बैंक निफ्टी में बड़ा बदलाव, अब 12 से बढ़कर 14 बैंक होंगे शामिल, वेटेज 20% से ज्यादा नहीं; कम होगा जोखिम
सेबी ने यह भी तय किया है कि बैंक निफ्टी के टॉप 3 बैंकों का वेटेज 45 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता. अभी यह करीब 62 प्रतिशत है. इस बदलाव का सीधा असर उन तीन बड़े बैंकों पर पड़ेगा, जिनका बैंक निफ्टी में सबसे ज्यादा हिस्सा है. इसमें HDFC Bank, ICICI Bank और SBI शामिल है.
 
 
            Sebi increases Bank Nifty stocks: भारतीय बाजार नियामक (SEBI) ने बैंक निफ्टी इंडेक्स (Bank Nifty) से जुड़े डेरिवेटिव्स के लिए नए नियम लागू किए हैं. इन नियमों का मकसद है इंडेक्स को ज्यादा संतुलित बनाना, ताकि कुछ बड़े बैंकों पर निर्भरता कम हो और निवेशकों का जोखिम घटे. अब तक बैंक निफ्टी इंडेक्स में 12 बैंक शामिल थे, लेकिन नए नियमों के अनुसार इसमें कम से कम 14 बैंक होना जरूरी होगा. यानी आने वाले समय में इस इंडेक्स में दो और बैंक जोड़े जाएंगे. इसके साथ ही, इंडेक्स में किसी एक बैंक का वेटेज अब 20 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगा. अभी तक यह सीमा 33 प्रतिशत थी. इसका मतलब यह हुआ कि अब कोई भी बैंक इंडेक्स पर बहुत ज्यादा हावी नहीं रहेगा.
टॉप 3 बैंकों का वेटेज 45 प्रतिशत से ज्यादा नहीं
सेबी ने यह भी तय किया है कि बैंक निफ्टी के टॉप 3 बैंकों का वेटेज 45 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता. अभी यह करीब 62 प्रतिशत है. इस बदलाव का सीधा असर उन तीन बड़े बैंकों पर पड़ेगा, जिनका बैंक निफ्टी में सबसे ज्यादा हिस्सा है. इसमें HDFC Bank, ICICI Bank और SBI शामिल है. इन तीनों बैंकों के वेटेज को धीरे-धीरे घटाया जाएगा ताकि इंडेक्स ज्यादा संतुलित दिखे.
सेबी ने कहा है कि यह बदलाव एकदम से नहीं होंगे, बल्कि चार चरणों में होंगे. पहला चरण दिसंबर 2025 में लागू किया जाएगा और बाकी तीन चरण मार्च 2026 तक पूरे किए जाएंगे. इस तरह से फंड मैनेजरों और म्यूचुअल फंड्स को समय मिलेगा कि वे अपने निवेश को धीरे-धीरे एडजस्ट कर सकें. सेबी का कहना है कि यह प्रक्रिया ‘ऑर्डरली एडजस्टमेंट ऑफ एसेट्स’ यानी निवेशकों के फंड्स को संतुलित तरीके से बदलने के लिए बनाई गई है, ताकि अचानक से कोई झटका न लगे. जब बड़े बैंकों का वेटेज घटेगा, तो वह हिस्सा छोटे बैंकों में बांटा जाएगा. इससे इंडेक्स में शामिल दूसरे बैंकों को ज्यादा जगह मिलेगी.
बैंक निफ्टी में ये बैंक हैं शामिल
फिलहाल बैंक निफ्टी में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, फेडरल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल है. नए नियमों के तहत कुछ नए बैंक भी जोड़े जा सकते हैं जैसे YES Bank, Indian Bank, Union Bank of India) और Bank of India. इससे इंडेक्स में सरकारी और प्राइवेट बैंकों का बेहतर संतुलन बनेगा.
सेबी ने यह भी कहा है कि बाकी वित्तीय इंडेक्स जैसे BSE Bankex और NSE FinNifty में यह बदलाव दिसंबर 2025 तक एक ही बार में लागू किए जाएंगे. यह फैसला सेबी के मई 2025 के सर्कुलर के बाद आया है, जिसमें गैर-बेंचमार्क इंडेक्स पर डेरिवेटिव्स के लिए नए नियम बनाए गए थे. इसका मकसद है निवेशकों को बेहतर सुरक्षा देना और इंडेक्स को ज्यादा पारदर्शी बनाना.
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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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