अब ऑनलाइन फ्रॉड की होगी छुट्टी, गूगल ने लॉन्च किया नया ‘Safety Charter’, मिलेगी AI बेस्ड सिक्योरिटी

ऑनलाइन बैंकिंग से लेकर मोबाइल पेमेंट तक भारत की डिजिटल लाइफ तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसके साथ बढ़ा है साइबर ठगी और डेटा लीक का खतरा. ऐसे में Google ने भारत के लिए एक खास ‘सेफ्टी चार्टर’ पेश किया है, जिसका मकसद है – एआई की मदद से लोगों को ऑनलाइन ठगी से बचाना है.

गूगल का सेफ्टी चार्टर Image Credit: @Money9live

Google Launches Safety Charter Feature: भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है. अब लोग बैंकिंग, पढ़ाई, खरीदारी और बिजनेस से जुड़े काम मोबाइल या कंप्यूटर से ही कर लेते हैं. लेकिन जैसे-जैसे इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा, वैसे-वैसे ऑनलाइन ठगी और साइबर हमलों से जुड़े मामलों में भी बढ़ोतरी होती गई है. इसी को देखते हुए गूगल ने यूजर्स की सिक्योरिटी के नजरिये से एक बड़ा कदम उठाया है.

“Safer with Google India Summit”

मंगलवार, 17 जून को दिल्ली में हुए ‘Safer with Google India Summit’ नाम के इवेंट में गूगल ने ‘सेफ्टी चार्टर’ (Safety Charter) नाम की एक नई प्लानिंग लॉन्च की. इसका मकसद भारत को डिजिटली और सुरक्षित बनाना है. गूगल का कहना है कि इंटरनेट का भरोसा तभी बना रहेगा, जब लोग खुद को ऑनलाइन भी उतना ही सिक्योर महसूस करें जितना वे असल जिंदगी में करते हैं.

AI पहचानेगा फ्रॉड

गूगल इंडिया की कंट्री मैनेजर प्रीति लोबाना ने इस मौके पर कहा, “अगर भारत को विकसित देश बनाना है तो सबसे पहले डिजिटल भरोसा मजबूत करना होगा. हम ऐसे AI सिस्टम पर काम कर रहे हैं जो खुद नई तरह की धोखाधड़ी को पहचान सके, चाहे वह पहले कभी देखी भी न गई हो.” गूगल की इस योजना में तीन बातें सबसे अहम मानी गई हैं-

  • लोगों को ऑनलाइन ठगी से बचाना,
  • सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं की साइबर सुरक्षा मजबूत करना, और
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई को जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करना.

‘डिजिकवच’ ने लाखों भारतीयों को बचाया

गूगल पिछले कुछ समय से ‘डिजिकवच’ (Digikavach) नाम की पहल चला रहा है, जिसके जरिए कंपनी अब तक 17.7 करोड़ यानी करीब 177 मिलियन लोगों को ऑनलाइन ठगी से बचाने में मदद कर चुकी है. गूगल ने बताया कि उसके ‘Google Play Protect’ सिस्टम ने 6 करोड़ बार ऐसे ऐप्स को फोन में इंस्टॉल होने से रोका, जो किसी न किसी खतरे से जुड़े थे.

वहीं, गूगल पे (Google Pay) ने अकेले 2024 में 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी रोकने में मदद की. 4.1 करोड़ बार Google Pay ने ट्रांजैक्शन से पहले ही लोगों को अलर्ट भेजकर उन्हें नुकसान से बचा लिया. इससे इतर, गूगल का ईमेल प्लेटफॉर्म Gmail और मैसेज सर्विस Google Messages भी हर महीने करोड़ों की संख्या में स्पैम और ठगी वाले मैसेजेस को ब्लॉक करता है.

आम लोगों तक साइबर सिक्योरिटी पहुंचाने की प्लानिंग

गूगल सिर्फ अपने ऐप्स तक ही सुरक्षा सीमित नहीं रख रहा. अब कंपनी ने 20 मिलियन डॉलर (करीब 172.5 करोड़ रुपये) का निवेश किया है ताकि भारत और एशिया के दूसरे हिस्सों में आम लोगों के लिए साइबर क्लिनिक खोले जा सके. ये क्लिनिक लोगों को सिखाएंगे कि ऑनलाइन सेफ्टी कैसे रखनी है, फर्जी कॉल्स और मैसेज को कैसे पहचानना है, और साइबर धोखाधड़ी से खुद को कैसे बचाना है.

ऐसे 10 से ज्यादा साइबर क्लिनिक शुरू किए जा रहे हैं. इसके अलावा गूगल ने IIT मद्रास के साथ मिलकर क्वांटम तकनीक पर रिसर्च शुरू की है ताकि भविष्य में और भी मजबूत सुरक्षा तैयार की जा सके. साथ ही देश की अलग-अलग यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर छात्रों और छोटे कारोबारियों (MSMEs) को साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग देने की योजना भी चल रही है.

सेफ्टी का हथियार बन रहा AI

गूगल में सिक्योरिटी इंजीनियरिंग की वाइस प्रेसिडेंट हेदर एडकिन्स का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई अब सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि साइबर सुरक्षा का एक अहम हथियार बन चुका है. उनके मुताबिक, पहले हमले के बाद ही सुरक्षा सिस्टम एक्टिव होते थे. लेकिन अब AI के जरिए हम पहले ही ये समझ सकते हैं कि हमला कहां से और कैसे हो सकता है. यह बदलाव गेम-चेंजर है. 

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