प्राडा बनाएगी भारतीय स्टाइल में ‘मेड इन इंडिया’ सैंडल, 83000 रुपये होगी कीमत; 2026 से बेचना शुरू करेगी कंपनी

प्राडा अपने विवादित डिजाइन के बाद अब भारतीय पारंपरिक फुटवियर से प्रेरित लिमिटेड ‘मेड इन इंडिया’ सैंडल कलेक्शन लॉन्च करने जा रही है. हर जोड़ी की कीमत लगभग 83000 रुपये होगी और उत्पादन महाराष्ट्र व कर्नाटक में भारतीय कारीगरों द्वारा किया जाएगा. कंपनी ने LIDCOM और LIDKAR के साथ साझेदारी कर तीन वर्ष का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू करेगी, जिसमें Prada Academy इटली में ट्रेनिंग का अवसर शामिल होगा.

प्राडा Image Credit: tv9 bharatvarsh

Prada Made in India Collection: करीब छह महीने पहले मिलान में आयोजित एक प्रदर्शनी में 12वीं शताब्दी की भारतीय चप्पलों से मिलती-जुलती सैंडल प्रदर्शित करने के बाद प्राडा को आलोचना का सामना करना पड़ा था. तस्वीरें वायरल होने के बाद भारतीय कारीगरों और राजनेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. बाद में कंपनी ने स्वीकार किया कि यह डिजाइन प्राचीन भारतीय शैलियों से प्रेरित है. अब प्राडा ने घोषणा की है कि वह भारत में पारंपरिक जूतों से प्रेरित एक लिमिटेड ‘मेड इन इंडिया’ एडिशन कलेक्शन तैयार करेगी.

83 हजार रुपये होगी कीमत

प्राडा के सीनियर एग्जीक्यूटिव अधिकारी लोरेंजो बर्टेली ने रॉयटर्स को बताया कि कंपनी भारत की पारंपरिक फुटवियर डिजाइन से प्रेरित होकर सीमित संख्या में सैंडल्स तैयार करेगी. यह विशेष कलेक्शन भारत में बनाया जाएगा और हर जोड़ी की कीमत लगभग 800 यूरो (930 डॉलर), यानी करीब 83000 रुपये रखी जाएगी. बर्टेली के अनुसार, सोशल मीडिया पर उत्पन्न विवाद को प्राडा अब भारतीय कारीगरों के साथ सहयोग का अवसर बना रही है.

कंपनी महाराष्ट्र और कर्नाटक में कुल 2000 जोड़ी सैंडल्स तैयार करने की योजना बना रही है. इसके लिए Prada ने दो राज्य समर्थित संस्थाओं के साथ साझेदारी की है, जिनकी मदद से भारतीय कारीगरों की पारंपरिक कला को इटैलियन टेक्नोलॉजी और विशेषज्ञता के साथ जोड़ा जाएगा. इससे भारतीय हैंडीक्राफ्ट को वैश्विक बाजार में नई पहचान मिल सकती है.

2026 में शुरू होगी बिक्री

कंपनी ने बताया कि यह लिमिटेड एडिशन कलेक्शन फरवरी 2026 में दुनिया भर के 40 प्राडा स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक्री के लिए उपलब्ध होगा. कंपनी ने अब संत रोहिदास लेदर इंडस्ट्रीज एंड चार्माकर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (LIDCOM) और डॉ. बाबू जगजीवन राम लेदर इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (LIDKAR) के साथ समझौता किया है, जो भारत की लेदर विरासत को बढ़ावा देने का कार्य करते हैं.

प्राडा के संस्थापकों Miuccia Prada और Patrizio Bertelli के सबसे बड़े बेटे बर्टेली ने कहा, “हम इन चप्पलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाले कारक बनना चाहते हैं.” तीन वर्ष की एक साझेदारी बनाई जा रही है. इस पहल में स्थानीय कारीगरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें भारत में आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ-साथ इटली स्थित Prada Academy में कुछ समय बिताने का अवसर भी शामिल होगा.

2030 तक 30 बिलियन डॉलर का होगा भारतीय लग्जरी मार्केट

डेलॉइट के अनुसार, भारत का लग्जरी वस्तुओं का मार्केट 2024 में 7 बिलियन डॉलर का था और 2030 तक इसके बढ़कर 30 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है. हालांकि, यह बाजार अभी भी चीन की तुलना में बहुत छोटा है. चीन का 2024 में लग्जरी मार्केट लगभग 350 अरब युआन (49.56 अरब डॉलर) था.

भारत में कई ग्लोबल लग्जरी ब्रांड धीरे-धीरे अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं. अधिकतर कंपनियों ने मुकेश अंबानी के रिलायंस समूह और कुमार मंगलम बिरला के आदित्य बिरला समूह जैसे बड़े समूहों के साथ साझेदारी करके भारतीय बाजार में प्रवेश किया है.

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