SEBI की बड़ी तैयारी! मार्केट लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए F&O, शॉर्ट सेलिंग और बायबैक नियमों की होगी पूरी समीक्षा

सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा है कि भारत के पूंजी बाजार अब सिर्फ अर्थव्यवस्था का आईना नहीं, बल्कि उसके विकास का प्रमुख स्तंभ हैं. उन्होंने बताया कि इस साल अब तक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी पब्लिक इश्यू के जरिए जुटाई गई है और सेबी अब नए सुधारों की तैयारी में है.

शेयर मार्केट Image Credit: FreePik

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा है कि भारत के कैपिटल मार्केट अब केवल आर्थिक विकास का प्रतिबिंब नहीं, बल्कि उसके मुख्य स्तंभ बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था “असाधारण वृद्धि और मजबूती” दिखा रही है, और अब Equity Market देश के विकसित भारत (Viksit Bharat) के सपनों के केंद्र में हैं.
CNBC-TV18 ग्लोबल लीडरशिप समिट 2025 में बोलते वक्त सेबी चीफ तुहिन कांत पांडे ने भारत के फाइनेंशियल एक्सपेंशन के अगले चरण के लिए एक रिफॉर्म-ड्रिवन रोडमैप पेश किया.

सेबी प्रमुख ने बताया कि इस साल अब तक करीब 2 लाख करोड़ रुपये की राशि पब्लिक इश्यूज के जरिए जुटाई गई है. उन्होंने कहा कि सेबी का उद्देश्य कैपिटल जुटाने की प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और समावेशी बनाना है. पांडे ने कहा, “भारत का डोमैस्टिक कैपिटल एक ऐसा मजबूत सोर्स है, जिसे और बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है.” उन्होंने घरेलू बचत और संस्थागत निवेशकों की बढ़ती भागीदारी को बाजार की लिक्विडिटी और स्थिरता का बड़ा कारण बताया.

डेरिवेटिव्स और मार्केट स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव की तैयारी

तुहिन कांत पांडे ने कहा कि सेबी जल्द ही एक नया ऑप्शंस फ्रेमवर्क लाने जा रहा है, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप होगा लेकिन भारत की जरूरतों के हिसाब से अनुकूलित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि साप्ताहिक F&O सेटलमेंट्स से बाजार में अधिक स्पष्टता आई है और सेबी इसे नियामकीय निगरानी में बनाए रखेगा. साथ ही, शॉर्ट-सेलिंग और सिक्योरिटीज लेंडिंग-बोरोइंग मैकेनिज्म की भी समीक्षा की जाएगी ताकि बाजार की ग्रोथ बढ़ाई जा सके.

म्यूचुअल फंड और बॉन्ड मार्केट पर फोकस

सेबी प्रमुख ने कहा कि भारत में म्यूचुअल फंड्स अभी भी एक अंडरयूज्ड सेक्टर हैं. भारत में म्यूचुअल फंड की संपत्ति GDP के 25 फीसदी से भी कम है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह कहीं अधिक है. उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में 15 फीसदी लोग सिक्योरिटीज मार्केट में निवेश करते हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा मात्र 6 फीसदी है. सेबी अब बायबैक नॉर्म्स और लिस्टिंग डिस्क्लोजर फ्रेमवर्क की भी समीक्षा करेगा ताकि पारदर्शिता बढ़े और निवेशकों का भरोसा मजबूत हो.

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तुहिन पांडे ने कहा कि सेबी का टारगेट है कि भारत का बाजार “फ्यूचर-रेडी” हो, जहां नियम न तो बहुत कड़े हों, न बहुत ढीले. उन्होंने कहा, “पारदर्शिता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.” आखिर में उन्होंने कहा कि सुधार और मजबूती के साथ भारत के बाजार देश की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम हैं.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.

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