बड़े स्टॉक्स को भूल जाइए! असली धमाका तो इन मिड-कैप रॉकेट्स में… 6x PE पर छुपे बैठे 3 इंफ्रा रॉकेट, ऑर्डर बुक भी दमदार

इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की अपनी चुनौतियां भी हैं. सरकारी खर्च धीमा हुआ, टेंडरिंग रुकी या बजट सामाजिक योजनाओं की तरफ गया, तो ऑर्डर बुक तुरंत प्रभावित होती है. पेमेंट साइकिल लम्बी होती है, कच्चे माल के दाम बढ़ने से मार्जिन खत्म हो सकते हैं, और जमीन अधिग्रहण या क्लीयरेंस में देरी से प्रोजेक्ट अटक सकते हैं. फिर भी, इन तीन कंपनियों ने साबित किया.

इंफ्रा स्टॉक्स Image Credit: Canva

3 ‘silent’ infra stocks: भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में जब भी चर्चा होती है, सबसे पहले बड़े EPC कंपनियों का नाम आता है, लेकिन असली मजबूती कई बार उन मिड-कैप कंपनियों के पास होती है जो बिना शोर किए लगातार अपना काम बढ़ाती रहती हैं. ये कंपनियां बड़े प्रोजेक्ट्स के चमकदार ऐलान नहीं करतीं, लेकिन समय पर काम पूरा करने, खर्च को कंट्रोल रखने और साफ-सुथरी बैलेंस शीट बनाए रखने में माहिर हैं. भारत में जब सरकार का पूंजी खर्च रिकॉर्ड स्तर पर है और देश अगले दशक में हाईवे, ब्रिज और टनल निर्माण की सबसे तेज रफ्तार में प्रवेश कर रहा है, तब ये तीन ‘साइलेंट’ इंफ्रा स्टॉक्स धीरे-धीरे बड़ी मजबूती तैयार कर रहे हैं. खास बात यह है कि ये सभी शेयर अपने वैल्यूयेशन के मुकाबले बहुत सस्ते मिल रहे हैं.

KNR Constructions

KNR Constructions एक ऐसा नाम है जो कम सुर्खियों में रहता है, लेकिन लगातार मजबूत कारोबार दिखाता है. कंपनी 20–30% तक के सेक्टर-अग्रणी ऑपरेटिंग मार्जिन बनाए रखती है. हालांकि Q2 FY26 में इसकी बिक्री 67 फीसदी और मुनाफा 77% घट गया, क्योंकि इस बार प्रोजेक्ट एक्सिक्यूशन धीमा था और पिछले साल की हाई-बेस का असर दिखा. इसके बावजूद पिछले 3 सालों में इसका मुनाफा 45 फीसदी की दर से बढ़ा है और ROE 23 फीसदी रहा है. KNR सिर्फ 5.9x के बहुत कम PE पर मिल रहा है, जबकि सेक्टर का औसत करीब 18–19x है. सितंबर 2025 तक इसकी ऑर्डर बुक ₹8,216 करोड़ है और कंपनी सिर्फ स्थिर, मिड-साइज प्रोजेक्ट लेती है, इसलिए चर्चा में नहीं आती. लेकिन अगर अगली टेंडरिंग तेज होती है, तो इसकी मजबूत बैलेंस शीट को देखते हुए स्टॉक में तेज री-रेटिंग हो सकती है.

PNC Infratech

दूसरी कंपनी PNC Infratech है. इसके पास 20000 करोड़ रुपये से अधिक की भारी ऑर्डर बुक है. कंपनी सड़क, पानी और एयरपोर्ट जैसे कई तरह के प्रोजेक्ट करती है और NHAI के साथ इसकी लंबे समय से मजबूत पकड़ है. Q2 FY26 में इसका रेवेन्यू 21 फीसदी गिरा, लेकिन मुनाफा 15 फीसदी बढ़ा. गिरावट का कारण था HAM प्रोजेक्ट्स में देरी, NHAI की ऑर्डरिंग धीमी होना और 2024 में लगे एक साल के प्रतिबंध का असर. पिछले 3 सालों में इसका मुनाफा 12 फीसदी की दर से बढ़ा है और ROE 16 फीसदी है. कंपनी का मूल्यांकन अब भी कम है. EV/EBITDA 7.2x और PE 15.7x। निवेशक इसे पहले के वर्किंग कैपिटल तनाव की वजह से कम आंकते हैं, लेकिन नए प्रोजेक्ट्स शुरू होने और HAM मोनेटाइजेशन बढ़ने से आगे इसकी रफ्तार बढ़ सकती है.

HG Infra

तीसरी कंपनी HG Infra है. यह हाईवे और राज्य-स्तर के प्रोजेक्ट्स में तेजी से आगे बढ़ रही है. Q2 FY26 में इसका रेवेन्यू लगभग स्थिर रहा, लेकिन मुनाफा 35 फीसदी गिर गया क्योंकि खर्च और ब्याज लागत बढ़ गई. पिछले 3 सालों में कंपनी की कमाई 9 फीसदी की दर से बढ़ी है और ROE 23 फीसदी है. HG Infra सिर्फ 12x के PE पर मिल रहा है, जो सेक्टर औसत से काफी कम है. कंपनी की ऑर्डर बुक ₹13,933 करोड़ है और इसकी बैलेंस शीट साफ है. कंपनी अनावश्यक जोखिम नहीं लेती और लागत पर कड़ा कंट्रोल रखती है. लेकिन चूंकि यह बड़े विवादित या हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट नहीं लेती, इसलिए मार्केट इसे अक्सर कमतर मान लेता है. अगर आने वाले समय में मार्जिन सुधरे और प्रोजेक्ट्स की रफ्तार बढ़ी, तो यह स्टॉक निवेशकों को चौंका सकता है.

पैरामीटरKNR ConstructionsPNC InfratechHG Infra Engineering
Q2 FY26 Revenue₹646 करोड़₹1,128 करोड़₹904 करोड़
YoY Revenue Change-67%-21%+0.23%
Q2 FY26 Net Profit₹105 करोड़₹96 करोड़₹52 करोड़
YoY Net Profit Change-77%+15%-35%
3-Year Profit CAGR45%12%9%
Return on Equity (ROE)23%16%23%
Order Book (Sept 2025)₹8,216 करोड़₹20,100 करोड़₹13,933 करोड़
P/E Ratio5.9×15.7×12×
EV/EBITDA7.19×10×
Margin Strength20–30% (sector-best)20–25%20–25%

क्या हैं चुनौतियां

हालांकि इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की अपनी चुनौतियां भी हैं. सरकारी खर्च धीमा हुआ, टेंडरिंग रुकी या बजट सामाजिक योजनाओं की तरफ गया, तो ऑर्डर बुक तुरंत प्रभावित होती है. पेमेंट साइकिल लम्बी होती है, कच्चे माल के दाम बढ़ने से मार्जिन खत्म हो सकते हैं, और जमीन अधिग्रहण या क्लीयरेंस में देरी से प्रोजेक्ट अटक सकते हैं. फिर भी, इन तीन कंपनियों ने साबित किया है कि शांत रहते हुए भी मजबूत आधार बनाया जा सकता है.

डेटा सोर्स: Groww, FE

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.