Groww का शेयर लिस्टिंग के बाद 90% तक उछला; क्या मल्टीबैगर बनेगा, या ओवर वैल्यूएशन के बोझ में टूटेगा?

Groww शेयरों में लिस्टिंग के बाद जबरदस्त तेजी जारी है और स्टॉक 90% से ज्यादा उछलकर 1 लाख करोड़ मार्केटकैप क्लब में शामिल हो गया है. ऐसे में ज्यादातर निवेशकों का यही सवाल है कि क्या यह मल्टीबैगर साबित होने वाला है या वैल्यूएशन का जोखिम बढ़ा रहा है?

ग्रो बनेगा मल्टीबैगर Image Credit: money9live/CanvaAI

स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म Groww की पेरेंट कंपनी Billionbrains Garage Ventures पिछले सप्ताह लिस्टिंग के बाद से लगातार तेजी में है. सोमवार को शेयर 11% चढ़कर ₹193.91 पर पहुंच गया, जिससे IPO निवेशकों का रिटर्न करीब 94% तक पहुंच गया. लिस्टिंग डे पर ही Groww ने 31% का उछाल दिखाया था. पिछले पांचों ट्रेडिंग सेशन से शेयर में लगातार मजबूती देखने को मिल रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यह एक मल्टीबैगर बनने जा रहा है, या आगे चलकर भारी वैल्यूएशन का दबाव झेलने वाला है.

17 नवंबर के सेशन में Groww ने 20% की छलांग लगाते हुए 1 लाख करोड़ के मार्केटकैप क्लब में जगह बना ली. भारतीय शेयर बाजार में करीब 5,000 कंपनियों में से केवल लगभग 100 ही इस स्तर तक पहुंची हैं, जिससे Groww का यह माइलस्टोन बेहद खास माना जा रहा है. वैल्यूएशन की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि Groww अब Angel One, Nuvama Wealth, JM Financial, Choice International, IIFL Capital, 5Paisa, Anand Rathi और DAM Capital जैसी आठ ब्रोकिंग फर्मों के जॉइंट मार्केटकैप से भी ज्यादा कीमती है. इस रैली ने कंपनी के CEO ललित केशरे को भी बिलियनेयर क्लब में पहुंचा दिया है.

क्या वैल्यूएशन ओवरहीट हो रहा है?

तेजी के बीच अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या Groww की रैली फंडामेंटल्स से आगे निकल गई है. IPO के दौरान इसका इम्प्लाइड P/E करीब 33–37x था, जो पहले से ही प्रीमियम माना गया. लेकिन मौजूदा वैल्यूएशन में यह 61x P/E पर ट्रेड कर रहा है. इसके मुकाबले Motilal Oswal 29x, Angel One 33x और Nuvama Wealth 26x पर उपलब्ध हैं. मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक Bonanza के Sr. Research Analyst नितिन जैन का दावा है कि Groww ने कैपिटल मार्केट प्लेयर्स की तुलना में वैल्यूएशन मोर्चे पर काफी आगे निकलकर ट्रेड किया है, जिसका आधार कंपनी की डिजिटल स्केलिंग क्षमता और फ्यूचर प्रोडक्ट एक्सपेंशन की उम्मीदें हैं. इस लिहाज से देखा जाए, तो वैल्यू इनवेस्टर्स के लिए यह स्तर थोड़ा महंगा हो सकता है, जबकि ग्रोथ-ओरिएंटेड निवेशक लॉन्ग टर्म की संभावनाओं के आधार पर इस प्रीमियम को जस्टिफाई कर सकते हैं.

रिटेल इनवेस्टिंग में बड़ा बूम

Groww की मजबूत लिस्टिंग भारत में रिटेल इनवेस्टिंग बूम पर मार्केट के भरोसे का प्रतीक है. कंपनी NSE के लगभग 26% एक्टिव क्लाइंट्स पर कब्जा रखती है और अब केवल ब्रोकिंग से आगे बढ़कर वेल्थ मैनेजमेंट, कमोडिटीज और मार्जिन ट्रेडिंग जैसे सेगमेंट्स में खुद को तैयार कर रही है. बहरहाल, एक्सपर्ट मानते हैं कि मौजूदा वैल्यूएशन पहले से ही काफी ग्रोथ डिस्काउंट कर चुका है, लिहाजा आगे की रैली अब पूरी तरह कंपनी के प्रदर्शन पर आधारित होगी. यानी निवेशकों को देखना होगा कि कंपनी अपने बिजनेस एक्सपेंशन के वादों पर कितनी तेजी और मजबूती से डिलीवर कर पाती है.

Q2 नतीजे तय करेंगे आगे का मूड

Groww इस शुक्रवार, 21 नवंबर को अपनी दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे घोषित करने वाली है, जो कंपनी के मौजूदा हाई वैल्यूएशन को कितना सपोर्ट करते हैं, इसका स्पष्टीकरण देंगे. मार्केट इस रिपोर्ट पर करीब से नजर रख रहा है, क्योंकि इससे यह तय होगा कि Groww की मौजूदा रैली फंडामेंटल स्ट्रेंथ पर आधारित है या फिर सिर्फ सेंटिमेंट पर आधारित है.

Groww का तेजी से बढ़ता स्केल

2016 में लॉन्च हुई Groww आज देश की सबसे बड़ी स्टॉक ब्रोकर फर्म बन चुकी है, जिसके पास 1.26 करोड़ एक्टिव क्लाइंट्स हैं और NSE पर 26% से ज्यादा मार्केट शेयर है. डिजिटल एप्रोच, यूजर-फ्रेंडली प्लेटफॉर्म और छोटे शहरों में तेजी से बढ़ती पहुंच इसके स्केल को सपोर्ट कर रही है. इस तरह Groww का बिजनेस मॉडल स्ट्रक्चर काफी मजबूत है और भारत में निवेश कल्चर तेजी से बदलने के कारण इसके लॉन्ग टर्म ग्रोथ ड्राइवर्स भी काफी दमदार हैं. लेकिन मौजूदा प्राइसिंग एक प्रीमियम वैल्यूएशन दिखाती है, जहां नए निवेशकों के लिए सावधानी जरूरी है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.