मल्टीपल सेविंग अकाउंट्स बन सकता है पैसे बचाने का गोल्डन रूल! जानें किसके लिए ज्यादा फायदेमंद

क्या एक से ज्यादा सेविंग अकाउंट रखना सही है? कुछ कहते हैं यह बचत को व्यवस्थित करता है, तो कुछ इसे जटिल मानते हैं. फायदे भी हैं, नुकसान भी जैसे बेहतर ट्रैकिंग vs. मैनेजमेंट की झंझट. सच तो यह है कि जवाब आपकी जरूरतों पर निर्भर है. किनके लिए यह फायदेमंद हो सकता है और किनके लिए जरूरी नहीं. यह जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Multiple Savings Account Image Credit: Canva/ Money9

Are Multiple Savings Accounts Useful: जीवन की भागदौड़ में पैसों का सही तरह से मैनेजमेंट करना बेहद जरूरी है, और बचत (Savings) इसकी पहली सीढ़ी मानी जाती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक से ज्यादा सेविंग्स अकाउंट रखना कितना फायदेमंद हो सकता है? कुछ लोग मानते हैं कि एक ही अकाउंट में सारी बचत करना सुविधाजनक होता है, तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अलग-अलग जरूरतों के लिए अलग-अलग अकाउंट्स होने से पैसों का प्रबंधन आसान हो जाता है. क्या सच में एक से अधिक सेविंग्स अकाउंट्स आपकी लेखा-जोखा यानी उस पैसों का प्रबंधन को बेहतर बना सकते हैं? या फिर ये सिर्फ परेशानी बढ़ाने का काम करते हैं?

एक से अधिक सेविंग अकाउंट्स क्यों है जरूरी?

आमतौर पर लोग एक ही सेविंग अकाउंट में सारा पैसा जमा कर देते हैं, चाहे वह इमरजेंसी फंड हो, छुट्टियों के लिए बचत हो, या फिर नए घर खरीदने का पैसा. इससे सब कुछ एक साथ मिल जाता है, जिससे अक्सर भ्रम पैदा होता है. अलग-अलग सेविंग्स अकाउंट्स खोलकर आप हर एक को एक खास मकसद दे सकते हैं. इससे साफ होता है कि आप किस सेविंग अकाउंट्स को किस उद्देश्य के लिए खोल रहे हैं. इस तरह, आपका फाइनेंशियल मैनेजमेंट ज्यादा आसान और व्यवस्थित हो जाता है.

मल्टीपल सेविंग अकाउंट के फायदे

जब बचत के सारे पैसे किसी एक ही खाते में होते हैं, तो इस बात की गुंजाइश होती है कि आप उस पैसों को कहीं और भी खर्च कर सकते हैं. जैसे इमरजेंसी फंड को छुट्टियों के नाम पर, लॉन्ग टर्म गोल के लिए जमा किए गए पैसों को एंटरटेनमेंट पर खर्च कर दें. इसलिए मल्टीपल सेविंग अकाउंट रहने की स्थिति में इसका खतरा कम होता और इससे आप हर लक्ष्य के लिए अपनी बचत की ग्रोथ को ट्रैक कर सकते हैं.

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आसानी से मैनेज करें

मल्टीपल सेविंग अकाउंट को मैनेज करना कितना आसान है, यह आप पर निर्भर करता है. अगर बैंक एक ही डैशबोर्ड पर आपके सभी बैंक खातों की डिटेल्स दे देता है, तो आप आसानी से उसे मैनेज कर लेंगे. एक क्लिक पर आपने सभी बैंक अकाउंट्स को देख सकते हैं. साथ ही इसकी शुरुआती आसानी से कर सकते हैं. शुरू में आप दो खातों से इसकी शुरुआत करें जैसे एक इमरजेंसी फंड के लिए और दूसरा छुट्टियों के लिए. आप अपनी सैलरी से 1,000 या 2,000 रुपये हर महीने इस खाते में जमा करें. इस तरह आप आसानी से इसे मैनेज कर पाएंगे.

इंटरेस्ट और सेफ्टी का रखें ध्यान

कुछ डिजिटल और प्राइवेट बैंक हैं, जो अपने ग्राहकों को सेविंग पर अधिक ब्याज देते हैं. इसलिए अपनी बचत को उन बैंकों में भी रख सकते हैं, बशर्ते वह बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा रेग्युलेटेड हो और आपकी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक इंश्योरेंस देते हो. इस तरह आपकी जमा पूंजी सेफ भी रहेगी और इंटरेस्ट भी मिलेगा.

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क्या सबके लिए जरूरी है?

नहीं, यह हर किसी के लिए अनिवार्य नहीं है. मल्टीपल सेविंग अकाउंट्स रखना आपकी जरूरतों और लक्ष्यों पर निर्भर करता है. कुछ लोगों के लिए यह बेहद उपयोगी हो सकता है, जबकि दूसरों के लिए यह सिर्फ एक जटिल काम हो सकता है.

किनके लिए फायदेमंद है?

  • जिनके कई फाइनेंशियल गोल हैं जैसे इमरजेंसी फंड, घर खरीदना, विदेश यात्रा इत्यादि
  • जिन्हें बजट बनाने में दिक्कत होती है. अलग-अलग खातों से पैसे मिक्स नहीं होते. इससे अपने लक्ष्य को हासिल में आसानी होती है.
  • जो सिस्टेमेटिक बचत करना चाहते हैं, जैसे अगर आप वेकेशन ट्रिप पर खर्च होने वाले पैसे से कार खरीदना नहीं करना चाहते हैं तो ये आपके लिए जरूरी है.

किनके लिए जरूरी नहीं?

  • जिनकी आय या बचत सीमित है. एक ही अकाउंट में सब कुछ मैनेज करना आसान हो सकता है.
  • जो डिजिटल टूल्स (जैसे बजट ऐप्स) का इस्तेमाल करते हैं. वे एक अकाउंट में ही अलग-अलग कैटेगरीज बना सकते हैं.
  • जिन्हें अतिरिक्त अकाउंट्स मैनेज करने में झंझट लगता है (जैसे मिनिमम बैलेंस, चार्जेस आदि)

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