भूषण पावर एंड स्टील में 50% हिस्सेदारी बेचेगी JSW, जापानी कंपनी ने लगाया दांव; जानें कितने में होगी डील
Bhushan Power and Steel: इस डील से जेएफई स्टील को सब्सिडियरी कंपनी में 50 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी. इससे अरबपति सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाली जेएसडब्ल्यू को अपना कर्ज कम करने या विस्तार योजनाओं के लिए फंड जुटाने में मदद मिलेगी. 2017 में भूषण स्टील भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा चिह्नित 12 बड़े डिफॉल्टरों में शामिल थी.
Bhushan Power and Steel: अरबपति सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाली जेएसडब्ल्यू स्टील, जापान की दूसरी सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी जेएफई स्टील कॉर्पोरेशन के साथ बातचीत कर रही है, ताकि उसे अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड में भागीदार बनाया जा सके. इस डील की कीमत लगभग 15,000-16,000 करोड़ रुपये है. इस ट्रांजेक्शन को इस तिमाही में फाइनल किया जा सकता है. इस डील से जेएफई स्टील को सब्सिडियरी कंपनी में 50 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी. इससे अरबपति सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाली जेएसडब्ल्यू को अपना कर्ज कम करने या विस्तार योजनाओं के लिए फंड जुटाने में मदद मिलेगी.
लंबी दिवालियापन लड़ाई का अंत
यह कदम सितंबर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिवालिया भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड के अधिग्रहण की भारत की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी की 19,700 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दिए जाने के बाद उठाया गया है. इस सौदे के साथ ही भारत की सबसे लंबी दिवालियापन लड़ाई का अंत हो गया है. मिंट ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा, ‘जेएफई जापान के साथ दूसरे ज्वाइंट वेंचर के लिए बातचीत एक साल से ज्यादा समय से चल रही है. हालांकि, अदालत में दिवालियापन की लड़ाई के कारण इस तरह की बातचीत में देरी हुई. जेएसडब्ल्यू का जेएफई स्टील के साथ दूसरा ज्वाइंट वेंचर जेएसडब्ल्यू जेएफई इलेक्ट्रिकल स्टील है.
वित्तीय प्रदर्शन
जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही के अंत में JSW स्टील का नेड डेट ₹79,153 करोड़ था, जैसा कि प्रबंधन द्वारा पोस्ट-अर्निंग कॉल के दौरान बताए आंकड़ों से पता चलता है. इसी अवधि में नेट डेट-से-एबिटा रेश्यो 2.97 गुना था.
JSW स्टील के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर, स्वयं सौरभ ने अक्टूबर में पोस्ट-अर्निंग कॉल में कहा, ‘इस साल कुल डेट बढ़ या घट सकता है. लेकिन हम जिस चीज की अधिक पॉजिटिव उम्मीद कर रहे हैं, वह है नेट डेट-से-एबिटा, लीवरेज रेशियो को 3 गुना से नीचे रखना.’
जेएफई स्टील ने 2010 में खरीदी थी हिस्सेदारी
साल 2010 में जेएफई स्टील कॉर्पोरेशन ने जेएसडब्ल्यू स्टील में 4,800 करोड़ रुपये में 15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. यह हिस्सेदारी अब भी उसके पास है. अरबपति सज्जन जिंदल के स्वामित्व वाली यह कंपनी, जो अपना कर्ज कम करना चाहती थी, ने जेएफई के निवेश को 15 फीसदी तक सीमित कर दिया था.
2017 में भूषण स्टील भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा चिह्नित 12 बड़े डिफॉल्टरों में शामिल थी, जिन पर ऋणदाताओं का 47,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया था. जेएसडब्ल्यू ने 2018 में टाटा स्टील सहित प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़कर टॉप बीडर के रूप में उभरी थी, जिससे एक लंबी और विवादास्पद दिवालियापन लड़ाई का अंत हुआ था.
जेएसडब्ल्यू के पक्ष में गया था फैसला
हालांकि, पूर्व प्रमोटर संजय सिंघल, कल्याणी समूह की टोरस्टील, ओडिशा राज्य और अन्य स्टेकहोल्डर्स जैसे लेनदारों ने अनियमितताओं और बार-बार देरी का हवाला देते हुए कई मंचों पर इस योजना को चुनौती दी. इस मुद्दे का अंततः दो महीने पहले सर्वोच्च न्यायालय ने जेएसडब्ल्यू के पक्ष में समाधान किया.
जेएसडब्ल्यू ने भूषण स्टील की क्षमता 2017 में 2.3 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) से बढ़ाकर 2025 में 4.5 MTPA कर दी है. अतिरिक्त 0.5 MTPA क्षमता विस्तार की भी योजना बनाई गई है.
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