टैरिफ कम नहीं करेगा अमेरिका, US का दोहरा रवैया; भारत से होकर गुजरता है रूस-यूक्रेन में शांति का रास्ता
रूस-यूक्रेन जंग में शांति का रास्ता भारत से होकर गुजरता है. ऐसा अमेरिका का कहना है. हालांकि अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ हटाने से इनकार कर दिया. एक तरफ अमेरिका भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है, वहीं दूसरी तरफ वह भारत को शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण मान रहा है. लेकिन टैरिफ बढ़ाने का फैसला भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित कर सकता है.

Trump Tariff: रूस-यूक्रेन जंग में शांति का रास्ता भारत से होकर गुजरता है. ऐसा अमेरिका का कहना है. हालांकि अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ हटाने से इनकार कर दिया. ट्रंप प्रशासन ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह रूस से तेल खरीदकर इस जंग को बढ़ावा दे रहा है. राष्ट्रपति के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ट्रंप 27 अगस्त के बाद भारत पर दोगुना टैरिफ हटाने की समय सीमा नहीं बढ़ाएंगे. उन्होंने भारत पर रूस के साथ व्यापार से मुनाफा कमाने का आरोप लगाया. नवारो ने कहा, “मुझे भारत बहुत पसंद है. नरेंद्र मोदी एक शानदार नेता हैं. लेकिन भारत, कृपया देखें कि ग्लोबल इकोनॉमी में आपकी क्या भूमिका है. अभी आप जो कर रहे हैं, वह शांति नहीं ला रहा, बल्कि जंग को लंबा खींच रहा है.”
मुनाफा कमाने का है तरीका
नवारो का कहना है कि भारत को रूस से तेल खरीदने की जरूरत नहीं है, यह सिर्फ मुनाफा कमाने का तरीका है. उनके अनुसार, भारत अमेरिका से सामान बेचकर पैसा कमाता है और उस पैसे से रूस का तेल खरीदता है. फिर भारत के रिफाइनरी वाले उस तेल को प्रोसेस करके और मुनाफा कमाते हैं. रूस उस पैसे का इस्तेमाल हथियार बनाने में करता है, जिससे यूक्रेन में लोग मारे जा रहे हैं. इससे अमेरिका को यूक्रेन को और सैन्य सहायता देनी पड़ती है.
राष्ट्रपति ट्रंप इस खेल को अच्छे से समझते हैं- नवारो
नवारो ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप इस खेल को अच्छे से समझते हैं. हालांकि, अमेरिकी मीडिया ट्रंप और नवारो के इस दावे पर संदेह जताता रहा है. कई अमेरिकी एक्सपर्ट ने इस बात की आलोचना की है कि अमेरिका ने चीन पर रूस से तेल खरीदने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की, जो भारत से कहीं ज्यादा तेल खरीदता है. इसके अलावा, पहले अमेरिका ने भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया था ताकि वैश्विक तेल की कीमतें कम रहें. नवारो ने भी एक बार माना था कि चीन पर कार्रवाई करना मुश्किल है क्योंकि बीजिंग का वाशिंगटन पर प्रभाव है.
अमेरिका का दोहरा रवैया
एक तरफ अमेरिका भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है, वहीं दूसरी तरफ वह भारत को शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण मान रहा है. लेकिन टैरिफ बढ़ाने का फैसला भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित कर सकता है. भारत का कहना है कि वह रूस से तेल इसलिए खरीदता है क्योंकि यह सस्ता है और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा होता है. साथ ही, भारत ने रूस-यूक्रेन जंग में तटस्थ रुख अपनाया है और दोनों पक्षों से बातचीत के जरिए शांति की अपील की है.
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