रेयर अर्थ पर ड्रैगन की फुफकार से EV सेक्टर को बचाने की तैयारी में सरकार, नियमों में मिल सकती है ढील

चीन के रेयर अर्थ एलिमेंट्स बैन से भारत कई अलग-अलग स्तरों पर निपट रहा है. एक तरफ जहां चीन से इस मामले में सरकार और उद्योगों के स्तर पर बातचीत की जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ REE का स्थानीय उत्पादन बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा नियमों में ढील देकर भी सरकार ईवी सेक्टर की मदद कर सकती है.

E-Vitara भारत में मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक कार है Image Credit: Maruti Suzuki

भारत दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स में शामिल है. लेकिन, पूरी दुनिया की तरह मैन्युफैक्चरिंग के लिए कई अहम रिसोर्स चीन से आयात करने पड़ते हैं. पिछले कई दशकों में मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई चेन चीन में केंद्रित हो गई है. लेकिन, चीन ने अब अपनी इस स्थिति को हथियार की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. 4 अप्रैल को 7 रेयर अर्थ मटेरियल के निर्यात पर बैन लगाकर चीन ने भारत सहित दुनियाभर के ऑटोमोबाइल सेक्टर में भूचाल ला दिया है.

अब तक क्या हुआ?

चीन के बैन की वजह से भारत, जापान, जर्मनी जैसे कई देशों में कारों के उत्पादन पर असर पड़ा है. जापान में सुजुकी ने जहां अपनी कुछ कारों के उत्पादन को रोक दिया है. वहीं, भारत की सबसे बड़ी कार मेकर मारुति सुजुकी ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार ई-विटारा के प्रोडक्शन को कम करने का फैसला किया है.

नियमों में मिल सकती है ढील

भारत सरकार देश में तेजी से इलेक्ट्रिक वाहन को लोकप्रिय बनाना चाहती है. देश में ईवी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 50 फीसदी स्थानीयकरण के साथ प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना शुरू की है. चीन की तरफ से REE यानी रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर बैन की वजह से इस शर्त में ढील दे सकती है. हालांकि, SIAM यानी सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ने स्थानीयकरण की आवश्यकता को कम करने के लिए अभी तक कोई औपचारिक अपील नहीं की है, लेकिन उद्योग निकाय के सदस्यों ने सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाया है.

SIAM की तरफ से उठाई जाएगी मांग

सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स की तरफ से इस मामले में जल्द ही सरकार के सामने इस मुद्दे का उठाया जा सकता है. वहीं, कई और उद्योग निकाय इस संबंध में पहले ही सरकार के सामने यह मसला उठा चुके हैं. ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. बताया जा रहा है कि सरकार की तरफ से जल्द ही ऑटोमेकर्स को शॉर्ट टर्म के लिए फुली बिल्ड ईवी मोटर्स या एसेम्बली को आयात करने की छूट दी जा सकती है.

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