पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पार पहुंच गया. यह बदलाव बताता है कि भारतीय निवेशक अब लंबी अवधि की सोच के साथ आगे बढ़ रहा है.
2025 में SIP निवेश ने बनाया नया रिकॉर्ड
साल 2025 में म्यूचुअल फंड योजनाओं में SIP के जरिए कुल ₹3.04 लाख करोड़ का निवेश हुआ है. यह आंकड़ा नवंबर 2025 तक का है. तुलना करें तो पूरे साल 2024 में SIP निवेश ₹2.69 लाख करोड़ रहा था. यानी एक साल में निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है. यह जानकारी Association of Mutual Funds in India (AMFI) के आंकड़ों से सामने आई है.
लंपसम निवेश घटा, SIP बना सहारा
साल 2025 में जहां SIP निवेश बढ़ा, वहीं एकमुश्त यानी लंपसम निवेश में गिरावट देखी गई. अक्टूबर 2025 तक एक्टिव इक्विटी फंड्स में लंपसम निवेश ₹3.9 लाख करोड़ रहा, जबकि 2024 में यह ₹5.9 लाख करोड़ था. विशेषज्ञ मानते हैं कि लंपसम निवेश करने वाले निवेशक अक्सर बाजार को समय देने की कोशिश करते हैं, जबकि SIP निवेशक धीरे-धीरे और लंबे समय के लिए निवेश करते हैं.
इक्विटी फंड्स में SIP की हिस्सेदारी बढ़ी
साल 2025 के पहले 10 महीनों में एक्टिव इक्विटी स्कीम्स में आने वाले कुल निवेश का 37% हिस्सा SIP से आया. वहीं 2024 में यह हिस्सा सिर्फ 27% था. इससे साफ है कि निवेशक अब जोखिम भरे बाजार में भी नियमित निवेश को ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं. SIP निवेश का बड़ा हिस्सा इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में जाता है. कुल SIP निवेश का करीब 80% पैसा एक्टिव इक्विटी स्कीम्स में लगाया गया. विशेषज्ञों का कहना है कि SIP खास तौर पर ऐसे एसेट क्लास के लिए सही माना जाता है, जहां उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है.
SIP अकाउंट घटे, लेकिन निवेश बढ़ा
दिलचस्प बात यह है कि साल 2025 में SIP के एक्टिव अकाउंट्स की संख्या थोड़ी घटी है. नवंबर 2025 में कुल सक्रिय SIP अकाउंट्स की संख्या 10 करोड़ रही, जबकि दिसंबर 2024 में यह 10.3 करोड़ थी. इसकी वजह साल की शुरुआत में बाजार में गिरावट और फंड हाउसों द्वारा किया गया डेटा क्लीन-अप बताया जा रहा है. इसके बावजूद निवेश की रकम बढ़ना निवेशकों की मजबूती दिखाता है.
SIP बना म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की रीढ़
ICRA Analytics की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2025 तक SIP से जुड़ा एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹16.53 लाख करोड़ तक पहुंच गया. यह म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कुल AUM का 20 फीसदी से ज्यादा है. रिपोर्ट के अनुसार, SIP अब इंडस्ट्री के लिए सबसे मजबूत और भरोसेमंद ग्रोथ इंजन बन चुका है, जो लंबी अवधि में संपत्ति निर्माण और निवेशक भागीदारी दोनों को बढ़ा रहा है. साल 2025 के आंकड़े साफ बताते हैं कि भारतीय निवेशक अब बाजार के शोर से ज्यादा अपने लक्ष्य पर ध्यान दे रहा है. SIP सिर्फ निवेश का तरीका नहीं, बल्कि एक आदत बन चुकी है जो बाजार चाहे जैसा भी हो, निवेशकों को टिके रहने की ताकत देती है.
डेटा सोर्स: Groww, BS
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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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