सरकार की नजर से बच रही प्रॉपर्टी डील्स, नकली PAN से लाखों करोड़ का कर नुकसान
सरकार ने LTCG नियम बदलकर 23 जुलाई 2024 के बाद जमीन और मकान की लंबी अवधि की बिक्री पर 12.5 प्रतिशत फ्लैट टैक्स लागू किया है, लेकिन जमीन की खरीद फरोख्त में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा जारी है. कई जगहों पर बिक्री रजिस्ट्रेशन में गलत PAN और आधार नंबर दर्ज कराए जा रहे हैं, जिसके कारण कर अधिकारी वास्तविक लेन-देन का पता नहीं लगा पा रहे हैं. इनकम टैक्स की जांच में पता चला है कि गुड़गांव, मानेसर और कई जिलों में हजारों करोड़ की डील्स के पैन रिकॉर्ड गायब हैं.
कुछ रजिस्ट्रार ऑफिस के कर्मचारी और छोटे कोऑपरेटिव बैंकों के रिकॉर्ड भी मिलान नहीं कर रहे हैं, जिससे बैंक ट्रांजैक्शन और रजिस्ट्रेशन का ट्रेल टूट रहा है. विभाग अब रजिस्ट्रार फाइलों और बैंक स्टेटमेंट की जांच कर रहा है. एक्सपर्ट का मानना है कि हर प्रॉपर्टी डील से पहले सेलर और बायर दोनों का PAN और आधार ई-वेरिफिकेशन अनिवार्य करने से नकली पैन और बेनामी संपत्ति के रैकेट को रोका जा सकेगा, और सरकार को टैक्स लॉस कम करने में मदद मिलेगी.
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