Weekly Market Outlook: रिकॉर्ड हाई के पास Nifty की दिवाली रैली थमी, जानें फोकस सेक्टर-स्टॉक्स और संभावित लेवल

इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार ने शानदार शुरुआत के बाद थोड़ी सुस्ती दिखाई है. निफ्टी की दिवाली रैली रिकॉर्ड हाई के पास रुक गई, जबकि सेंसेक्स और बैंक निफ्टी ने मुनाफावसूली का सामना किया. तकनीकी चार्ट्स पर ‘शूटिंग स्टार’ और ‘ग्रेवस्टोन डोजी’ पैटर्न्स ट्रेंड में ठहराव का संकेत दे रहे हैं.

शेयर मार्केट Image Credit: Tv9 Bharatvarsh

Weekly Market Outlook: अक्टूबर महीना भारतीय शेयर बाजार के लिए बेहद शानदार साबित हुआ है. इस महीने बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी ने मात्र 15 ट्रेडिंग सेशंस में करीब 1,500 अंकों की जबरदस्त रैली दिखाई. निफ्टी ने 24,588 के निचले स्तर से तेजी पकड़ते हुए ऊपरी स्तरों को छुआ. इस तेजी के पीछे त्योहारी सीजन की उम्मीदें, मजबूत घरेलू फंड फ्लो और ग्लोबल बाजारों में पॉजिटिव माहौल मुख्य कारण रहे. इसी को लेकर एसबीआई सिक्योरिटीज के टेक्निकल और डेरिवेटिव्स रिसर्च के हेड सुदीप शाह ने आउटलुक दिया है.

दिवाली सप्ताह में निफ्टी अपने ऑल-टाइम हाई के करीब पहुंच गया था, जिससे निवेशकों में नए रिकॉर्ड की उम्मीदें बढ़ गई थीं. हालांकि, ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली देखी गई और बाजार थोड़ी देर के लिए थम गया. यह रुकावट इस बात का संकेत देती है कि तेज रैली के बाद निवेशक अब सतर्क रुख अपना रहे हैं. तकनीकी चार्ट्स पर निफ्टी के साप्ताहिक चार्ट में ‘शूटिंग स्टार’ जैसी कैंडलस्टिक पैटर्न बना है, जो यह दिखाती है कि बाजार की तेजी थोड़ी कमजोर पड़ रही है. इसका मतलब है कि खरीदारी के बावजूद ऊपरी स्तरों पर बिकवाली का दबाव बढ़ा है. हालांकि, इसे सही मायने में ट्रेंड रिवर्सल मानने के लिए आने वाले हफ्ते में एक ‘बेयरिश कन्फर्मेशन कैंडल’ जरूरी होगी.

Nifty RSI में गिरावट का क्या मतलब?

निफ्टी का रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) पहले 72.69 के उच्च स्तर तक पहुंचा था, लेकिन अब यह गिरकर 67.19 पर आ गया है. यह संकेत देता है कि बाजार में तेजी की रफ्तार फिलहाल धीमी हो रही है. इस बीच, बाजार भारत-अमेरिका ट्रेड डील की घोषणा का इंतजार कर रहा है, जो आने वाले दिनों में नया ट्रिगर साबित हो सकती है. तकनीकी संकेतों के ठंडे पड़ने और मैक्रो फैक्टर्स पर ध्यान केंद्रित होने के कारण आने वाले कुछ सत्र तय करेंगे कि यह सिर्फ एक ठहराव है या किसी बड़ी गिरावट की शुरुआत.

अगर स्तरों की बात करें तो निफ्टी के लिए 25,550–25,500 का जोन अहम सपोर्ट रहेगा, जो 13-दिवसीय ईएमए और 38.2 फीसदी फिबोनाची रिट्रेसमेंट लेवल का संगम है. वहीं, 25,950–26,000 का जोन बड़ी रुकावट का काम करेगा. अगर निफ्टी 26,000 के ऊपर टिकता है, तो इंडेक्स 26,300 तक तेजी दिखा सकता है.

सेंसेक्स का हाल

अक्टूबर की शुरुआत में सेंसेक्स में जबरदस्त जोश देखने को मिला. महीने की शुरुआत के साथ ही निवेशकों ने आक्रामक खरीदारी की, जिससे इंडेक्स ने तेजी की लहर पकड़ ली. 1 अक्टूबर को सेंसेक्स ने डेली चार्ट पर ‘बुलिश एंगल्फिंग’ कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया, जिसके बाद सिर्फ 14 ट्रेडिंग सेशंस में 5,000 अंकों से ज्यादा की तेजी देखने को मिली. हालांकि, जब सेंसेक्स 85,290 के स्तर तक पहुंचा, तो मुनाफावसूली शुरू हो गई. यह दिखाता है कि तेज रैली के बाद ट्रेडर्स अब सतर्क रुख अपना रहे हैं. इस कारण साप्ताहिक चार्ट पर ‘ग्रेवस्टोन डोजी’ पैटर्न बना है, जो आमतौर पर ट्रेंड के कमजोर होने का संकेत देता है.

RSI इंडिकेटर भी 72 के उच्च स्तर तक पहुंचने के बाद घटकर 67.19 पर आ गया है, जो यह दर्शाता है कि अब बाजार की गति थोड़ी धीमी हो रही है. आगे के स्तरों की बात करें तो सेंसेक्स के लिए 83,350–83,250 का जोन अहम सपोर्ट रहेगा, जबकि 84,700–84,800 का जोन बड़ी रुकावट का काम करेगा. अगर सेंसेक्स 84,800 के ऊपर टिकता है, तो इसमें 85,500 तक की तेजी देखने को मिल सकती है.

बैंक निफ्टी का मूड कैसा?

बैंकिंग इंडेक्स यानी बैंक निफ्टी ने बीते गुरुवार को अब तक का नया रिकॉर्ड हाई बनाया, जिससे सेक्टर की मजबूती और निवेशकों का भरोसा दोनों झलकते हैं. हालांकि, यह इंडेक्स 58,500 के ऊपर टिक नहीं सका और उसके बाद मुनाफावसूली देखी गई. यह दर्शाता है कि ऊपरी स्तरों पर निवेशकों ने कुछ लाभ बुक किया है. साप्ताहिक चार्ट में भी ‘शूटिंग स्टार’ पैटर्न बना है, जो संकेत देता है कि तेजी की रफ्तार अब कुछ थम रही है. साथ ही, RSI इंडिकेटर ने 76 के स्तर को छूने के बाद नीचे की ओर रुख किया है, जिससे मोमेंटम कमजोर होता दिख रहा है.

बैंक निफ्टी अब एक अहम स्तर पर है और आने वाले सत्रों में इसका रुझान तय करेगा कि यह सिर्फ एक ब्रेक है या किसी बड़े करेक्शन की शुरुआत. तकनीकी स्तरों के अनुसार, बैंक निफ्टी के लिए 57,000–56,900 का जोन मजबूत सपोर्ट रहेगा, जबकि 58,200–58,300 का जोन प्रमुख रुकावट के रूप में काम करेगा. अगर बैंक निफ्टी 58,300 के ऊपर स्थिर रहता है, तो यह 59,000 से 59,500 के स्तर तक जा सकता है.

विदेशी निवेशक की स्थिति

हाल के दिनों में विदेशी निवेशक यानी एफआईआई फिर से बाजार में खरीदारी करते दिख रहे हैं, लेकिन यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि वे पूरी तरह वापस लौट आए हैं. पिछले तीन महीनों में एफआईआई ने भारतीय इक्विटी मार्केट से करीब 1.29 लाख करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की है. अक्टूबर में हालांकि उन्होंने 15 में से 9 सेशंस में खरीदी की है, लेकिन नेट स्तर पर अब भी 866 करोड़ रुपये का आउटफ्लो दर्ज हुआ है.

इंडेक्स फ्यूचर्स में एफआईआई का लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो 6 फीसदी से बढ़कर 24 फीसदी हो गया है, जिससे पता चलता है कि हाल की तेजी मुख्य रूप से शॉर्ट कवरिंग के कारण है, न कि नई खरीदारी से. फिलहाल एफआईआई भारत-अमेरिका ट्रेड डील और नवंबर में होने वाले बिहार चुनावों पर नजर रखे हुए हैं. अगर इन घटनाओं से भरोसा कायम रहता है, तो आने वाले हफ्तों में विदेशी निवेशक दोबारा बाजार में बड़ी खरीदारी कर सकते हैं, जिससे इंडेक्स नई ऊंचाइयां छू सकता है.

फोकस में सेक्टर्स

तकनीकी रूप से देखें तो कुछ सेक्टर इस समय मजबूती बनाए हुए हैं और आने वाले समय में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. इनमें निफ्टी मेटल, आईटी, सीपीएसई, रियल्टी और ऑयल एंड गैस सेक्टर शामिल हैं. इन सेक्टरों ने व्यापक बाजार में ठहराव के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया है और उनके चार्ट स्ट्रक्चर मजबूत दिख रहे हैं. दूसरी ओर, निफ्टी मीडिया सेक्टर कमजोर बना हुआ है. इस सेक्टर में खरीदारी की दिलचस्पी कम है और तकनीकी संकेतक भी नकारात्मक हैं. जब तक कोई मजबूत रिवर्सल नहीं दिखता, तब तक यह सेक्टर अंडरपरफॉर्म करता रह सकता है. तकनीकी दृष्टि से कुछ शेयर इस समय मजबूत स्थिति में हैं और आगे अच्छे रिटर्न दे सकते हैं. इनमें Cummins India, Blue Star, Hindalco और Chola Finance शामिल हैं.

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