नकली जज,फर्जी कोर्ट दिखाकर फ्रॉड; जयपुर में साइबर ठगों ने लूटे 23 लाख, लेकिन अपराधी ने कर दी ये गलती
जयपुर में एक 75 वर्षीय बुजुर्ग से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर ठगों ने 23.56 लाख रुपये की ठगी कर ली. ठगों ने खुद को मुंबई पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताकर बुजुर्ग को फर्जी वीडियो कॉल कोर्ट दिखाया और मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर रकम वसूली. पीड़ित की शिकायत पर साइबर पुलिस ने दिल्ली से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. जांच में देशभर में फैले ठगी नेटवर्क का खुलासा होने की उम्मीद है.

Cyber Fraud Digital Arrest: जयपुर में एक डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है. जिसमें एक 75 साल के बुजुर्ग को अरेस्ट का डर दिखा कर 23 लाख से ज्यादा रकम की ठगी की गई. अपराधियों ने पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने के नाम पर गैर जमानती वारंट की धमकी देकर डराया और अपने झांसे में ले लिया. पीड़ित व्यक्ति ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने इस फ्राड के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी प्रोफेशनल साइबर ठग है और उसके खिलाफ पहले से कई मामलों में ठगी के केस दर्ज हैं.
पुलिस और सीबीआई अधिकारी बन कर की ठगी
अपराधियों ने ठगी करने के लिए 23 मई की रात को बुजुर्ग व्यक्ति को दो अलग अलग नंबरों से कॉल किया और खुद को मुंबई के कोलाबा थाने का अधिकारी बताकर बात की. पीड़ित से कहा गया कि उनके नाम पर दो मोबाइल नंबर खरीदे गए हैं और मनी लॉन्ड्रिंग की गई है. पीडित को झांसे में लेने के लिए बाद में एक फर्जी सीबीआई अधिकारी से भी बात करवाई गई जिसने वीडियो कॉल पर नकली कोर्ट दिखाया.
डर के कारण खाते में भेजे पैसे
द फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित को फर्जी अधिकारी बनाकर वीडियो कॉल के जरिए कोर्ट रूम जैसे माहौल में डराया गया. कॉल पर एक व्यक्ति जज बनकर बात कर रहा था और उसने कहा कि अगर तुरंत पैसे नहीं दिए गए तो पीड़ित के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा. इसके बाद डरे हुए बुजुर्ग ने 26 मई को एक प्राइवेट अकाउंट में 23 लाख 56 हजार रुपये आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर कर दिए.
तीन करोड़ की रकम एक ही दिन में ट्रांसफर
पुलिस जांच में पता चला कि जिस खाते में बुजुर्ग ने पैसे भेजे, उसमें उसी दिन लगभग तीन करोड़ रुपये अलग अलग लोगों से जमा हुए थे. बाद में वह रकम तुरंत अन्य खातों में भेज दी गई. पुलिस ने तकनीकी जांच से आरोपी की पहचान की और ट्रांजेक्शन की पूरी कड़ी को जोड़कर उनके तक पहुंची.
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दिल्ली से हुई गिरफ्तारी, देशभर में फैला नेटवर्क
30 मई को पुलिस ने दिल्ली से सुरेश कुमार जाट उर्फ सुरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया. वह मूल रूप से झुंझुनू का निवासी है और इस समय दिल्ली में रह रहा था. उस पर चंडीगढ और सोनीपत के साइबर थानों में भी केस दर्ज हैं. पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में इस ठगी नेटवर्क से जुडे़ अन्य नामों का खुलासा हो सकता है.
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