मेड इन इंडिया के आगे फेल हुए चीन के हथियार, युद्ध में पाकिस्तान के साथ चीन भी पिटा

भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर सटीक जवाबी कार्रवाई में न केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, बल्कि चीनी हथियारों पर निर्भर पाक सेना को तकनीकी रूप से मात दी. ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी हथियारों की निर्णायक भूमिका रही, जिसने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सैन्य ताकत को दुनिया के सामने स्थापित किया.

ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी हथियारों की निर्णायक भूमिका रही,.

Make in India Defence: पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच छिड़े चार दिवसीय युद्ध में भारत ने न केवल आतंकियों और पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि तकनीकी मोर्चे पर भी चीन को पछाड़ दिया. यह युद्ध भारत की “आत्मनिर्भर सैन्य शक्ति” का प्रदर्शन था, जिसमें भारत ने पूरी तरह से मेड इन इंडिया हथियारों का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया.

भारत बनाम चीन-पाकिस्तान

भारत ने इस ऑपरेशन में ‘Make in India’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत तैयार हथियारों का उपयोग किया, जबकि पाकिस्तान पूरी तरह चीन और तुर्किये से मिले आयातित हथियारों पर निर्भर था. पाकिस्तान एक ‘प्रॉक्सी फोर्स’ के रूप में उभरा, जबकि भारत एक स्वतंत्र और तकनीकी रूप से सक्षम राष्ट्र की तरह लड़ा.

स्वदेशी हथियारों की धाक

भारत की बढ़त के पीछे उसके अत्याधुनिक स्वदेशी हथियार रहे, जिनमें शामिल हैं.

  • ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल: तेज रफ्तार और अचूक निशाना, जिसने दुश्मन के बंकरों और रडार को तबाह किया.
  • आकाश SAM और आकाशतीर कमांड सिस्टम: AI आधारित एयर डिफेंस सिस्टम , जो ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को रोकने में सक्षम रही.
  • रुद्रम एंटी-रेडिएशन मिसाइल: दुश्मन के रडार सिस्टम को नष्ट करने वाली भारत की पहली मिसाइल.
  • नेत्रा AEW\&C सिस्टम: DRDO द्वारा विकसित यह सिस्टम रियल टाइम इंटेलिजेंस प्रदान कर भारतीय लड़ाकू विमानों को दिशा देता है.
  • स्कायस्ट्राइकर और हरोप (कामिकाजे ड्रोन): दुश्मन के मोबाइल रडार और काफिलों को चुपचाप नष्ट किया.
  • D4S काउंटर-ड्रोन सिस्टम: एक मल्टी-लेयर सिस्टम जिसने दर्जनों पाकिस्तानी ड्रोन मार गिराए.

वायुसेना- थलसेना में दिखा अच्छा तालमेल

भारतीय वायुसेना ने राफेल, सुखोई-30MKI और मिराज 2000 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों से SCALP और Meteor मिसाइलें दागीं. रुद्रम मिसाइलों से दुश्मन की वायु सुरक्षा कमजोर हुई. जमीन पर T-72 टैंक, M777 हॉवित्जर तोपें और जोरावर लाइट टैंक भी निर्णायक साबित हुए.

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चीनी हथियारों हुए फेल

पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए HQ-9, HQ-16, LY-80, FM-90 जैसे चीनी एयर डिफेंस सिस्टम और JF-17 फाइटर जेट्स भारत के हमलों के सामने असफल रहे. भारत ने न केवल युद्ध जीता, बल्कि तकनीकी श्रेष्ठता की जंग भी जीत ली.