US बदलेगा ये कानून और पलटेगी 3 फार्मा स्टॉक की किस्मत, बरसेगा तगड़ा मुनाफा; 80 देशों तक है कंपनियों का बिजनेस
फार्मा सेक्टर के लिए अमेरिकी संसद से निकल रही एक नई हलचल बड़ा मौका लेकर आई है. चीन से जुड़ी कंपनियों पर सख्ती की तैयारी हो रही है, जिससे भारतीय कंपनियों की तरफ नजरें टिक गई हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले महीनों में इन शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिल सकती है.

Top 3 pharma stocks: शेयर बाजार में फार्मा सेक्टर का मूड बदलता नजर आ रहा है. लंबे समय से दबाव में चल रही इस इंडस्ट्री के लिए अब हालात करवट लेते दिखाई दे रहे हैं. वजह है अमेरिका में एक अहम कानून, जिसे दोबारा से चर्चा के लिए लाया गया है. इस कानून के लागू होने से चीन की कुछ बड़ी बायोटेक कंपनियों पर रोक लग सकती है. ऐसे हालात में भारतीय कंपनियों के लिए नया मौका पैदा होता दिख रहा है. विशेषज्ञ मान रहे हैं कि आने वाले समय में फार्मा की 3 कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है.
अमेरिका की बायोसीक्योर एक्ट से बदल सकता है खेल
अमेरिका में ‘बायोसीक्योर एक्ट’ नामक बिल पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है. यह एक्ट अमेरिकी एजेंसियों को उन बायोटेक्नोलॉजी कंपनियों से उपकरण या सेवाएं खरीदने से रोक सकता है, जिन्हें चीन से जुड़े होने के वजह से संदेह के घेरे में रखा गया है. अगर यह बिल पास हो जाता है तो अमेरिकी दवा कंपनियां अपनी सप्लाई चेन को चीन से हटाकर दूसरे देशों की ओर शिफ्ट कर सकती हैं. इस संभावित बदलाव से भारतीय फार्मा कंपनियों को फायदा मिलने की संभावना है.
नुवामा रिसर्च की रिपोर्ट बताती है कि इस बिल का प्रभाव पहले भी देखने को मिला था. जब साल 2024 में इसी तरह का मसौदा लाया गया था, तब भारतीय कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों (CDMOs) को कई नए प्रोजेक्ट्स मिले थे. अब दोबारा यह बिल चर्चा में है, तो स्वाभाविक है कि भारतीय कंपनियों की ओर ध्यान जाएगा.
इन कंपनियों पर है बाजार की नजर
नुवामा ने अपनी रिपोर्ट में तीन भारतीय कंपनियों को लेकर ‘BUY’ की रेटिंग दी है. इनमें डिवीज लैबोरेटरीज, नीयूलैंड लैबोरेटरीज और जुबिलेंट फार्मोवा शामिल हैं. नुवामा ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि अमेरिकी बाजार में बदलाव से इन तीनों को बड़ा फायदा मिलेगा.
फार्मा सेक्टर में हाल के वर्षों में उतार-चढ़ाव जरूर रहे हैं, लेकिन अब जो तस्वीर बन रही है, उसमें इन 3 कंपनियां होले-होले मुनाफे की ओर बढ़ती नजर आती हैं. अमेरिका के इस संभावित फैसले से इन्हें लंबी रेस के घोड़े बनने का मौका मिल सकता है. यही वजह है कि Nuvama में रिपोर्ट में इन तीनों पर ‘BUY’ रेटिंग दोहराई गई है. निवेशकों के लिए यह समय इन कंपनियों पर करीब से नजर रखने का है.
Divi’s Laboratories
साल 1990 में स्थापित डिवीज लैबोरेटरीज आज एपीआई (Active Pharmaceutical Ingredients) और इंटरमीडिएट्स की दुनिया में जाना-माना नाम है. कंपनी दुनिया भर की फार्मा कंपनियों के लिए दवाओं की शुरुआती सामग्री तैयार करती है. खास बात यह है कि डिवीज न सिर्फ जेनेरिक दवाओं के लिए, बल्कि इनोवेटिव दवाओं के लिए भी रिसर्च से लेकर लॉन्च तक सपोर्ट करती है.
हृदय रोग, कैंसर, सीएनएस और एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे थेरेप्यूटिक एरियाज में इसकी मजबूत पकड़ है. हैदराबाद में मुख्यालय और दो बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के साथ यह कंपनी अमेरिका और यूरोप में भी मौजूद है. नुवामा का कहना है कि कंपनी का कैपेक्स-ड्रिवन ग्रोथ और जीएलपी-1 ड्रग्स पर फोकस आने वाले समय में इसके लिए बड़े अवसर पैदा करेगा.

बीते पांच साल में कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को 90 फीसदी का मुनाफा दिया है. मौजूदा वक्त में कंपनी का शेयर 6057 रुपये पर मार्केट में ट्रेड कर रहा है.
Neuland Laboratories
नीयूलैंड लैबोरेटरीज का कारोबार मुख्य रूप से दो हिस्सों में बंटा है, जेनेरिक ड्रग सब्सटेंसेज और कस्टम मैन्युफैक्चरिंग सॉल्यूशंस. कंपनी की खासियत है कि यह कॉम्प्लेक्स API और न्यू केमिकल एंटिटीज (NCEs) बनाने में माहिर है. यानी इनोवेटिव दवाओं से लेकर जेनेरिक तक, दोनों बाजारों में इसकी भूमिका अहम है. 80 से ज्यादा देशों में कारोबार करने वाली यह कंपनी अमेरिकी फार्मा कंपनियों के लिए भरोसेमंद पार्टनर बन चुकी है. नुवामा की नजर में अमेरिकी सप्लाई चेन में बदलाव से नीलैंड के लिए प्रोजेक्ट्स की बाढ़ आ सकती है.

बीते पांच साल में कंपनी के शेयरों ने जबरदस्त मुनाफा दिया है, जिससे निवेशकों को 1441 फीसदी का रिटर्न हासिल हुआ है. सोमवार यानी 15 सितंबर को कंपनी के शेयर 15,672 रुपये पर बंद हुए.
यह भी पढ़ें: 6 महीने में 91% रिटर्न, अब महिंद्रा ग्रुप की ये कंपनी बांटेगी 1600% का डिविडेंड; क्या आपके पास है स्टॉक?
Jubilant Pharmova
जुबिलेंट फार्मोवा का बिजनेस मॉडल सबसे ज्यादा डाइवर्सिफाइड है. यह कंपनी रेडियोफार्मा, एलर्जी इम्यूनोथेरैपी, कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च, स्टेराइल इंजेक्टेबल्स और जेनेरिक्स जैसे कई क्षेत्रों में काम करती है. इसके अलावा एपीआई मैन्युफैक्चरिंग और नई दवाओं की रिसर्च में भी यह कंपनी सक्रिय है. भारत के 21 राज्यों और दुनिया के 75 देशों में फैला इसका नेटवर्क इसे और मजबूत बनाता है. नुवामा का कहना है कि कंपनी के अमेरिकी सीडीएमओ यूनिट में नए प्रोजेक्ट्स मिलने की संभावना है, जो इसकी आय को बढ़ावा देंगे.

साल 2020 में 718 रुपये के आसपास ट्रेड करने वाला ये स्टॉक सोमवार 2025 को 1122 रुपये पर बंद हुआ, यानी पांच साल में निवेशकों को इससे 46 फीसदी का फायदा मिला.
Latest Stories

अडानी ग्रुप की ये कंपनी करेगी ₹4,081 करोड़ निवेश, केदारनाथ धाम में रोपवे बनाने के लिए मिला LoA, स्टॉक पर रखें नजर

मॉरीशस की कंपनी के साथ हुई डील और उछल गया ये पावर स्टॉक, 5 साल में 6200% से ज्यादा का रिटर्न

रियल एस्टेट स्टॉक्स में इन वजहों से आई तेजी, Nuvama ने कहा- DLF, Prestige में मिलेगा बंपर कमाई का मौका!
