Lenskart ला रही ₹8000 करोड़ का IPO, HDB, LG के बाद होगा चौथा सबसे बड़ा इश्यू, दांव से पहले जान लें कंपनी से जुड़े रिस्क
दिग्गज आईवियर कंपनी lenskart अपना IPO लाने वाली है, जो 8000 करोड़ रुपये का होगा. ये साल 2025 का चौथा सबसे बड़ा आईपीओ होगा. कंपनी अगले हफ्ते इसके प्राइस बैंड की घोषणा कर सकती है. अगर आप भी इसमें दांव लगाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो कंपनी से जुड़े कुछ रिस्क फैक्टर्स के बारे में जान लें.
Lenskart IPO: देश की प्रमुख आईवियर कंपनी लेंसकार्ट जल्द ही शेयर बाजार में एंट्री करने वाली है. सूत्रों के मुताबिक, अगले हफ्ते की शुरुआत में लेंसकार्ट अपने 8,000 करोड़ रुपये के IPO के प्राइस बैंड और अहम तारीखों की घोषणा करेगी. यह 2025 का चौथा सबसे बड़ा IPO होगा, इससे पहले टाटा कैपिटल, HDB फाइनेंशियल सर्विसेज और LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया जैसे दिग्गज अपना पब्लिक इश्यू ला चुके हैं. ऐसे में निवेशकों के पास निवेश का एक और मौका होगा. अगर आप भी इसमें दांव लगाने की सोच रहे हैं तो कंपनी से जुड़े रिस्क के बारे में जान लें.
IPO की खासियत
टेमासेक और KKR जैसे दिग्गज निवेशकों की ओर से समर्थित Lenskart इस IPO में नए शेयर और 13.23 करोड़ के ऑफर फॉर सेल (OFS) शेयरों की पेशकश होगी. कंपनी नए शेयरों से 2,150 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है. कंपनी के सह-संस्थापक पीयूष बंसल 2.05 करोड़ शेयर बेचेंगे, जबकि सह-संस्थापक नेहा बंसल, अमित चौधरी और सुमीत कपाही भी अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे. यह पूरी तरह बुक-बिल्ट इश्यू होगा, जिसका लक्ष्य टियर-2 और टियर-3 शहरों में विस्तार और ऑम्नीचैनल रणनीति को मजबूत करना है.
कोटक महिंद्रा कैपिटल, मॉर्गन स्टैनली, सिटी, अवेंदुस, एक्सिस कैपिटल और इंटेंसिव फिस्कल सर्विसेज जैसे बड़े नाम इस IPO के बुक-रनिंग मैनेजर होंगे.
यह भी पढ़ें: 5 रुपये से कम भाव वाला छुटकू स्टॉक बना रॉकेट, विदेशी कंपनी से की बड़ी डील, रेलवे-मेट्रो को बनाएंगे हाईटेक
कंपनी से जुड़े जोखिम
- Lenskart भले ही भारत में फ्रेम्स का प्रोडक्शन करती है, लेकिन उसके लिए कच्चा माल चीन से आता है, जो उनकी Baofeng Framekart Technology Limited के साथ जॉइंट वेंचर के जरिए सप्लाई किए जाते हैं. अगर सप्लाई में किसी तरह की देरी या रुकावट आती है, तो इसका सीधा असर कंपनी के बिजनेस और मुनाफे पर पड़ सकता है.
- कंपनी के कुल खर्चों में कच्चे माल की लागत लगभग 24.5% (₹16,229.74 मिलियन) है. अगर इन रॉ मटीरियल्स की कीमतों में उतार-चढ़ाव हुआ या सप्लाई बाधित हुई, तो कंपनी के मुनाफे और कैश फ्लो पर असर पड़ेगा.
- कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट गुरुग्राम इंडस्ट्रियल क्लस्टर में है, यहां प्रोडक्शन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी दिक्कत है. यहां किसी भी तरह की रुकावट उनके ऑपरेशंस को नुकसान पहुंचा सकती है.
- कंपनी ने हाल ही में तेलंगाना सरकार के साथ एक नई फैक्ट्री हैदराबाद में लगाने के लिए MoU साइन किया है, लेकिन अगर प्लानिंग या कंस्ट्रक्शन में देरी हुई, तो इसका असर कंपनी के नतीजों पर पड़ सकता है.
- कंपनी की ग्रोथ स्ट्रैटेजी, वैश्विक ऑपरेशन्स, टैक्सेशन और करेंसी रिस्क, और कुशल ऑप्टोमेट्रिस्ट्स की कमी जैसी चुनौतियां भी उसके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती हैं.
- Lenskart के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा उसके Lenskart Gold मेंबरशिप ग्राहकों से आता है. अगर ये ग्राहक कम हुए, तो बिक्री और मुनाफा दोनों प्रभावित हो सकते हैं.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ या डेरिवेटिव में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
Latest Stories
27 अक्टूबर को खुलेगा इस लॉजिस्टिक कंपनी का IPO, नेपाल से बांग्लादेश तक है कंपनी की पकड़, जानें GMP में कितना दम
MTR फूड्स की पैरेंट कंपनी लाने जा रही IPO, 2.28 करोड़ शेयरों की होगी बिक्री; 29 से 31 अक्टूबर के बीच हो सकता शुरू
क्या खत्म हो गया TATA Sons IPO का सपना? ट्रस्ट के भीतर चल रही बड़ी बहस, SP Group पर उठ रहे सवाल
