इनकम टैक्स ऐक्ट 2025 को राष्ट्रपति से मिली मंजूरी, 6 दशक पुराने कानून की लेगा जगह
इनकम टैक्स ऐक्ट 2025 को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की स्वीकृति मिल गई.यह ऐक्ट 1961 के कानून का स्थान लेगा. यह एक ऐतिहासिक सुधार है जिससे एक सरल, पारदर्शी और कंप्लायंस फ्रेंडली डायरेक्ट टैक्स व्यवस्था की शुरुआत होगी.

केंद्र सरकार ने शुक्रवार (22 अगस्त) को अपने आधिकारिक राजपत्र में 1961 के कानून की जगह लेने वाले आयकर अधिनियम, 2025 को अधिसूचित कर दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अधिनियम को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद यह अधिसूचना जारी की गई है.
इनकम टैक्स ऐक्ट 2025
आयकर विभाग ने X पर इस ऐतिहासिक कदम की सूचना दी है. आयकर विभाग ने X पर लिखा है, “आयकर अधिनियम, 2025 को 21 अगस्त 2025 को माननीय राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हो गई है. 1961 के अधिनियम की जगह लेने वाला यह एक ऐतिहासिक सुधार है, जो एक सरल, पारदर्शी और कंप्लायंस फ्रेंडली डायरेक्ट टैक्स व्यवस्था की शुरुआत करता है.”
कब से लागू होगा यह नया इनकम टैक्स ऐक्ट
आयकर अधिनियम, 2025 के तहत नए कानून 1 अप्रैल, 2026 से लागू होंगे.गुरुवार को संपन्न हुए संसद के मानसून सत्र के दौरान आयकर अधिनियम, 2025 पारित किया गया. सरकार ने कहा था, “इस अधिनियम को आयकर अधिनियम, 2025 कहा जायेगा. यह पूरे भारत में लागू होगा. यह छह दशकों से भी अधिक समय के बाद मौजूदा टैक्स प्रणाली में व्यापक बदलाव का प्रतीक है.”
आयकर अधिनियम, 2025 के तहत नए नियम
नया आयकर अधिनियम 2025, 1961 के अधिनियम को सरल बनाने का प्रयास करता है ताकि एक छोटा, स्पष्ट और संक्षिप्त दस्तावेज तैयार किया जा सके जो करदाताओं के लिए लाभकारी हो. इस अधिनियम ने अनावश्यक प्रावधानों और पुरानी भाषा को हटाकर आम लोगों के लिए एक सरल भाषा का प्रयोग शुरू किया है. इसके अलावा, 1961 के आयकर अधिनियम में दर्ज धाराओं की संख्या 819 को घटाकर अब 536 कर दी गई है जबकि अध्यायों की संख्या 47 से घटाकर 23 कर दी गई है.
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