‘डेटा सेंटर’ पर रिलायंस का बड़ा दांव, AI इंफ्रास्ट्रक्चर में ₹1.30 लाख करोड़ निवेश की तैयारी! जानें पूरा प्लान
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज अगले कुछ वर्षों में AI इंफ्रास्ट्रक्चर 12-15 अरब डॉलर का निवेश करेगी. कंपनी 1 गीगावाट एआई डेटा सेंटर बना रही है. कंपनी जामनगर में पहला चरण शुरू कर चुकी है और शेष क्षमता को ‘डेटा सेंटर ऐज अ सर्विस’ के रूप में हाइपरस्केलर्स को देगी.
अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) आने वाले वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंफ्रास्ट्रक्चर पर 12-15 अरब डॉलर यानी करीब 1.30 लाख करोड़ तक का निवेश कर सकती है. मॉर्गन स्टैनली की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस निवेश में कंपनी का फोकस एक 1 गीगावाट (GW) के विशाल डेटा सेंटर के निर्माण पर होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस अपनी कुल क्षमता का लगभग 25% हिस्सा खुद संभालेगी जिसके लिए कंपनी करीब 7 अरब डॉलर डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर और 5 अरब डॉलर चिप्स इंस्टॉलेशन में खर्च करने की योजना में है.
विशाल डेटा सेंटर बना रही है रिलायंस
रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस शेष क्षमता को हाइपरस्केलर्स और LLM प्रदाताओं को ‘डेटा सेंटर ऐज अ सर्विस (DaaS)’ के रूप में लीज पर देगी. इसे लेकर कंपनी ने गुजरात के जामनगर में इस परियोजना का पहला चरण पहले ही शुरू हो चुका है. रिलायंस, गूगल के साथ मिलकर जामनगर में एक डेडिकेटेड क्लाउड रीजन स्थापित कर रही है जो रिलायंस की इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता और गूगल की एआई तकनीक को एक साथ जोड़ेगा.
रिलायंस इंटेलिजेंस
रिलायंस ने इस साल अगस्त में हुई एनुअल जनरल मीटिंग में एआई पर बड़ा दांव लगाने की घोषणा की थी. इसके तहत कंपनी ने ‘रिलायंस इंटेलिजेंस’ (Reliance Intelligence) नाम से एक नई पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बनाई है जो चार प्रमुख चीजों पर काम करेगी .
- इंफ्रास्ट्रक्चर: गीगावॉट स्तरीय एआई रेडी डेटा सेंटर का निर्माण
- पार्टनरशिप्स: वैश्विक टेक कंपनियों के साथ सहयोग
- सर्विसेज: भारतीय उपभोक्ताओं, MSMEs और उद्यमों के लिए एआई सेवाएं
- टैलेंट: भारतीय एआई वर्कफोर्स को प्रशिक्षित और मजबूत करना
एनर्जी और रिटर्न
मॉर्गन स्टैनली के अनुसार, रिलायंस के शुरुआती एआई निवेश पर लगभग 11% की रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) की संभावना है. डेटा सेंटर सेवाओं से कंपनी को प्रति मेगावाट 1.5 से 1.6 मिलियन डॉलर एनुअल रेवेन्यू मिलने का अनुमान है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डेटा सेंटर भारी ऊर्जा उपभोक्ता होते हैं, इसलिए रिलायंस इस परियोजना से 20GW तक की आंतरिक बिजली मांग को भी कवर कर सकेगी जिससे उसके 100GW सोलर पैनल और 30–40GWh बैटरी क्षमता को समर्थन मिलेगा.
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