Nifty Bank के लिए सेबी का नया नियम, HDFC और ICICI Bank की घटेगी वेटेज, 4 नए बैंक होंगे शामिल!

इन बदलावों के बाद HDFC Bank और ICICI Bank जैसे दिग्गज बैंकों पर वेटेज घटने का दबाव रहेगा, जिससे इंडेक्स में उनका प्रभाव थोड़ा कम हो सकता है. वहीं, पब्लिक सेक्टर बैंकों के लिए यह बड़ा अवसर होगा, क्योंकि नई एंट्री से उनकी ट्रेडिंग वॉल्यूम दोनों बढ़ सकते हैं.

सेबी Image Credit: Getty image

अब बैंक निफ्टी पर एक बड़ा फेरबदल होने वाला है. मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने निफ्टी बैंक इंडेक्स से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनका सीधा असर इंडेक्स में शामिल प्रमुख बैंकों जैसे HDFC Bank, ICICI Bank और SBI पर पड़ेगा. इन बदलावों के बाद इंडेक्स की संरचना में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है, जिससे आने वाले महीनों में निफ्टी बैंक के कंपोजिशन और वेटेज दोनों पर असर देखने को मिलेगा.

टॉप बैंकों की वेटेज में होगी कटौती

सेबी के नए सर्कुलर के मुताबिक, किसी भी इंडेक्स में शामिल शीर्ष शेयरों का अधिकतम वेटेज अब 33 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं, टॉप तीन शेयरों का ज्वाइंट वेटेज 62 प्रतिशत से घटाकर 45 प्रतिशत किया जाएगा. इसका मतलब है कि निफ्टी बैंक के तीन सबसे बड़े घटक HDFC Bank, ICICI Bank और SBI की हिस्सेदारी अब धीरे-धीरे कम की जाएगी.

30 सितंबर तक HDFC Bank की निफ्टी बैंक में वेटेज 28.49 प्रतिशत थी, ICICI Bank की 24.38 प्रतिशत और SBI की 9.17 प्रतिशत. इनके बाद Kotak Mahindra Bank (8.97 प्रतिशत) और Axis Bank (8.78 प्रतिशत) टॉप फाइव बैंकों में शामिल हैं.

इंडेक्स में शामिल होंगे और बैंक

सेबी ने यह भी कहा है कि जिन नॉन-बेंचमार्क इंडेक्स पर डेरिवेटिव्स ट्रेड होते हैं (जैसे निफ्टी बैंक), उनमें कम से कम 14 शेयर होने जरूरी हैं. फिलहाल निफ्टी बैंक में 12 बैंक शामिल हैं. इसका मतलब है कि इसमें चार नए बैंक जोड़े जाएंगे.

संभावना है कि Yes Bank, Indian Bank, Union Bank of India और Bank of India निफ्टी बैंक में शामिल हो सकते हैं. यह बदलाव चरणबद्ध तरीके से किए जाएंगे. कुल चार चरणों में, जिनकी प्रक्रिया मार्च 2026 तक पूरी होगी. पहला एडजस्टमेंट दिसंबर 2025 में किया जाएगा.

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निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा?

इन बदलावों के बाद HDFC Bank और ICICI Bank जैसे दिग्गज बैंकों पर वेटेज घटने का दबाव रहेगा, जिससे इंडेक्स में उनका प्रभाव थोड़ा कम हो सकता है. वहीं, पब्लिक सेक्टर बैंकों के लिए यह बड़ा अवसर होगा, क्योंकि नई एंट्री से उनकी ट्रेडिंग वॉल्यूम दोनों बढ़ सकते हैं.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.