टाटा संस में 18 फीसदी हिस्सेदारी, सिर पर 22,000 करोड़ का कर्ज, इस कंपनी के लिए अब IPO बनेगा सहारा!
टाटा संस हर तरह की स्थिति के लिए तैयार रहना चाहता है. टाटा संस, टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है. क्टूबर 2022 में दिवंगत साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद से समूहों के बीच संबंध बिल्कुल भी मधुर नहीं रहे हैं.

Tata Sons and Shapoorji Pallonji Group: टाटा संस ने सेंट्रल बैंक की नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, अपर लेयर में शामिल होने से बचने के लिए अपनी बैलेंस शीट से कर्ज को खत्म कर दिया है. अब खबर है कि टाटा संस संभावित इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) सहित कई तरह की स्थितियों के लिए प्लानिंग कर रहा है. इस तैयारी के पीछे की वजह यह है कि टाटा संस में 18.4 फीसदी शेयरहोल्डिंग रखने वाले मिस्त्री परिवार के शापूरजी पल्लोनजी (SP) समूह द्वारा शेयर बिक्री पर विचार करने के बढ़ते दबाव के बीच तत्परता सुनिश्चित हो सके. टाटा संस, टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है.
स्टेकहोल्डर्स के बीच सहमति नहीं
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, टाटा संस भविष्य की प्लानिंग में पब्लिक लिस्टिंग, आंशिक हिस्सेदारी बिक्री या माइनॉरिटी हिस्सेदारी या पूरी तरह से खरीदारी जैसी संभावनाएं शामिल हैं. हालांकि, इनमें से किसी भी प्लान पर तुरंत फैसले की संभावना नही है, क्योंकि टाटा ट्रस्ट्स के स्टेकहोल्डर्स के बीच इस पर कोई आम सहमति नहीं है.
ट्रस्ट्स के पास टाटा संस का 66 फीसदी हिस्सा है. इसके अलावा, अक्टूबर 2022 में दिवंगत साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद से समूहों के बीच संबंध बिल्कुल भी मधुर नहीं रहे हैं.
22,000 करोड़ रुपये के कर्ज
शापूरजी पल्लोनजी समूह पर हाई इंटरेस्ट रेट पर लिए गए 22,000 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाने का दबाव है, जिसे कथित तौर पर मार्च 2025 तक चुकाना है. समूह ने टाटा को बताया है कि होल्डिंग कंपनी को लिस्ट करने से टाटा ट्रस्ट और लिस्टेड टाटा समूह की कंपनियों के शेयरधारकों सहित सभी हितधारकों को लाभ होगा.
शेयरों के बदले कर्ज
ईटी ने मामले से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से लिखा कि टाटा संस हर तरह की स्थिति के लिए तैयार रहना चाहता है. टाटा समूह को वित्तीय नतीजों का आकलन करना होगा. शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप ने शुरुआत में टाटा संस के शेयरों के बदले कर्ज जुटाए थे. टाटा ट्रस्ट्स ने एसोसिएशन के आर्टिकल्स का हवाला देते हुए कर्ज के लिए इन शेयरों का उपयोग करने का विरोध किया है, जो 2017 में टाटा संस के निजी कंपनी बनने के बाद से मुफ्त शेयर ट्रांसफर को प्रतिबंधित करते हैं.
शापूरजी पल्लोनजी समूह की प्लानिंग
इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, फिलहाल शापूरजी पल्लोनजी समूह ग्रोथ को बढ़ावा देने, ऑपरेशन में लिक्विडिटी डालने और कर्ज चुकाने के लिए एक शुरुआती कदम के रूप में अपने अलग-अलग वर्टिकल में कंपनियों को लिस्ट करने पर विचार कर रहा है.
टाटा संस ने केंद्रीय बैंक की नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, अपर लेयर लिस्ट में शामिल होने से बचने के लिए अपनी बैलेंस शीट पर कर्ज को साफ कर दिया है. इसमें शामिल करने के लिए सितंबर 2025 तक लिस्ट होना अनिवार्य है. भारतीय रिजर्व बैं ने पुष्टि की है कि वह सूची से बाहर करने के लिए टाटा संस के आवेदन पर विचार कर रहा है.
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