सिर्फ पैसे नहीं, ठग छीन रहे हैं आपकी जिंदगी भी, फर्जी कोर्ट नोटिस, झूठे केस का डर दिखा हुई 6.60 लाख की लूट

हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर साइबर ठगी का शिकार बन गईं. ठगों ने पुलिस और कोर्ट का डर दिखाकर उनकी जमा-पूंजी हड़प ली और लगातार मानसिक दबाव डालते रहे. इस डर और तनाव ने उनकी जिंदगी छीन ली.

साइबर फ्रॉड/ प्रतिकात्मक तस्वीर Image Credit: Canva

हैदराबाद की 76 साल की महिला डॉक्टर संगठित साइबर अपराध का शिकार बन गईं. ठगों ने पुलिस और कोर्ट का डर दिखाकर न केवल उनकी जिंदगी की जमापूंजी हड़प ली बल्कि लगातार मानसिक दबाव डालते रहे. आखिरकार, इस तनाव ने उनकी जान ले ली.

कैसे ठगों ने फसाया जाल में

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर को एक दिन व्हाट्सऐप कॉल आया, जिसमें बैंगलोर पुलिस का लोगो दिखाई दे रहा था. कॉलर ने उन्हें एक मनगढ़ंत “सादात खान ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस” में आरोपी बताकर डराना शुरू किया. इसके लिए ठगों ने आधार कार्ड से जुड़े फर्जी दस्तावेज दिखाए.

अगले तीन दिनों तक डॉक्टर को दो अलग-अलग नंबरों से वीडियो कॉल पर डराया गया. कभी सुप्रीम कोर्ट और कर्नाटक पुलिस के नाम से नोटिस दिखाया गया, तो कभी ईडी और आरबीआई का. उन्हें झूठे “नेशनल सीक्रेट एक्ट, 1923” के तहत कार्रवाई की धमकी दी गई.

6.60 लाख गंवाने के बाद भी नहीं रुका उत्पीड़न

डर के साए में जी रहीं महिला डॉक्टर ने अपनी पेंशन अकाउंट से 6.60 लाख रुपये ठगों को ट्रांसफर कर दिए. लेकिन रकम मिलने के बावजूद धोखेबाज नहीं रुके और नए-नए फर्जी नोटिस भेजते रहे. 8 सितंबर को लगातार तनाव से डॉक्टर को तेज सीने में दर्द हुआ और अस्पताल ले जाने पर उनकी मौत हो गई.

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आप कैसे बच सकते हैं?

अगर आपको इस तरह की कॉल या मैसेज मिले तो सबसे पहले घबराएं नहीं. किसी भी सरकारी एजेंसी की कार्रवाई सिर्फ आधिकारिक नोटिस या व्यक्तिगत समन से होती है, व्हाट्सऐप कॉल से नहीं.

कभी भी अपनी निजी जानकारी या बैंक डिटेल साझा न करें और पैसों का ट्रांसफर न करें. शंका होने पर तुरंत 1930 नंबर पर कॉल कर साइबर क्राइम हेल्पलाइन को सूचित करें और नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज करें.