REITs को इंडेक्स में शामिल करने की बड़ी तैयारी! सेबी चीफ तुहिन पांडे बोले- लिक्विडिटी बढ़ाने का समय आ गया
SEBI जल्द REITs को मार्केट इंडेक्स में शामिल करने की दिशा में काम करेगा. इससे लिक्विडिटी बढ़ेगी और रिटेल व संस्थागत निवेशकों की भागीदारी में तेजी आ सकती है. सितंबर 2025 में SEBI बोर्ड ने REITs को इक्विटी कैटेगरी में क्लासिफाई करने का बड़ा फैसला लिया, जबकि InvITs को हाइब्रिड कैटेगरी में ही रखा गया.
रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स यानी REITs को लेकर देश में बड़ी मजबूती देखने को मिल सकती है. बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने संकेत दिया है कि वह उद्योग के सभी हितधारकों के साथ मिलकर REITs को मार्केट इंडेक्स का हिस्सा बनाने की दिशा में काम करेगा. अगर ऐसा होता है तो इन इंस्ट्रूमेंट्स की लिक्विडिटी काफी बढ़ सकती है और निवेशकों की भागीदारी में भी तेजी आ सकती है.
“इंडेक्स में शामिल होंगे REITs, बढ़ेगी लिक्विडिटी”
नेशनल कॉन्क्लेव ऑन REITs एंड InvITs-2025 में SEBI चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा कि नियामक सभी हितधारकों के साथ मिलकर REITs को इंडेक्स में शामिल करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा. उन्होंने बताया कि REITs को इंडेक्स में जगह मिलने से उनकी लिक्विडिटी अपने आप बढ़ेगी क्योंकि म्यूचुअल फंड और बड़े संस्थागत निवेशक इन्हें अधिक तेजी से खरीद पाएंगे.
REITs ऐसी कंपनियां होती हैं जो बड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की मालिक होती हैं और उन्हें संचालित करती हैं. इनके जरिए निवेशक बिना किसी प्रॉपर्टी को खरीदे उससे होने वाली इनकम में हिस्सा पा सकते हैं.
REITs और InvITs के लिए नए सुधारों की तैयारी
SEBI इन दोनों ही सेक्टरों में कारोबार आसान बनाने के लिए कुछ और कदम उठाने की योजना बना रहा है.
पांडे ने बताया कि नियामक यह देख रहा है कि REITs और InvITs किन-किन लिक्विड म्यूचुअल फंड स्कीमों में निवेश कर सकते हैं, ताकि इनकी निवेश सीमा बढ़ सके और साथ ही निवेशकों की सुरक्षा भी बनी रहे.
इसके अलावा, SEBI यह भी विचार कर रहा है कि निजी InvITs को ग्रीनफील्ड यानी नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश की अनुमति दी जाए या नहीं. हालांकि इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम करना जरूरी होगा.
SEBI चेयरमैन ने बताया कि नियामक IRDAI, PFRDA और EPFO जैसे बड़े संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि उनके तहत आने वाली संस्थाएं REITs और InvITs में ज्यादा निवेश कर सकें. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय और कई राज्य सरकारों के साथ समन्वय करके सार्वजनिक संपत्तियों के तेजी से मोनेटाइजेशन पर भी काम किया जा रहा है.
एक्विटी क्लासिफिकेशन और InvITs में एंट्री थ्रेशोल्ड कम
सितंबर 2025 में SEBI बोर्ड ने REITs को इक्विटी कैटेगरी में क्लासिफाई करने का बड़ा फैसला लिया, जबकि InvITs को हाइब्रिड कैटेगरी में ही रखा गया. इस बदलाव के बाद म्यूचुअल फंड्स के लिए REITs में निवेश करना आसान हो जाएगा और वे इन्हें अपनी इक्विटी अलोकेशन लिमिट में शामिल कर सकेंगे. इससे REITs को इक्विटी इंडेक्स में शामिल किए जाने का रास्ता भी साफ होता है, जिससे पैसिव फ्लो और निवेश दोनों बढ़ेंगे.
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SEBI ने InvITs में निवेश की न्यूनतम सीमा को कम किया है, जिससे अधिक लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और इस मार्केट में लिक्विडिटी भी मजबूत होगी. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार द्वारा अपना इंफ्रास्ट्रक्चर InvIT बनाना और NHAI के पब्लिक InvIT को रिटेल निवेशकों के लिए खोलना इस सेक्टर के विस्तार में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
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