US की टैरिफ राहत से भारत की बढ़ेगी कमाई! ‘एक्सपोर्ट में 2.5 से 3 अरब डॉलर तक की बंपर बढ़त संभव’- FIEO
अमेरिका की ओर से 200 से ज्यादा खाद्य और कृषि उत्पादों पर टैरिफ छूट देने के फैसले के बाद भारत को भारी निर्यात लाभ मिलने की उम्मीद है. FIEO के मुताबिक, इस राहत से भारतीय एक्सपोर्टर्स को लगभग 20,000 करोड़ रुपये से 25,000 करोड़ रुपये तक का फायदा हो सकता है. खासतौर पर मसाले, चाय, कॉफी, काजू और प्रीमियम एग्री प्रोडक्ट्स की मांग में तेज बढ़ोतरी का अनुमान है.
US Tariff Export Ease India: अमेरिका की ओर से टैरिफ में राहत देने के फैसले से भारत के निर्यातकों को बड़ा फायदा होने जा रहा है. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के महानिदेशक अजय सहाई के अनुसार, इस फैसले से भारतीय एक्सपोर्ट्स को लगभग 2.5 अरब डॉलर से 3 अरब डॉलर तक का सीधा फायदा मिल सकता है. खासतौर पर एग्री सेक्टर के एक्सपोर्टर्स को इस राहत का बड़ा फायदा मिलेगा क्योंकि अमेरिका ने कई खाद्य और कृषि उत्पादों को टैरिफ लिस्ट से बाहर कर दिया है.
हाई वैल्यू वाले प्रोडक्ट्स के लिए नए अवसर
सहाई का कहना है कि इस छूट से भारतीय कृषि निर्यातकों के लिए प्रीमियम, स्पेशियलिटी और वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स के बाजार में नई संभावनाएं खुलेंगी. उनके अनुसार, जो निर्यातक हाई वैल्यू वाले प्रोडक्ट्स की ओर शिफ्ट होंगे, वे ग्लोबल प्राइस प्रेशर से काफी हद तक सेफ रहेंगे और अमेरिकी बाजार में लगातार बढ़ती उपभोक्ता मांग का बेहतर फायदा उठा पाएंगे.
ट्रंप प्रशासन के टैरिफ रोलबैक से कौन जीत रहा है?
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रेसिप्रोकल टैरिफ में काफी बदलाव करते हुए 200 से ज्यादा खाद्य वस्तुओं को छूट की सूची में शामिल किया है. इसमें बीफ जैसे प्रोडक्ट भी शामिल हैं, जिसका भारत प्रमुख निर्यातक है. इसके अलावा कॉफी, काजू, चाय, मसाले, फल और कई कृषि उत्पादों को भी तुरंत कीमत में फायदा मिलेगा. मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कृषि नीति से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह कदम भारत के किसानों और भोजन-संबंधी निर्यातकों के लिए बेहद फायदेमंद है.
फायदा सीमित लेकिन प्रभावी
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव का मानना है कि भारत को इस टैरिफ छूट से फायदा तो मिलेगा, लेकिन यह सीमित होगा. इसका कारण यह है कि अमेरिका जिस बड़े वर्ग के प्रोडक्ट्स पर छूट दे रहा है, जैसे टमाटर, खट्टे फल, खरबूजे, केले और फलों के रस उनमें भारत की मजबूत हिस्सेदारी नहीं है. लेकिन मसालों और खास कृषि उत्पादों में भारत की स्थिति जरूर मजबूत होगी और यह छूट अमेरिकी बाजार में खोई हुई मांग वापस ला सकती है.
भारत–अमेरिका व्यापार वार्ता के लिए शुभ संकेत
यह निर्णय भारत-अमेरिका व्यापार वार्ताओं (BTA) के लिए भी सकारात्मक संकेत है. अभी तक भारत पर 50 फीसदी तक के भारी टैरिफ लगने के कारण अमेरिका को भारतीय निर्यात 12 फीसदी तक गिर गए थे. सितंबर 2025 में यह आंकड़ा घटकर 5.43 अरब डॉलर रह गया था. ऐसे में यह राहत मौजूदा अनिश्चित माहौल में व्यापार को फिर गति दे सकती है.
आगे की चुनौतियां भी कम नहीं
हालांकि राहत मिलने के बावजूद भारतीय निर्यातकों के सामने कई चुनौतियां हैं. ASEAN देशों, अफ्रीकी देशों और लैटिन अमेरिका की तुलना में भारत की स्थिति अभी भी कमजोर है. इसके अलावा यह भी साफ नहीं है कि राहत 25 फीसदी टैरिफ पर लागू होगी या पूरे 50 फीसदी पर. अमेरिका ने अतिरिक्त 25 फीसदी शुल्क इसलिए लगाया था क्योंकि भारत रूस से तेल खरीद रहा था. इसके साथ ही वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों की मजबूत प्रतिस्पर्धा, ऊंची शिपिंग लागत और अमेरिकी बाजार में सख्त क्वालिटी मानकों के चलते भारतीय कंपनियों को अभी भी काफी मशक्कत करनी होगी.
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