पेजर और वॉकी टॉकी धमाके ने खोली लो-टेक डिवाइस की पोल, क्या मोबाइल फोन है सुरक्षित?
लेबनान और सीरिया में एक साथ हुए कई पेजर और वॉकी-टॉकी धमाकों ने लो-टेक डिवाइस को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं. इसके साथ ही अब यह चर्चा हो रही है कि मोबाइल फोन कितना सुरक्षित है और क्या संभावना है कि इसके जरिए ऐसी घटनाएं न हों.
बेसिक कम्युनिकेशन डिवाइस, जिनमें वॉकी-टॉकी और पेजर शामिल हैं, इसका इस्तेमाल हिजबुल्ला, इजराइल की ट्रैकिंग से बचने के लिए करता था. इनका उपयोग विस्फोटक घटनाओं में किया गया, जिसमें कई लोग मारे गए और हजारों घायल हुए. लेकिन क्या यह केवल एक बेसिक डिवाइस की समस्या है? मोबाइल फोन कितना सुरक्षित है?
कैसे हुआ था धमाका
हिजबुल्ला ने अपने सदस्यों को इजराइल की ट्रैकिंग से बचने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने की सलाह दी थी. लेकिन 17 सितंबर को लेबनान और सीरिया में एक साथ कई धमाके हुए, जिनमें कई लोग मारे गए और हजारों घायल हुए. इसके एक दिन पहले भी ऐसा ही एक धमाका हुआ था.
हिजबुल्ला ने कुछ महीने पहले ही 5000 पेजर खरीदे थे. इस घटना के लिए हिजबुल्ला ने मोसाद को जिम्मेदार बताया और कहा कि यह धमाका रिमोट से किया गया था. पेजर को कथित तौर पर गोल्ड अपोलो ने बेचा था, लेकिन ताइवान की फर्म का कहना है कि उसने इसे सिर्फ डिजाइन किया था और हंगेरियन BAC कंसल्टिंग KFT ने इसका निर्माण किया था.
पेजर और वॉकी-टॉकी कैसे काम करते हैं
पेजर और वॉकी-टॉकी मुख्य रूप से रेडियो फ्रीक्वेंसी पर निर्भर करते हैं. ये डिवाइस देखने में पुराने लग सकते हैं, लेकिन स्मार्टफोन के युग में भी इनकी प्रासंगिकता बनी हुई है. इनका उपयोग अभी भी हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, इंडस्ट्री वर्कर्स, पुलिस और पैरामिलिट्री बल करते हैं क्योंकि इनकी बेहतर बैटरी लाइफ और इमरजेंसी में उपयोगिता ज्यादा होती है.
अधिकांश पेजर, जिनमें AR-924 मॉडल भी शामिल है, केवल संदेश प्राप्त करते हैं. ये ऑनलाइन नहीं होते और मोबाइल फोन की तरह ट्रैक नहीं किए जा सकते. वॉकी-टॉकी संदेश प्राप्त और भेज सकते हैं, लेकिन एक समय में एक ही व्यक्ति बात कर सकता है. यह बैटरी से चलता है और इसे सेलुलर नेटवर्क की आवश्यकता नहीं होती.
ये डिवाइस असुरक्षित क्यों हैं
पेजर प्लास्टिक से बने होते हैं, जो गैर-चालक (नॉन-कंडक्टिव) होते हैं, जिससे इनमें इलेक्ट्रिक प्रवाह नहीं होता. इन डिवाइसों में इलेक्ट्रिक सिग्नल को डिकोड करने की कोई सुविधा नहीं होती. पेजर और वॉकी-टॉकी में बैटरी के बगल में काफी जगह होती है, जिसमें विस्फोटक लगाया जा सकता है.
वॉकी-टॉकी में एंटीना, स्पीकर, माइक्रोफोन, बैटरी, ट्रांसमीटर और रिसीवर होते हैं. एपी की रिपोर्ट के अनुसार, पेजर में पांच में से तीन डिवाइस ऐसे होते हैं, जो विस्फोटक कंटेनर का काम करते हैं. इनमें केवल विस्फोटक जोड़ने की जरूरत होती है.
पेजर का बाजार कितना बड़ा है
ग्लोबल मार्केट इनसाइट्स के अनुसार, वॉकी-टॉकी का बाजार 2032 तक 8.3 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. KD मार्केट इनसाइट्स के मुताबिक, 2032 तक ग्लोबल वायरलेस पेजिंग सिस्टम का बाजार 1.05 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
क्या अगला नंबर मोबाइल फोन का है
मोबाइल फोन अपने एडवांस फंक्शंस और वायरलेस कनेक्टिविटी के कारण पेजर और वॉकी-टॉकी से अधिक असुरक्षित हैं. इसमें कॉल और मैसेज के जरिए भी धमाके किए जा सकते हैं. इसमें GPS ट्रैकिंग और रिमोट कमांड की सुविधा भी होती है. कई एक्सपर्ट मानते हैं कि ज्यादातर इलेक्ट्रिक डिवाइस में लिथियम आयन बैट्री होती है, जिसमें शॉर्ट सर्किट से आग लग सकती है.
हालांकि लिथियम आयन बैट्री में बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम में मजबूत सेपरेटर कंट्रोल होता है, लेकिन यदि कोई बैट्री कंट्रोलर सिस्टम को हैक कर ले (जो मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं), तो वह शॉर्ट सर्किट करवा सकता है और इसका गलत इस्तेमाल कर सकता है. भारत को लेकर भी चिंताएं हैं, क्योंकि भारत अपना ज्यादातर इलेक्ट्रिक सामान कई देशों से मंगाता है, जिनमें चीन का बड़ा हिस्सा शामिल है. इसलिए, यह जरूरी है कि भारत में आने वाले इलेक्ट्रिक सामान की गहनता से जांच की जाए.
फोन में कब विस्फोट होता है
कई बार स्मार्टफोन में भी विस्फोट हो जाता है. ऐसी खबरें अक्सर आती रहती हैं. इस घटना का संबंध लगभग हमेशा बैट्री से होता है. आज के समय के मोबाइल डिवाइस लिथियम आयन बैट्री से चलते हैं, जिसमें दोबारा चार्ज करने के लिए पॉजिटिव और निगेटिव इलेक्ट्रोड का सावधानीपूर्वक बेहतर बैलेंस देखने को मिलता है. जब इसमें कुछ गलत होता है, तो बैट्री के आंतरिक कंपोनेंट टूट सकते हैं, जिससे आग लगने की घटना हो सकती है.
यह कई कारणों से हो सकता है, लेकिन सबसे आम समस्या अत्यधिक गर्मी है. यदि चार्जिंग बैट्री और प्रोसेसर अधिक गर्म हो जाते हैं, तो फोन के कंपोनेंट के केमिकल मेकअप को बर्बाद कर देते हैं. बैट्री के साथ एक केमिकल रिएक्शन होती है, जिसे थर्मल रनवे कहते हैं. इसके कारण बैट्री अधिक गर्म होती है और आग लगने या विस्फोट की संभावना हो जाती है. बैट्री अधिक गर्म होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे फोन का फिजिकल डैमेज, जिससे फोन की आंतरिक संरचना प्रभावित होती है, या फोन को अधिक देर तक धूप में छोड़ना, या चार्जिंग डिवाइस में परेशानी इत्यादि.
फोन विस्फोट से कैसे बचें
आप अपने फोन की बैट्री को सुरक्षित रखने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं. यदि फोन गिर जाए, तो उसकी जांच कर लें कि कहीं बैट्री को नुकसान तो नहीं हुआ है या उसमें से कोई रिसाव तो नहीं हो रहा है. फोन को अत्यधिक गर्म होने से बचाएं.चार्जिंग के समय फोन को किसी चीज से ढककर न रखें.
बैट्री को 30 से 80 प्रतिशत के बीच चार्ज रखें. हमेशा सही चार्जर का उपयोग करें और केबल की स्थिति का ध्यान रखें कि वह सही से काम कर रहा है या नहीं, उसमें कोई कट तो नहीं है. और इसका हमेशा ध्यान रखें की फोन ज्यादा समय तक चार्ज में न लगा हो.
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