क्रेडिट कार्ड के पैसे टाइम पर नहीं चुका रहे लोग, बकाया राशि 33 हजार करोड़ पार, कर्ज के जाल में फंस रहे मिडिल क्लास

भारत में क्रेडिट कार्ड का बढ़ता उपयोग चिंता का कारण बनता जा रहा है. CRIF हाई मार्क के आंकड़ों के अनुसार, 91-360 दिनों की बकाया राशि में 44 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो मार्च 2025 तक 33,886 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. यह बैंकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति है.

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Credit Card Overdues Surge 44 per cent: भारत में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही बकाया राशि यानी ओवरड्यू की समस्या भी गंभीर होती जा रही है. पिछले एक साल में 91-360 दिनों के ओवरड्यू वाले कैटेगरी के बकाया राशि में 44 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जो मार्च 2025 तक 33,886.5 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. यह आंकड़ा वित्त वर्ष मार्च 2024 के 23,475.6 करोड़ रुपये से काफी अधिक है.

इन कैटेगरी में बकाया राशि में भी बढ़ोतरी

  • 91-180 दिनों के कैटेगरी में बकाया राशि 29,983.6 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल के 20,872.6 करोड़ रुपये से अधिक है.
  • 181-360 दिनों तक बकाया राशि 1.1 फीसदी हो गया है, जो 2024 में 0.8 फीसदी था.
वर्षPAR 91-180 (₹ करोड़)PAR 91-180 (%)PAR 181-360 (₹ करोड़)PAR 181-360 (%)
मार्च 202315,717.56.61,608.60.7
मार्च 202420,872.66.92,603.00.9
मार्च 202529,983.68.23,902.91.1
Source – Indian Express

क्रेडिट कार्ड का बढ़ रहा चलन

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 तक क्रेडिट कार्ड के माध्यम से होने वाले ट्रांजैक्शन का मूल्य 21.09 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल के 18.31 लाख करोड़ रुपये से 15 फीसदी अधिक है. अकेले मई महीने में क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 1.89 लाख करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डाटा के अनुसार, मई 2025 में क्रेडिट कार्ड की संख्या 11.11 करोड़ तक पहुंच गई, जो जनवरी 2021 में सिर्फ 6.10 करोड़ थी.

क्यों बढ़ रहे क्रेडिट कार्ड यूजर्स की संख्या?

बैंकों और फिनटेक कंपनियों ने कैशबैक, ट्रैवल ऑफर्स और ब्याज-मुक्त EMI जैसे आकर्षक ऑफर से ग्राहकों को आकर्षित किया है. इससे यूजर्स की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, समय पर भुगतान नहीं करने पर सालाना 42-46 फीसदी का ब्याज भी चुकाना पड़ता है, जिससे लोगों के लिए कर्ज का जाल बन जाता है.

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क्या हो सकता है इसका असर?

यह स्थिति ना केवल ग्राहकों के लिए खतरनाक है, बल्कि बैंकों और एनबीएफसी के लिए भी चुनौती पैदा कर सकती है. डिफॉल्ट और ओवरड्यू होने की स्थिति में बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान के बैलेंस शीट पर बुरा असर पड़ेगा. इससे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस कर्ज देने की शर्तों को कठोर कर सकते हैं. RBI ने 2023 में ही क्रेडिट कार्ड बकाया पर जोखिम भार बढ़ा दिया है.

क्या है Credit Card का मैकेनिज्म?

क्रेडिट कार्ड एक प्रकार का उधार (लोन) कार्ड होता है, जिससे आप बिना नकद भुगतान के खरीदारी कर सकते हैं. बैंक या कार्ड जारी करने वाली कंपनी आपको एक क्रेडिट लिमिट देता है, जिसके अंदर आप खर्च कर सकते हैं. जैसे यह लिमिट 1 लाख हो सकता है. इसका अर्थ है कि आप एक महीने में क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 1 लाख रुपये तक ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.

यह कैसे काम करता है?

  • जब आप क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते हैं, तो बैंक आपकी तरफ से पैसे चुकाता है.
  • हर महीने के अंत में बैंक आपको एक बिल भेजता है, जिसमें आपके द्वारा किए गए सभी खर्चे दिखाए जाते हैं.
  • आपको बिल ड्यू डेट तक पूरी रकम चुकानी होती है. अगर आप पूरा भुगतान नहीं करते, तो भारी ब्याज सालाना 42-46 फीसदी तक लगता है. ग्राहक इसी ड्यू डेट के बाद भी भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह से ओवरड्यू की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.

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