चाइनीज प्रोडक्ट्स पर भारत सरकार का बड़ा फैसला, 5 साल के लिए लगाया ये शुल्क
केंद्र सरकार ने पड़ोसी देश से आयात होने वाले 5 प्रोडक्ट्स पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने का फैसला किया है. सरकार ने यह निर्णय घरेलू व्यापारियों को हो रहे नुकसान को ध्यान रखते हुए लिया है.

देश के घरेलू व्यापारियों पर पड़ने वाली चाइनीज प्रोडक्ट की मार से उन्हें बचाने के लिए भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने पड़ोसी देश से आयात होने वाले 5 प्रोडक्ट्स पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने का फैसला किया है. इनमें आइसोप्रोपिल अल्कोहल, सल्फर ब्लैक, सेलोफेन पारदर्शी फिल्म, थर्मोप्लास्टिक पॉलीयूरेथेन और बिना फ्रेम वाले ग्लास मिरर शामिल है. इससे चीन अब भारत में चुनिंदा आइटम्स को सस्ते में नहीं बेच पाएगा.
भारत सरकार के इस फैसले से घरेलू खिलाड़ियों को राहत मिलेगी. इससे उन्हें प्रोडक्ट बेचने में आने वाली दिक्कतें कम होंगी. इस सिलसिले में पांच अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की गई हैं. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड, राजस्व विभाग ने कहा कि यह शुल्क पांच साल की अवधि के लिए होगा. बता दें सरकार ने आइसोप्रोपिल अल्कोहल को लेकर विभिन्न चीनी फर्मों पर 82 अमेरिकी डॉलर प्रति टन और 217 अमेरिकी डॉलर प्रति टन शुल्क लगाया है, इसका इस्तेमाल चिकित्सा और औद्योगिक काम में उपयोग होता है. इसका उपयोग त्वचा और इंस्ट्रूमेंटेशन के लिए बनने वाले एंटीसेप्टिक और हैंड सैनिटाइज़र में भी किया जाता है.
किस प्रोडक्ट पर कितना लगाया शुल्क?
सरकार ने सल्फर ब्लैक के आयात पर 389 अमरीकी डॉलर प्रति टन तक का शुल्क लगाया गया है. इसका 2023-24 में कुल आयात 4.3 मिलियन अमरीकी डॉलर था. इसका उपयोग कपड़ा, कागज और चमड़े की रंगाई के लिए किया जाता है. इसी तरह, थर्मोप्लास्टिक पॉलीयूरेथेन के आयात, जिसका उपयोग ऑटोमोटिव, मेडिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में होता है, इस पर अब 0.93 अमरीकी डॉलर प्रति किलोग्राम से लेकर 1.58 अमरीकी डॉलर प्रति किलोग्राम तक का एंटी-डंपिंग शुल्क लगेगा. वहीं सेलोफेन पारदर्शी फिल्म पर एंटी-डंपिंग शुल्क 1.34 अमरीकी डॉलर प्रति किलोग्राम रखा गया है, इसका उपयोग पैकिंग सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है. इसके अलावा बिना फ्रेम वाले कांच के शीशों पर 234 अमरीकी डॉलर प्रति टन का एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया गया है.
सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?
वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डीजीटीआर की ओर से इसके लिए सिफारिशें किए जाने के बाद ये शुल्क लगाए गए हैं. इस महीने की शुरुआत में डीजीटीआर ने घरेलू खिलाड़ियों की अलग-अलग शिकायतों के बाद चीन से आयातित कुछ रसायनों, कोल्ड रोल्ड इलेक्ट्रिकल स्टील और ब्लैक टोनर पाउडर कार्ट्रिज सहित छह उत्पादों की कथित डंपिंग की जांच शुरू की है. जिनमें टेट्राफ्लोरोइथेन, एक्रिलोनिट्राइल ब्यूटाडीन रबर, कुछ एंटीऑक्सिडेंट, पॉलीटेट्राफ्लोरोइथिलीन, ब्लैक टोनर पाउडर कार्ट्रिज और कोल्ड रोल्ड नॉन-ओरिएंटेड इलेक्ट्रिकल स्टील की डंपिंग की जांच शामिल है.
भारतीय व्यवसायियों को हो रहा था नुकसान
सर्कुलर के अनुसार आवेदकों ने आरोप लगाया है कि चीन से भारत में आयातित उत्पादों के डंप किए जाने के कारण घरेलू उद्योग को भौतिक नुकसान हो रहा है. उन्होंने सस्ते आयात से बचाने के मकसद से इन आयातों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने का अनुरोध किया. इन शुल्कों को लगाने का अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेता है. एंटी-डंपिंग जांच यह निर्धारित करने के लिए की जाती है कि सस्ते आयात में वृद्धि के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान तो नहीं पहुंचा है.
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