ब्रिटेन के कोने-कोने में दिखेगा मेड इन इंडिया! इन छोटे शहरों का बजेगा डंका, दोनों देशों को मिलेगा $120 अरब का बाजार

भारत और ब्रिटेन के बीच तीन साल चली गुप्त बातचीत अब अपने नतीजे पर पहुंच चुकी है. इस समझौते का असर न सिर्फ भारत के व्यापार पर पड़ेगा, बल्कि गांव-गांव तक इसकी गूंज सुनाई देगी. कौन-से उत्पाद होंगे सबसे बड़े सितारे? कौन से राज्य होंगे फायदेमंद? जानें पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में.

ब्रिटेन के बाजार में अब बजेगा भारत का डंका Image Credit: FreePik

India UK Free Trade Agreement: ब्रिटिश हुकूमत से आजादी के 77 साल बाद, भारत और ब्रिटेन अब एक बराबरी की बिसात पर खड़े हैं और इसी मंच पर दोनों देशों ने एक ऐतिहासिक आर्थिक साझेदारी पर मुहर लगाई है. तीन वर्षों के मशक्कत के बाद ‘Comprehensive Economic and Trade Agreement’ (CETA) के रूप में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) ने आखिरकार आकार ले लिया है. अब हर साल दोनों देशों में 34 अरब डॉलर तक व्यापार बढ़ने की उम्मीद है. ऐसे पांच साल में दोनों देशों के बीच कारोबार 120 अरब डॉलर पहुंच जाएगा.

अब भारत के व्यापारी वही सामान, वही दाम और वही मेहनत लेकर विदेशी बाजारों में कदम रख सकेंगे, ठीक उसी तरह जैसे वो अपने देश में व्यापार करते आए हैं. इसका सबसे बड़ा असर यह होगा कि भारतीय उत्पाद चीन, वियतनाम जैसे पुराने दावेदारों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सीधी टक्कर दे सकेंगे.

यह समझौता महज आंकड़ों या शुल्कों की फेरबदल नहीं है, यह भारत के हर कोने को उसकी अलग पहचान दिलाने वाला दस्तावेज है. अब सूरत का कपड़ा ब्रिटेन की दुकानों में फैशन का हिस्सा बनेगा, कोल्हापुर की जूती जापानी चमड़े को चुनौती देगी और कश्मीर का कालीन पाकिस्तान की पकड़ से बाजार छीन लेगा. भारत का हर राज्य, हर शहर अब वैश्विक व्यापार की तस्वीर में अपना नाम दर्ज कराने के लिए तैयार है.

कृषि और प्रोसेस्ड फूड, किसानों के लिए राहत की खबर

क्या मिला: फलों, सब्जियों, अनाज, हल्दी, मिर्च, इलायची और अचार, मैंगो पल्प, दाल जैसी चीजों पर ब्रिटेन में जीरो ड्यूटी. पहले इन पर टैक्स लगता था, जिससे भारत के प्रोडक्ट महंगे पड़ते थे. 95% कृषि और प्रोसेस्ड फूड पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. अब बिना टैक्स के ये सस्ते मिलेंगे, तो डिमांड बढ़ेगी. इसके अलावा भारत से यूके को भेजे जाने वाले तिलहन (जैसे सरसों, सूरजमुखी, मूंगफली आदि) पर अब पहले की तरह भारी टैक्स नहीं लगेगा.

राज्यवार फायदा:

  • महाराष्ट्र – अंगूर, प्याज
  • पंजाब-हरियाणा – बासमती चावल
  • गुजरात – मूंगफली, कपास
  • केरल – मसाले
  • नॉर्थ ईस्ट – हॉर्टिकल्चर प्रोडक्ट्स (फल-फूल)

समुद्री उत्पाद (फिशरीज), तटीय राज्यों की बल्ले-बल्ले

क्या मिला: झींगा, ट्यूना, मछली का चारा (fishmeal), फीड्स जैसे उत्पाद अब टैक्स फ्री ब्रिटेन जाएंगे. अभी UK में इन प्रोडक्ट्स पर 4.2% से 8.5% टैक्स लगता था, जो अब 0% हो गया. इसके अलावा सेनेटरी और फाइटोसैनिटरी (SPS) प्रावधानों से निर्यात में कम रुकावट आएगी.

राज्यवार फायदा:

  • आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल, तमिलनाडु – मछुआरों को ज्यादा दाम मिलेंगे, एक्सपोर्ट बढ़ेगा.

प्लांटेशन सेक्टर को नया बूस्ट

क्या मिला: यूके पहले से ही भारत की चाय, कॉफी और मसालों का बड़ा खरीदार है.इस डील के बाद अब इंस्टेंट कॉफी पर भी टैक्स खत्म होगा. इससे भारत की कॉफी जर्मनी, स्पेन जैसे देशों के मुकाबले ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो जाएगी.मसाले और प्रोसेस्ड चाय भी यूके में ज्यादा बिकेंगे.

टेक्सटाइल और कपड़ा उद्योग को मिलेगी राहत

क्या मिला: भारत के रेडीमेड कपड़े, होम टेक्सटाइल, कालीन और हस्तशिल्प पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा. पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान को फ्री एक्सेस था, भारत को नहीं. अब भारत भी बराबरी में आ गया. अनुमान है कि डील के बाद भारत की यूके में हिस्सेदारी अगले 2 साल में 5% बढ़ सकती है.

राज्यवार फायदा:

  • सूरत, लुधियाना जैसे टेक्सटाइल हब को डील से फायदा होगा.
  • वहीं कश्मीर अपने कालीन को विदेशों में बेहद सस्ते दामों में बेच सकेगा और अपना बाजार बनाएगा

इंजीनियरिंग सेक्टर, नई ऊंचाई की ओर

क्या मिला: भारत का यूके को इंजीनियरिंग निर्यात फिलहाल 4.28 अरब डॉलर है, जबकि यूके का कुल आयात 193 अरब डॉलर का है. अब प्रोडक्ट पर टैरिफ 18% तक कम हो रहा है. इलेक्ट्रिकल मशीन, कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट की डिमांड बढ़ेगी.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर को मिलेगा नया बाजार

क्या मिला: स्मार्टफोन, इनवर्टर, ऑप्टिकल फाइबर पर टैक्स खत्म. सॉफ्टवेयर सर्विस कंपनियों को UK में नए क्लाइंट्स मिलेंगे, जॉब्स भी बढ़ेंगी. ये बाजार 15-20% तक बढ़ सकता है. भारतीय आईटी कंपनियों के लिए नई नौकरियों और प्रोजेक्ट्स का रास्ता खुलेगा.

फार्मा सेक्टर, भारत की जेनरिक दवाएं UK में सस्ती

क्या मिला: भारतीय जेनरिक दवाओं पर UK में अब कोई टैक्स नहीं. भारत की सस्ती दवाएं ब्रिटिश बाजार में यूरोपीय ब्रांड्स से टक्कर लेंगी.

प्लास्टिक और केमिकल्स को मिलेगा नया बाजार मिलेगा

क्या मिला: प्लास्टिक के पाइप, टेबलवेयर, पैकेजिंग, और केमिकल प्रोडक्ट्स पर टैक्स खत्म. डील के बाद केमिकल निर्यात में 30-40 फीसदी की वृद्धि संभावित है. क्योंकि UK की डिमांड पूरी करने के लिए भारत अब चीन और यूरोप से सस्ते प्रोडक्ट भेज सकेगा.

खिलौने और स्पोर्ट्स गुड्स, मेड इन इंडिया की पहचान

क्या मिला: क्रिकेट बैट, फुटबॉल, नॉन-इलेक्ट्रॉनिक टॉयज पर अब UK में टैक्स नहीं लगेगा. चीन, वियतनाम जैसे देशों से मुकाबला आसान होगा.

जेम्स और ज्वेलरी में एक्सपोर्ट डबल होने की उम्मीद

क्या मिला: सोने-चांदी के गहनों पर टैक्स हटा.यूके हर साल $3 अरब के आभूषण खरीदता है, जिसमें से भारत से सिर्फ $941 मिलियन का निर्यात होता है.यह आंकड़ा अगले 2-3 साल में दोगुना हो सकता है. UK का गहनों का बाजार बड़ा है इस डील के बाद भारत के लिए नए ग्राहक मिलेंगे.

चमड़ा और फुटवियर को क्या मिला

क्या मिला: लेदर प्रोडक्ट्स और फुटवियर पर लगने वाला 16% टैक्स अब जीरो हो गया है. अब जिससे भारत के लेदर उत्पाद ज्यादा बिकेंगे.

राज्यवार फायदा:

  • आगरा, कानपुर, कोल्हापुर, चेन्नई – MSMEs को सीधा फायदा

नए जमाने की सर्विसेस और प्रोफेशनल्स के लिए मौका

क्या मिला: योगा ट्रेनर, शेफ, आर्टिस्ट्स जैसे पेशेवर UK में सर्विस दे सकेंगे, वीजा और एंट्री नियम आसान हुए. क्योंकि इस डील के बाद कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर प्रोजेक्ट लेने वाले भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए आसान एंट्री होगी.

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इनोवेशन और स्टार्टअप्स के लिए मौका

क्या मिला: पहली बार FTA में इनोवेशन चैप्टर शामिल, जिससे टेक्नोलॉजी और रिसर्च में दोनों देश साथ मिलकर काम करेंगे.

भारत-UK FTA सिर्फ ट्रेड डील नहीं, बल्कि भारत के लाखों किसानों, व्यापारियों, उद्यमियों और प्रोफेशनल्स के लिए एक नई शुरुआत है. इससे जहां राज्यों को अपने खास उत्पादों को विदेशी बाजार मिलेंगे, वहीं MSMEs और छोटे व्यापारी भी ग्लोबल लेवल पर मुकाबला कर सकेंगे.