क्रेडिट कार्ड के नाम पर साइबर फ्रॉड, पुलिसकर्मी से 1.4 लाख रुपये की ठगी; साइबर अपराधियों ने ऐसे रची साजिश
मुंबई में एक SI पुलिसकर्मी के साथ साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है, जिसमें उनके खाते से 1.4 लाख रुपये की ठगी की गई. आरोपी ने बिना ओटीपी वेरिफिकेशन के उनके नाम पर नया क्रेडिट कार्ड जारी करवाया और उस पर लोन लेकर रकम निकाल ली. पीड़ित ने साइबर क्राइम पोर्टल और बायकुला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई.
Cyber Fraud: मुंबई में एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड मामला सामने आया है. मुंबई पुलिस में तैनात एक SI के साथ 1.4 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई है. आरोपी ने बिना ओटीपी वेरिफिकेशन के उनके नाम पर नया क्रेडिट कार्ड जारी करवाया और फिर उस पर लोन लेकर रकम निकाल ली. पीड़ित SI ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल और बायकुला पुलिस थाने में दर्ज कराई है.
कौन है पीड़ित पुलिसकर्मी
द फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता योगेश जलंधर भगवत, उम्र 50 वर्ष, मुंबई पुलिस में SI के पद पर तैनात हैं. वे अपने परिवार के साथ बायकुला में रहते हैं और उनका वेतन खाता एक बैंक में है. भगवत ने बताया कि उनके पास पहले से बैंक का क्रेडिट कार्ड था जिसे उन्होंने 2022 में बंद करने के लिए आवेदन किया था.
कैसे हुई ठगी की शुरुआत
26 जून को ड्यूटी के दौरान भगवत को उनकी पत्नी ने बताया कि एक कुरियर उनके नाम पर क्रेडिट कार्ड लेकर आया है. कुरियर ओटीपी मांग रहा था लेकिन कोई ओटीपी नहीं आया. इसके बावजूद कुरियर ने बिना वेरिफिकेशन के कार्ड डिलीवर कर दिया. बाद में पता चला कि लिफाफा छेड़ा गया था और उसे दोबारा सील किया गया था.
कैसे निकाले गए पैसे
13 जुलाई को भगवत को दो एसएमएस मिले जिनमें उनके कार्ड पर अनधिकृत ट्रांजेक्शन की जानकारी थी. बैंक जाने पर पता चला कि उनके नाम से 1.13 लाख रुपये का जंबो लोन जारी हुआ और फिर 1.4 लाख रुपये खाते से निकाल लिए गए. यह सब उनके क्रेडिट कार्ड के जरिए हुआ जो उन्होंने खुद इस्तेमाल ही नहीं किया था.
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पुलिस की कार्रवाई शुरू
भगवत ने तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत की और फिर बायकुला पुलिस स्टेशन पहुंचे. वहां अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने मामला भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया है.
जांच में जुटी साइबर सेल
मुंबई पुलिस की साइबर सेल अब इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बिना ओटीपी वेरिफिकेशन के कार्ड कैसे जारी हुआ और आरोपी ने बैंकिंग सिस्टम में सेंध कैसे लगाई. जल्द ही इस मामले में आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की उम्मीद है.