8वें वेतन आयोग में 15 बड़े बदलाव की मांग, प्रमोशन से पेंशन का बदलेगा नियम! क्या कर्मचारियों की सुनेगी सरकार?

8वें वेतन आयोग के लिए NC-JCM की स्टाफ साइड ने सरकार को 15 अहम सुझाव दिए हैं. इनमें न्यूनतम तीन प्रमोशन, 1 जनवरी 2026 से नया वेतन ढांचा, पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली जैसे सुझाव शामिल हैं. सुझावों का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देना है.

NC-JCM की स्टाफ साइड ने सरकार को 15 अहम सुझाव दिए हैं.

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि उसे 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के लिए नेशनल काउंसिल-जेसीएम (NC-JCM) की स्टाफ साइड से सुझाव प्राप्त हुए हैं. ये सुझाव आयोग की टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) तैयार करने के लिए दिए गए हैं. इसमें कर्मचारियों के वेतन, प्रमोशन, पेंशन और अन्य भत्तों में बड़े बदलाव की मांग की गई है. यह प्रस्ताव फरवरी 2025 में सरकार को भेजा गया था.

सभी केंद्रीय कर्मचारियों को मिले लाभ

NC-JCM ने प्रस्ताव में कहा है कि 8वां वेतन आयोग सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को कवर करे. इसमें औद्योगिक व गैर-औद्योगिक कर्मचारी, अखिल भारतीय सेवाएं, सशस्त्र बल, ग्रामीण डाक सेवक, ऑडिट व सुप्रीम कोर्ट कर्मचारी, यूनियन टेरिटरी स्टाफ और स्वायत्त संस्थान शामिल होने चाहिए.

1 जनवरी 2026 से नया सैलरी स्ट्रक्चर लागू हो

स्टाफ साइड ने सिफारिश की है कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से नया सैलरी स्ट्रक्चर लागू करे. इसके साथ न्यूनतम वेतन को वर्तमान जरूरतों के अनुसार तय किया जाए, जिससे कर्मचारियों को सम्मानजनक जीवन स्तर मिल सके.

MACP में सुधार और प्रमोशन की गारंटी

प्रस्ताव में मॉडिफाइड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (MACP) स्कीम में सुधार की मांग की गई है. इसके तहत कर्मचारियों को कम से कम तीन पद के अनुसार प्रमोशन मिलनी चाहिए. साथ ही, पे लेवल में यूनिफॉर्मिटी लाने के लिए कुछ ग्रेड मर्ज करने की बात भी कही गई है.

पेंशन और मेडिकल सुविधाओं में बदलाव की मांग

NC-JCM ने पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने, पेंशन हर पांच साल में रिवाइज करने, डीए और डीआर को मूल वेतन व पेंशन में मर्ज करने का सुझाव दिया है. इसके अलावा, CGHS और फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस में सुधार और चिकित्सा सुविधाओं को कैशलैस और सुगम बनाने की भी मांग की गई है.

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एजुकेशन अलाउंस की भी मांग

बच्चों की एजुकेशन को पोस्ट-ग्रेजुएट स्तर तक बढ़ाने, बंद किए गए एडवांस को फिर से शुरू करने, रेलवे और रक्षा क्षेत्र में रिस्क अलाउंस देने जैसे सुझाव भी प्रस्ताव में शामिल हैं. इससे कर्मचारियों को अधिक सुरक्षा और सुविधा मिल सकेगी.