मुकेश अंबानी और जुकरबर्ग ने भारत में AI के लिए मिलाया हाथ; रिलायंस-मेटा के JV पर खर्च होंगे ₹855 करोड़
भारत में टेक्नोलॉजी और बिजनेस की दुनिया में एक नई हलचल शुरू हो गई है. दो बड़े उद्योग जगत और डिजिटल प्लेटफॉर्म के दिग्गज मिलकर एक अनोखी पहल लेकर आए हैं, जिसका असर छोटे-बड़े व्यवसायों और एंटरप्राइज सेक्टर पर लंबे समय तक देखने को मिलेगा.
मुकेश अंबानी और मार्क जुकरबर्ग अब साथ मिलकर भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का नया दौर शुरू करने जा रहे हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की पूरी तरह से स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड और फेसबुक की भारतीय इकाई ने मिलकर रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (REIL) नाम की एक नई कंपनी बनाई है. यह साझेदारी भारतीय कंपनियों को अपने कारोबार में AI के जरिए और ज्यादा स्मार्ट बनाने पर केंद्रित होगी.
855 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश
कंपनी ने बताया है कि दोनों दिग्गज कंपनियां मिलकर करीब 855 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश इस यूनिट में करेंगी. इसमें रिलायंस इंटेलिजेंस की हिस्सेदारी 70 फीसदी होगी, जबकि फेसबुक ओवरसीज इंक (जो मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक की सहायक कंपनी है) की हिस्सेदारी 30 फीसदी रखी गई है. शुरुआती चरण में रिलायंस इंटेलिजेंस करीब 2 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिसके बदले उसे 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 20 लाख इक्विटी शेयर मिलेंगे.
मेटा की तकनीक और रिलायंस का नेटवर्क
इस ज्वाइंट वेंचर का उद्देश्य भारत में एंटरप्राइज लेवल पर AI सेवाएं देना है. इसके तहत मेटा अपने Llama ओपन-सोर्स मॉडल्स की तकनीकी विशेषज्ञता उपलब्ध कराएगा, जबकि रिलायंस अपने विशाल डिजिटल नेटवर्क और हजारों भारतीय व्यवसायों तक पहुंच का फायदा उठाएगा.
REIL दो मुख्य क्षेत्रों पर काम करेगी, पहला, कंपनियों के लिए AI प्लेटफॉर्म-एज-ए-सर्विस, ताकि वे अपने हिसाब से जनरेटिव AI मॉडल तैयार कर सकें. दूसरा, बिक्री, मार्केटिंग, ग्राहक सेवा, आईटी और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों के लिए पहले से तैयार AI समाधान उपलब्ध कराना. ये समाधान क्लाउड, ऑन-प्रेमाइसेस या हाइब्रिड वातावरण में लागू किए जा सकेंगे.
रिलायंस के अनुसार, यह सौदा किसी भी संबंधित पक्ष लेन-देन (related party transaction) की कैटेगरी में नहीं आता और इसके लिए किसी सरकारी या नियामकीय मंजूरी की जरूरत नहीं थी. कंपनी को उम्मीद है कि यह साझेदारी भारत के एंटरप्राइज सेक्टर में AI को बड़े पैमाने पर अपनाने का रास्ता खोलेगी.
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