Closing Bell: उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स फ्लैट, निफ्टी 25800 के आसपास बंद; IT स्टॉक्स चमके, मीडिया और ऑटो फिसले
Closing Bell: गुरुवार 18 दिसंबर को सेंसेक्स और निफ्टी 50 नेगेटिव रुझान के साथ लगभग फ्लैट बंद हुए. इंफोसिस, TCS और टेक महिंद्रा जैसे IT स्टॉक्स ने सेंसेक्स को सपोर्ट दिया. दूसरी ओर, HDFC बैंक, सन फार्मा और भारती एयरटेल जैसे कुछ बड़े शेयरों ने इंडेक्स को सबसे अधिक नीचे खींचा.
Closing Bell: गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई. सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी से गिरावट देखने को मिली. अमेरिका-भारत ट्रेड एग्रीमेंट की संभावना को लेकर अनिश्चितता का असर निवेशकों के रिस्क लेने की इच्छा पर बना रहा. हालांकि, रुपये में रिकवरी और विदेशी निवेशकों की दोबारा खरीदारी के संकेतों से इस सावधानी भरे माहौल को कुछ हद तक सहारा मिला. 18 दिसंबर को उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में भारतीय इक्विटी इंडेक्स फ्लैट बंद हुए.
सेंसेक्स 77.84 अंक या 0.09 फीसदी गिरकर 84,481.81 पर बंद हुआ और निफ्टी 3 अंक या 0.01 फीसदी गिरकर 25,815.55 पर बंद हुआ. लगभग 1575 शेयरों में तेज़ी आई, 2399 शेयरों में गिरावट आई और 174 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.
टॉप गेनर्स और लूजर्स
निफ्टी पर सन फार्मा, पावर ग्रिड कॉर्प, टाटा स्टील, NTPC, एशियन पेंट्स टॉप लूजर रहे. जबकि इंटरग्लोब एविएशन, मैक्स हेल्थकेयर, TCS, इंफोसिस, टेक महिंद्रा गेनर रहे.
निफ्टी50 पर टॉप गेनर्स
| शेयर | उछाल (%) |
| इंटरग्लोब एविएशन | 2.9 |
| टीसीएस | 1.97 |
| मैक्स हेल्थकेयर | 1.64 |
| टेक महिंद्रा | 1.62 |
| इंफोसिस | 1.57 |
सेक्टोरल इंडेक्स
सेक्टोरल मोर्चे पर, रियल्टी, IT में 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि ऑटो, मीडिया, ऑयल एंड गैस, कैपिटल गुड्स में 0.5-1 फीसदी की गिरावट आई.
FPIs नेट बायर बने
14 ट्रेडिंग सेशन तक नेट सेलर रहने के बाद, FPIs नेट बायर बन गए और बुधवार के ट्रेड के दौरान इक्विटी में 1,171 करोड़ रुपये का निवेश किया. एनालिस्ट्स के अनुसार, वैल्यूएशन की चिंताओं के बीच AI ट्रेड के कमजोर होने से विदेशी निवेशक अपना ध्यान फिर से उभरते बाजारों की ओर लगा रहे हैं.
घरेलू बाजार लगातार चौथे सेशन में कंसोलिडेशन मोड में रहा. इन चार सेशन में सेंसेक्स लगभग 800 अंक या लगभग 1 फीसदी टूटा है, जबकि निफ्टी 50 भी 1 फीसदी नीचे आया है. घरेलू बाजार में ट्रेंड रिवर्सल देखने के लिए नए पॉजिटिव ट्रिगर्स की कमी है. रुपये की कमजोरी, विदेशी पूंजी के बाहर जाने और भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता की लगातार चिंताएं सेंटीमेंट पर दबाव डाल रही हैं.
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