दोस्त-रिश्तेदार की शक्ल में ठगी, अपनी पहचान का गलत इस्तेमाल रोकना है तो फॉलो करें ये आसान टिप्स

सोशल मीडिया पर अब सिर्फ अनजान रिक्वेस्ट्स ही नहीं, आपकी अपनी पहचान भी खतरे में है! ठग आपकी तस्वीरें चुराकर फर्जी अकाउंट बना रहे हैं और आपके दोस्तों से पैसे ऐंठ रहे हैं. यह नई ठगी तेजी से फैल रही है. जानिए कैसे बचें इस जालसाजी से और अपनी डिजिटल पहचान को सुरक्षित रखें.

Cyber Fraud Image Credit: Canva

Social Media Cyber Fraud: सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते समय अब केवल फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करना ही जोखिम भरा नहीं रहा, बल्कि आपकी अपनी पहचान भी ठगों के लिए हथियार बन सकती है. हाल के दिनों में लगातार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां किसी आम आदमी से लेकर सरकारी अफसर, पत्रकार या सेलिब्रिटी तक की तस्वीरें चुराकर ठगों ने फर्जी अकाउंट बना डाले. इन अकाउंट्स से उनके दोस्तों और परिचितों को पैसे की मांग वाली मैसेज भेजे गए. कई लोग बिना शक किए मदद के नाम पर रकम भेज भी देते हैं, और बाद में उन्हें पता चलता है कि वे किसी ठगी का शिकार हो चुके हैं.

सोशल मीडिया पर यह नई चालाकी इतनी तेजी से बढ़ रही है कि अगर सतर्कता न बरती जाए तो कोई भी इसकी चपेट में आ सकता है.

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कैसे होता है ये फर्जीवाड़ा?

  • तस्वीर चुराना – ठग सोशल मीडिया से किसी व्यक्ति की प्रोफाइल तस्वीर या पोस्ट डाउनलोड कर लेते हैं.
  • फर्जी अकाउंट बनाना – उन्हीं तस्वीरों और नाम से नया अकाउंट बना दिया जाता है.
  • दोस्ती और विश्वास – ठग उस व्यक्ति के जान-पहचान वालों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं. लोग सोचते हैं कि ये असली अकाउंट है और कनेक्शन स्वीकार कर लेते हैं.
  • पैसे की ठगी – फिर किसी बहाने से (जैसे- आपातकालीन जरूरत, अस्पताल खर्च, गिफ्ट भेजने का झांसा) पैसों की मांग की जाती है.

बचाव के तरीके

सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें और जानकारी सिर्फ भरोसेमंद लोगों तक सीमित रखें. किसी भी अनजान रिक्वेस्ट या पैसे की मांग पर तुरंत उस व्यक्ति को कॉल करके या असली अकाउंट से संपर्क कर पुष्टि करें. यदि आपको कोई फर्जी अकाउंट दिखे तो तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर “Report” विकल्प का इस्तेमाल करें. निजी जानकारी (जैसे आधार नंबर, बैंक डिटेल्स) कभी भी ऑनलाइन साझा न करें.

ठगी हो जाने पर कहां शिकायत करें?

  • राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल – [www.cybercrime.gov.in](https://www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
  • साइबर हेल्पलाइन नंबर – 1930 पर तुरंत कॉल करें.
  • स्थानीय पुलिस थाने में भी लिखित शिकायत दर्ज कराना जरूरी है.