पुतिन के पास है चलता-फिरता बंकर, मिसाइल-बम सब हो जाते हैं फेल, ट्रंप के पास भी नहीं है ऐसी कार, कहलाती है ऑरस सीनेट

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब भी विदेश दौरे पर जाते हैं, उनके साथ सिर्फ सुरक्षा घेरा नहीं जाता, बल्कि उनके साथ जाती है उनकी सबसे भरोसेमंद कार–ऑरस सीनेट. इसे देखकर लोग सिर्फ मुड़कर नहीं देखते, बल्कि इसकी मौजूदगी के साथ अंदर बैठे व्यक्ति की शक्ति भी महसूस करते हैं. ऐसे में आज जब पुतिन भारत दौरे पर रवाना हो चुके हैं, तो इस गाड़ी की चर्चा फिर से तेज हो गई है. ऐसे में आइए जानते हैं इसकी खासियत.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

कुछ गाड़ियां सिर्फ सफर कराती हैं और कुछ सिर्फ स्टाइल दिखाती हैं. लेकिन ऑरस सीनेट (Aurus Senat) इन दोनों से कहीं ऊपर है. यह सिर्फ एक गाड़ी नहीं, बल्कि ताकत और पॉवर का सिंबल है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब भी विदेश दौरे पर जाते हैं, उनके साथ सिर्फ सुरक्षा घेरा नहीं जाता, बल्कि उनके साथ जाती है उनकी सबसे भरोसेमंद कार–ऑरस सीनेट. इसे देखकर लोग सिर्फ मुड़कर नहीं देखते, बल्कि इसकी मौजूदगी के साथ अंदर बैठे व्यक्ति की शक्ति भी महसूस करते हैं.

आज जब पुतिन भारत दौरे पर रवाना हो चुके हैं, तो इस गाड़ी की चर्चा फिर से तेज हो गई है. ऐसे में आइए जानते हैं इसकी खासियत.



रूस की खुद की बनी अल्ट्रा-लक्जरी राष्ट्रपति कार

ऑरस सीनेट रूस की पूरी तरह स्वदेशी, अल्ट्रा-लक्जरी और आर्मर्ड लिमोजीन है. इसे 2013 में ‘कोर्टेज प्रोजेक्ट’ के तहत लॉन्च किया गया था, जब पुतिन ने साफ कहा था कि विदेशी गाड़ियों की जरूरत खत्म करनी है और अपनी राष्ट्रपति कार बनानी है. तभी से यह कार मर्सिडीज S600 गार्ड पुलमैन जैसी विदेशी कारों की जगह ली.

पहली बार 2018 में दुनिया के सामने आई ‘रशियन रोल्स-रॉयस’

2018 में पुतिन के इनॉगरेशन के दौरान यह कार पहली बार दुनिया को दिखाई गई. इसके बड़े, सॉलिड और ब्लॉक-शेप डिजाइन को देखकर इसे “रशियन रोल्स-रॉयस” कहा जाने लगा. इसका लुक रोल्स-रॉयस फैंटम की याद दिलाता है.

कौन बनाता है यह कार?

ऑरस मोटर्स इस कार को बनाती है. इसके पीछे तीन बड़े नाम शामिल हैं: रूस का NAMI Institute, Sollers JSC और UAE की Tawazun Holding. 2021 से इसका मास प्रोडक्शन शुरू हुआ. हालांकि राष्ट्रपति वाली पूरी तरह आर्मर्ड लिमोजीन सिर्फ हेड्स ऑफ स्टेट को ही मिलती है.

2024 में रूस ने इसके दो मॉडल किम जोंग उन को गिफ्ट किए थे, जिसकी दुनियाभर में खूब चर्चा हुई थी.

स्पोर्ट्स कार जैसी रफ्तार

ऑरस सीनेट सिर्फ भारी और सुरक्षित कार नहीं है, इसकी परफॉर्मेंस भी जबरदस्त है. इसमें 4.4-लीटर ट्विन-टर्बो V8 इंजन है, जो 598 bhp और 880 Nm का दमदार आउटपुट देता है. चाहें तो इसका V12 इंजन वाला विकल्प भी मिलता है. लगभग सात मीटर लंबी और भारी आर्मर वाली यह कार 0 से 100 किमी प्रति घंटा सिर्फ छह सेकंड में पकड़ लेती है. इसकी टॉप स्पीड 249 किमी प्रति घंटा है. हाइब्रिड टेक्नोलॉजी इसकी रफ्तार को और स्मूद बनाती है.



क्यों कहा जाता है इसे ‘चलता-फिरता किला’?

ऑरस सीनेट सिर्फ लग्जरी कार नहीं, बल्कि यह एक मोबाइल फोर्ट्रेस है. इसकी सुरक्षा इतनी एडवांस है कि पूरी जानकारी सार्वजनिक भी नहीं की जाती. जो सामने है, उसमें,

  • VR10-लेवल आर्मर.
  • बैलिस्टिक ग्लास जो भारी फायरिंग झेल ले.
  • बम-प्रूफ अंडरबॉडी.
  • रन-फ्लैट टायर्स.
  • फायर सप्रेशन सिस्टम.
  • इंडिपेंडेंट ऑक्सीजन सप्लाई.
  • सीक्रेट कम्युनिकेशन सिस्टम.
  • ये सभी इसे चलते-फिरते कमांड सेंटर में बदल देते हैं.


टायर फट जाएं, तब भी 80 किमी/घंटा की रफ्तार

इस कार की सबसे खास बात यह है कि अगर इसके चारों टायर फट जाएँ, तब भी यह 80 किमी प्रति घंटा की स्पीड पर चलती रहती है. इसका 6 सेंटीमीटर मोटा काँच पूरी तरह बुलेटप्रूफ है. यह AK-47, असॉल्ट राइफल और ग्रेनेड हमलों को झेल सकता है. केमिकल अटैक की स्थिति में कार के अंदर ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम एक्टिव हो जाता है.

खुद खतरा पहचानकर अलर्ट भेजता है

इस कार का ऑटोनॉमस डिफेंस सिस्टम 360 डिग्री खतरे को लगातार मॉनिटर करता है. किसी भी संदिग्ध गतिविधि को यह खुद पहचान लेता है. तुरंत सिक्योरिटी टीम को अलर्ट भेजता है. ड्राइवर को रूट बदलने की जानकारी देता है. इसका कम्युनिकेशन सिस्टम परमाणु हमले की स्थिति में भी एक्टिव रहता है.

इसे भी पढ़ें- E20 फ्यूल से डरने की जरूरत नहीं, बस ये सावधानियां आपकी गाड़ी को रखेंगी सुरक्षित; पैसों की भी होगी बचत