सरकार की नजर में चढ़े 27 भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज, 21 महीनों में हुई 600 करोड़ की ठगी, देखें पूरी लिस्ट
सरकारी जांच में सामने आया है कि साइबर अपराधियों ने 21 महीनों में 2,872 लोगों से ठगे गए लगभग ₹624 करोड़ को 27 भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों के जरिए ट्रांसफर किया. साथ ही ₹26 करोड़ विदेशी प्लेटफॉर्म्स के जरिए भेजे गए. अधिकारियों का कहना है कि यह सिर्फ “आइसबर्ग का टिप” है और जांच अभी जारी है.
भारत में साइबर अपराध तेजी से पैर पसार रहा है. फाइनेंशियल लॉन्ड्रिंग मॉडल के जरिए इसे अंजाम दिया जा रहा है. गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों ने पहली बार यह स्पष्ट तस्वीर दी है कि कैसे देश और विदेश में संचालित कई क्रिप्टो एक्सचेंज साइबर अपराधियों के लिए धन को डिजिटल एसेट्स में बदलने और उसे कई वॉलेट्स के जरिए घुमाने का बड़ा जरिया बन चुके हैं. इसे लेकर अब देश के 27 क्रिप्टो एक्सचेंज, भारत सरकार की नजर मेंं चढ़ गये हैं. अधिकारियों का मानना है कि यह आंकड़े ‘आइसबर्ग का सिर्फ ऊपरी हिस्सा’ हैं, और असल में यह नेटवर्क कहीं अधिक बड़ा और गहरा हो सकता है. अगर आप भी इन क्रिप्टो एक्सचेंज पर ट्रेड करते हैं तो आपको सावधानी बरतने की जरुरत है.
21 महीनों में 623.63 करोड़ रुपये की ठगी
इंडियन एक्सप्रेस ने राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के डेटा के हवाले से बताया है कि जनवरी 2024 से सितंबर 2025 के बीच 21 महीनों में कम से कम 27 क्रिप्टो एक्सचेंजों को साइबर अपराधियों ने लगभग 623.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की रकम को ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल किया. इस दौरान 2,872 लोग इन ठगी के मामलों के शिकार बने. यह रकम भारतीय क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स के जरिए भेजी गई. इसके अलावा इस अवधि में विदेशी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स के जरिए भी 769 लोगों से फ्रॉड किया गया और 25 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गए.
नकली ट्रेडिंग ऐप्स के जरिए लुभाया गया
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अधिकारियों ने बताया है कि पीड़ितों को नकली ट्रेडिंग और निवेश ऐप्स के जरिए लुभाया गया था. उनके निवेश को क्रिप्टो में बदलकर कई वॉलेट्स के जरिये घुमा दिया गया, जिससे धन का वास्तविक स्रोत ट्रेस करना मुश्किल हो गया. I4C ने इन 27 एक्सचेंजों की सूची प्रवर्तन एजेंसियों और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) को सौंप दी है.
किन क्रिप्टो एक्सचेंजों से हुई ठगी
| भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज |
|---|
| CoinDCX |
| WazirX |
| Giottus |
| Zebpay |
| Mudrex |
| CoinSwitch |
| Carret |
| Inocyx |
| Eclipton |
| Onramp |
| CoinDhan |
| Pi42 |
| SunCrypto |
| Flitpay |
| KoinBX |
| Transak |
| Unocoin |
| AlpYne |
| ArthBit |
| CryptoShatabdi |
| Bytex |
| Onmeta |
| Stable Pay |
| Buyucoin |
| BitBNS |
| Fantzar |
इन विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों से हुई ठगी
| एक्सचेंज/प्लेटफॉर्म | देश/क्षेत्र |
|---|---|
| Onlychain | Vilnius |
| Ezipay | Ebene, Mauritius |
| Mercuryo (Payment Gateway) | UK |
| Crypto.com | Singapore |
| Binance | Cayman Islands |
| Neteller.com (Digi Wallet) | UK |
| Bitget | Seychelles–Poland |
| Moonpay (Payment Gateway) | US |
| Skrill.com (Payment Gateway) | UK |
| OnlyFans London | UK |
| Banxa | Australia |
| Bybit | BVI–Dubai |
क्या बोले एक्सचेंज
CoinSwitch, CoinDCX, WazirX, Giottus, ZebPay, Mudrex और CoinSwitch जैसे बड़े एक्सचेंजों का नाम इस सूची में सामने आया है. कई प्लेटफॉर्म्स ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि वे केवल ‘लॉफुल ट्रेड’ की सुविधा उपलब्ध कराते हैं और किसी अपराध में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं हैं. उनका कहना है कि मजबूत KYC, AML और सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के बावजूद अपराधी कभी-कभी P2P चैनलों और बाहर के वॉलेट्स का दुरुपयोग कर लेते हैं.
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