रुपये में फिर रिकॉर्ड क्रैश! भारत- अमेरिका ट्रेड डील बनी बड़ी वजह; क्या हैं सुधार के रास्ते?

बाजार में उतार-चढ़ाव और वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय मुद्रा को लेकर निवेशकों में बेचैनी बढ़ी हुई है. अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर चल रही अहम बातचीत और लगातार बदलते वित्तीय रुझानों ने माहौल को और जटिल बना दिया है. विशेषज्ञ इसे आने वाले दिनों के लिए महत्वपूर्ण मोड़ मान रहे हैं.

रिकॉर्ड लो तक फिसला रुपया Image Credit: Money9 Live

Rupee hits record low: भारत की मुद्रा रुपया इस हफ्ते लगातार दबाव में रही और शुक्रवार को यह पहली बार 90.41 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर बंद हुआ. निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ी हुई है, खासकर इसलिए क्योंकि भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर साफ तस्वीर अभी सामने नहीं आई है. विदेशी फंड्स की लगातार निकासी और आयातकों द्वारा बढ़ी डॉलर खरीद ने बाजार में अतिरिक्त दबाव पैदा कर दिया.

शुक्रवार को इंटरबैंक फॉरेक्स मार्केट में रुपया 90.43 पर खुला और कारोबार के दौरान 90.56 प्रति डॉलर तक लुढ़क गया, जो इसका अब तक का सबसे निचला इंट्रा-डे स्तर है. पिछले सत्र की तुलना में रुपये ने 24 पैसे की कमजोरी दर्ज की. अंत में यह 90.41 पर बंद हुआ, यानी गुरुवार के मुकाबले 9 पैसे नीचे. इससे एक दिन पहले ही रुपये में 38 पैसे की बड़ी गिरावट रिकॉर्ड की गई थी, जब यह 90.32 पर बंद हुआ था.

ट्रेड डील में देरी से बाजार में बेचैनी

भारत और अमेरिका के बीच दो दिनों तक चली वार्ताओं में व्यापार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा तो हुई, लेकिन अंतिम समझौता अभी तय नहीं हो सका. इसी वजह से बाजार में अंदेशा है कि डील में देरी घरेलू मुद्रा पर और दबाव डाल सकती है. दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ने फोन पर आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर बातचीत की, लेकिन निवेशकों को किसी ठोस घोषणा का इंतजार है.

विश्लेषकों की राय और बाजार का माहौल

मिराए एसेट शेयरखान के विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि रुपये में कमजोरी का रुख आगे भी रह सकता है, हालांकि वैश्विक माहौल में सुधार, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी कुछ हद तक समर्थन दे सकती है. यदि भारतीय रिजर्व बैंक दखल देता है, तो गिरावट सीमित हो सकती है.

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इस बीच डॉलर इंडेक्स 0.07 प्रतिशत मजबूत होकर 98.41 पर पहुंच गया. ब्रेंट क्रूड मामूली बढ़त के साथ 61.27 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 449 अंक चढ़कर 85,267 पर और निफ्टी 148 अंक बढ़कर 26,046 पर बंद हुआ. हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को 2,020 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जिससे मुद्रा बाजार पर दबाव और बढ़ गया.