ट्रंप टैरिफ पर अमेरिका-ब्रिटेन में बात बनी, USA ने टैरिफ घटाकर 10 फीसदी किया , G7 समिट में हुआ फैसला
अमेरिका और ब्रिटेन ने ऐतिहासिक ट्रेड डील किया, जिससे ऑटो और एयरोस्पेस सेक्टर को बड़ा फायदा होगा. ट्रंप प्रशासन ने ब्रिटिश कारों पर टैरिफ 25 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया, साथ ही विमानों और पुर्जों पर टैरिफ पूरी तरह हटा लिया. हालांकि स्टील-एल्युमिनियम और दवा क्षेत्र पर अभी बातचीत जारी है.
US-UK trade deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने सोमवार को एकट्रेड डील पर साइन किया. इससे ब्रिटेन से अमेरिका को निर्यात होने वाली कई चीजों पर टैरिफ कम होगा. यह समझौता G7 शिखर समिट के दौरान कनाडा में हुआ. इसमें दोनों देशों ने आर्थिक रिश्ते मजबूत करने पर सहमति जताई. यह पूरी तरह फ्री ट्रेड डील तो नहीं है, लेकिन ऑटो और एयरोस्पेस सेक्टर को इसका सीधा फायदा मिलेगा.
ऑटो और एयरोस्पेस को बड़ी राहत
इस समझौते के तहत अमेरिका ने ब्रिटेन से आने वाली कारों पर टैरिफ घटाकर 10 फीसदी कर दिया है. हर साल 1 लाख ब्रिटिश कारें अब कम टैरिफ पर अमेरिका में बिक सकेंगी. एयरोस्पेस सेक्टर को भी बड़ा फायदा मिला है. विमानों और उनके पुर्जों पर लगने वाला टैरिफ पूरी तरह खत्म कर दिया गया है.
स्टील और एल्युमिनियम पर नहीं बनी बात
ब्रिटेन के स्टील और एल्युमिनियम पर अमेरिका ने पूरी तरह टैरिफ हटाए नहीं हैं. हालांकि ब्रिटेन को कुछ राहत मिली है. अमेरिका ने कोटा सिस्टम लागू करने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें ब्रिटेन को तय मात्रा तक स्टील बिना टैरिफ के निर्यात करने की अनुमति मिलेगी. लेकिन इसके लिए ब्रिटेन को अपनी सप्लाई चेन मजबूत करनी होगी.
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एग्रीक्लचर और मेडिसिन सेक्टर पर बातचीत जारी
इस समझौते में एग्रीकल्चर प्रोडक्ट को भी शामिल किया गया है. ब्रिटेन ने अमेरिकी बीफ के आयात की अनुमति दी है, लेकिन यह ब्रिटेन के फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड पर खरा उतरना होगा. वहीं, दवा सेक्टर को लेकर अभी पूरी सहमति नहीं बनी है. दोनों देश इस पर आगे बात करेंगे.
ट्रंप ने G7 समिट छोड़ा
इस समझौते के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने G7 समिट छोड़ दिया. वह मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव पर चर्चा के लिए वाशिंगटन लौट गए. व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप ने समिट में काफी काम किया, लेकिन मध्य पूर्व की स्थिति को देखते हुए उन्हें जल्दी जाना पड़ा. यह समझौता ट्रंप प्रशासन के तहत किसी देश के साथ हुआ पहला बड़ा ट्रे़ड डील है. हालांकि अभी भी कुछ मुद्दों पर बातचीत बाकी है, जिसमें स्टील टैरिफ और दवा सेक्टर शामिल हैं.