अमेरिका-चीन रिश्तों में नई पहल, ट्रंप-जिनपिंग बैठक से पहले तनाव कम करने की कोशिश तेज; कुआलालंपुर में हुई अधिकारियों की बैठक

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड तनाव को कम करने के लिए कुआलालंपुर में शीर्ष अधिकारियों की अहम बैठक हुई. ट्रंप और शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात से पहले दोनों पक्ष टैरिफ, टेक्नोलॉजी एक्सपोर्ट कंट्रोल और रेयर अर्थ प्रतिबंधों पर सहमति की दिशा में बढ़ रहे हैं. सभी की निगाहें अब ट्रंप-शी मुलाकात पर टिकी हैं, जो आने वाले महीनों की आर्थिक दिशा तय करेगी.

शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रंप Image Credit: Mikhail Svetlov/Getty Images

US-China Trade Talks: अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर व्यापारिक तनाव चरम पर है, लेकिन दोनों देश अब टकराव नहीं बल्कि समाधान की दिशा में बढ़ते दिख रहे हैं. कुआलालंपुर में दोनों देशों के शीर्ष आर्थिक अधिकारियों के बीच हुई बैठक से उम्मीदें जगी हैं कि ट्रंप और शी जिनपिंग की आगामी मुलाकात से पहले कोई ठोस सहमति बन सकती है. इस वार्ता का मकसद बढ़ते टैरिफ और रेयर अर्थ एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंधों के बीच एक नया संतुलन स्थापित करना है.

ट्रेड तनाव के बीच वार्ता शुरू

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कुआलालंपुर में शनिवार को अमेरिका और चीन के बीच हुई बैठक को अमेरिकी ट्रेजरी प्रवक्ता ने “बहुत रचनात्मक” बताया. दोनों देशों के प्रतिनिधि अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी, ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव और चीन के उप प्रधानमंत्री हे लीफेंग इस वार्ता में शामिल रहे. यह वार्ता दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) सम्मेलन के दौरान आयोजित की गई, जिसका मकसद आने वाले हफ्ते में होने वाली ट्रंप-शी जिनपिंग की बैठक के लिए रास्ता साफ करना है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन से आयातित वस्तुओं पर 100 फीसदी तक के नए टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी, जबकि चीन ने इसके जवाब में रेयर अर्थ एक्सपोर्ट पर सख्त नियंत्रण लागू किए. इन कदमों से मई से चली आ रही अस्थायी ट्रेड ट्रूस पर खतरा मंडरा गया है.

ट्रंप-शी बैठक के लिए बनाई जा रही राह

यह बैठक आने वाले सप्ताह में दक्षिण कोरिया में होने वाले Asia-Pacific Economic Cooperation (APEC) शिखर सम्मेलन से पहले की अहम तैयारी मानी जा रही है. ट्रंप और शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात में टैरिफ राहत, टेक्नोलॉजी एक्सपोर्ट कंट्रोल और अमेरिकी सोयाबीन की चीन को बिक्री जैसे मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है. ट्रंप ने वॉशिंगटन से एशिया यात्रा पर रवाना होते समय कहा कि वे इस वार्ता में ताइवान, किसानों की समस्याओं और हांगकांग के मीडिया टाइकून जिमी लाई की रिहाई जैसे मुद्दे भी उठाएंगे.

उन्होंने कहा, “हमारे पास राष्ट्रपति शी से बात करने के लिए बहुत से अहम मुद्दे हैं, और मुझे भरोसा है कि यह बैठक सकारात्मक रहेगी.” विश्लेषकों का मानना है कि यह वार्ता न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी निर्णायक साबित हो सकती है.

समझौते पर टिकी हैं सबकी निगाहें

एक्सपर्ट्स का कहना है कि असली टकराव अमेरिकी तकनीकी एक्सपोर्ट नियंत्रण और चीन के रेयर अर्थ प्रतिबंधों पर है. अमेरिका चाहता है कि चीन अपने निर्यात नियंत्रण में ढील दे, लेकिन यह बीजिंग का सबसे बड़ा दबाव उपकरण है. यदि ट्रंप और शी जिनपिंग की बैठक में कोई ठोस समझौता होता है, तो यह वैश्विक सप्लाई चेन के लिए राहतभरी खबर होगी. लेकिन अगर वार्ता विफल रही, तो दोनों देशों के बीच व्यापारिक प्रतिबंधों और टैरिफ की नई जंग छिड़ सकती है.

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