GST और फेस्टिव सीजन का डबल डोज: ये 5 कंपनियां बन सकती हैं मुनाफेदार, खपत की लहर से चढ़ेगा शेयर
भारतीय शेयर बाजार में खपत की कहानी एक नए मोड़ पर है। आने वाले महीनों में कई बड़े बदलाव आम लोगों की जेब पर असर डाल सकते हैं. जानकार मानते हैं कि इस बार त्योहारी सीजन निवेशकों के लिए भी खास होने वाला है. लेकिन कौन से शेयर इस लहर का फायदा उठाएंगे?

भारत की अर्थव्यवस्था में खपत की कहानी एक बार फिर से नए दौर की तरफ बढ़ती दिख रही है. लंबे समय से घरेलू खपत में सुस्ती रही थी, लेकिन अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं. टैक्स कटौती का असर, संभावित GST रियायतें, त्योहारी सीजन का उत्साह, अच्छा मानसून और आने वाला आठवां वेतन आयोग, ये सभी कारक उपभोक्ताओं की जेब में ज्यादा पैसा डालने वाले हैं. जब आम लोगों की आय बढ़ती है तो उसका सीधा असर उनकी खरीदारी पर पड़ता है. यही वजह है कि बाजार में खपत आधारित कंपनियों के शेयरों की ओर निवेशकों का ध्यान तेजी से बढ़ रहा है.
ऐसे समय में जब भारतीय मध्यमवर्ग लगातार बढ़ रहा है और उसकी आकांक्षाएं भी ऊंची हो रही हैं, खपत की मांग में मजबूती आने की पूरी संभावना है. फिलहाल कई कंजंप्शन स्टॉक्स अपने ऐतिहासिक स्तरों से कम वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहे हैं, जिससे इन्हें निवेश के लिहाज से सस्ता माना जा रहा है. आइए जानते हैं ऐसे पांच स्टॉक्स के बारे में जिसे अपने वॉचलिस्ट में रखना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
Symphony
सिंफनी दुनिया का सबसे बड़ी एयर कूलर निर्माता है और इसके उत्पाद 60 देशों में बिकते हैं. कंपनी घरेलू और औद्योगिक ग्राहकों के लिए रेजिडेंशियल, मोबाइल, पैकेज्ड और सेंट्रल एयर-कूलिंग सॉल्यूशंस देती है.
हाल ही में कंपनी का राजस्व 39 फीसदी घटकर 3.7 अरब रुपये रहा, जिसकी बड़ी वजह बारिश से प्रभावित गर्मी और समय से पहले आया मानसून रहा. इसके चलते मुनाफा भी 46 फीसदी गिरकर 690 करोड़ रुपये पर आ गया. हालांकि, जून तिमाही कंपनी के लिए अब तक की दूसरी सबसे बड़ी राजस्व वाली तिमाही रही.
सिंफनी अब सिर्फ मौसमी कूलर तक सीमित नहीं रहना चाहती. कंपनी टॉवर और किचन कूलिंग फैन, वॉटर हीटर और बड़े स्पेस वेंटि-कूलिंग जैसे प्रोडक्ट पर जोर दे रही है. ग्रामीण और टाउन एरिया बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए यह डिजिटल और वैकल्पिक चैनलों पर भी ध्यान दे रही है. साथ ही, निर्यात के जरिए हाई ग्रोथ और हाई मार्जिन वाले बाजारों को भी टारगेट किया जा रहा है. कंपनी के शेयरों ने बीते पांच साल में निवेशकों को 4 फीसदी का मुनाफा दिया है. बीते कारोबारी दिन यानी 22 अगस्त को कंपनी के शेयर 957 रुपये पर ट्रेड हुए.

Whirlpool of India
व्हर्लपूल इंडिया लंबे समय से भारतीय परिवारों के बीच एक भरोसेमंद नाम है. कंपनी रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, माइक्रोवेव और डिशवॉशर जैसे कई घरेलू उपकरण बनाती है.
हाल ही में इसका शेयर P/E 46 पर ट्रेड हो रहा है, जबकि तीन साल का मीडियन P/E 92 रहा है. तिमाही नतीजों में राजस्व हल्का घटकर 24.8 अरब रुपये रहा, लेकिन मुनाफा 0.6 फीसदी बढ़कर 1.4 अरब रुपये पर पहुंचा. इसका कारण लागत में सुधार रहा. बीते पांच साल में कंपनी के शेयर गिरे हैं और निवेशकों का 41 फीसदी का नुकसान हुआ है. बीते कारोबारी दिन कंपनी के शेयर 1301 रुपये पर बंद हुए.

व्हर्लपूल ने हाल के वर्षों में सुस्ती के बाद अब सुधार के संकेत दिखाए हैं. कंपनी का जोर प्रीमियम उत्पादों पर है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी और वॉल्यूम ग्रोथ देखने को मिली है. साथ ही, कंपनी ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी अपने उत्पाद लॉन्च बढ़ाए हैं. हालांकि, प्रमोटर की हिस्सेदारी घटकर 51% रह गई है और आगे इसे 20% तक लाने की योजना है, जो स्टॉक पर दबाव बनाए हुए है.
Campus Activewear
कैंपस एक्टिववियर खेल और एथलीजर फुटवियर ब्रांड के तौर पर तेजी से आगे बढ़ा है और भारत में इसका लगभग 17 फीसदी बाजार हिस्सा है. कंपनी के पास 3000 से ज्यादा एक्टिव स्टाइल मौजूद हैं और इसका ‘फास्ट शू ड्रॉप रेट’ इसे खास बनाता है.
कंपनी का मानना है कि 1499 रुपये से महंगे स्नीकर्स , फ्यूचर ग्रोथ के मुख्य आधार होंगे. इसके अलावा, यह 2000 रुपये से ज्यादा कीमत वाले प्रीमियम सेगमेंट में भी विस्तार कर रही है. महिलाओं और बच्चों के लिए उत्पादों की रेंज बढ़ाने की दिशा में भी कंपनी सक्रिय है. कंपनी के शेयर 22 अगस्त को 266 रुपये पर बंद हुए और बीते पांच साल में 26 फीसदी का घाटा दिया है.

मार्जिन में सुधार और पैट (PAT) की वापसी के साथ कंपनी दोहरे अंकों की ग्रोथ का लक्ष्य लेकर चल रही है.
Elin Electronics
एलिन इलेक्ट्रॉनिक्स भारतीय ईएमएस (Electronic Manufacturing Services) सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में है. यह लाइटिंग, फैन और होम एप्लायंसेज से जुड़ी पूरी प्रोडक्ट सॉल्यूशन देती है. कंपनी fractional horsepower मोटर्स की भारत की सबसे बड़ी निर्माता है और फिलिप्स, हवेल्स, बॉश, IFB जैसे बड़े ब्रांड्स के साथ काम करती है.
हाल की तिमाही में कंपनी की आय मामूली 1 फीसदी बढ़कर 2.9 अरब रुपये रही, लेकिन मुनाफा 59 फीसदी उछलकर 59 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इसका कारण मार्जिन का 5.9 फीसदी तक बढ़ना रहा. कंपनी के शेयरों ने पांच साल में 26 फीसदी का नुकसान कराया है. इस कंपनी के शेयर बीते शुक्रवार 180 रुपये पर बंद हुए है.

कंपनी को FY26 में 15-18 फीसदी की आय वृद्धि की उम्मीद है. इसके लिए यह नए उत्पाद जैसे टीपीडब्ल्यू (टेबल, पेडेस्टल और वॉल) फैन, ऑयल-फिल्ड रेडिएटर और ओटीजी बाजार में उतार रही है. वाइप्रो और उषा जैसे नए ग्राहकों के साथ कंपनी ने हाथ मिलाया है और करीब 1.2 अरब रुपये का निवेश क्षमता विस्तार में किया जा रहा है.
Dabur
डाबर भारत की चार सबसे बड़ी FMCG कंपनियों में शामिल है और इसके उत्पाद 80 फीसदी से ज्यादा घरों में इस्तेमाल होते हैं. इसका पोर्टफोलियो हेल्थ सप्लीमेंट, हेयर केयर, ओरल केयर, होम केयर, स्किन केयर, बेवरेज और फूड जैसी श्रेणियों को कवर करता है.
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हाल ही में कंपनी का राजस्व 1.7 फीसदी बढ़कर 34 अरब रुपये रहा और मुनाफा 2.8 फीसदी बढ़कर 5.1 अरब रुपये तक पहुंचा. खास बात यह रही कि ग्रामीण बाजारों में डाबर ने बेहतर ग्रोथ दर्ज की है. कंपनी के शेयरों ने पांच साल में 5 फीसदी की मुनाफा दिया. शुक्रवार को कंपनी के शेयर 516 रुपये पर बंद हुए.

कंपनी ने FY28 तक का विजन तय किया है जिसमें प्रीमियमाइजेशन, इनोवेशन और डिजिटल चैनलों पर ध्यान शामिल है. डाबर हेल्थकेयर, पर्सनल केयर और फूड पोर्टफोलियो में और गहराई लाने के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार की योजना बना रही है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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