बाप पर भारी पड़ा बेटा!, LG India की धमाकेदार एंट्री ने वैल्यूएशन में पैरेंट कंपनी को पछा़डा, ₹100000 करोड़ के पार पहुंचा मार्केट कैप
होम अप्लायंस कंपनी LG Electronics India के शेयरों की 14 अक्टूबर को मार्केट में धमाकेदार एंट्री हुई. ये करीब 50 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हुआ. इसी के साथ ये वैल्यूएशन में भी आगे निकल गई है. इसने अपनी कोरियन पैरेंट कंपनी को इस मामले में पछाड़ दिया है.

LG Electronics India: टीवी, वॉशिंग मशीन समेत दूसरे होम अप्लायंसेज बनाने वाली दिग्गज कंपनी LG Electronics India की 14 अक्टूबर को भारतीय शेयर बाजार में धमाकेदार एंट्री हुई. कंपनी के शेयर मंगलवार को ₹1,140 के इश्यू प्राइस के मुकाबले ₹1,710 पर लिस्ट हुए, यानी करीब 50% प्रीमियम के साथ ये लिस्ट हुए. यह हाल के वर्षों में ₹10,000 करोड़ से अधिक के आईपीओ में सबसे जबरदस्त लिस्टिंग मानी जा रही है. इतना ही नहीं इस धमाकेदार लिस्टिंग के साथ ही LG की भारतीय शाखा ने वैल्यूएशन के मामले में अपनी कोरियाई पैरेंट कंपनी को पछाड़ दिया. लिहाजा बाप पर बेटा हावी होता नजर आया.
कोरियन से आगे निकली इंडियन यूनिट
लिस्टिंग के दिन LG India की मार्केट कैप ₹1,14,223 करोड़ (करीब $12.8 बिलियन) हो गई, जो इसकी कोरियन पैरेंट कंपनी LG Electronics Inc के 82,686.3 करोड़ रुपये ($9.3 बिलियन) मार्केट कैप से कहीं ज्यादा है. यानी अब LG India अपने पैरेंट से 37% ज्यादा वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रही है.
स्टॉक थोड़ा फिसला, पर चमक कायम
LG India के शेयरों के शानदार आगाज के बाद बाजार बंद होते-होते इसे शेयर थोड़ा गिरकर ₹1,689 पर बंद हुए, लेकिन तब भी यह इश्यू प्राइस से काफी ऊपर रहा. बता दें इस IPO में एलजी की कोरियन पैरेंट कंपनी ने अपनी 15% हिस्सेदारी बेची थी और इसके जरिए 1.3 बिलियन डॉलर (₹11,607 करोड़) जुटाए थे. बाकी 85% हिस्सेदारी की वैल्यू अब 11 बिलियन डॉलर है, जो LG की खुद की मार्केट वैल्यू से 17% ज्यादा है.
Maruti Suzuki जैसा करिश्मा
LG India अब उन चुनिंदा कंपनियों में शामिल हो गई है, जो अपनी पैरेंट फर्म से ज्यादा वैल्यू रखती हैं. इससे पहले Maruti Suzuki India ने भी अपनी जापानी पैरेंट कंपनी Suzuki Motor Corp को पछाड़ा था. मारूति की मार्केट वैल्यू 57.5 बिलियन डॉलर है, जो Suzuki के 28.3 बिलियन डॉलर के मुकाबले दोगुनी है.
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भारत में लिस्टिंग का बढ़ता क्रेज
वित्त वर्ष 2025 में एलजी इंडिया ने 24,367 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया, जबकि कोरियाई पैरेंट कंपनी ने लगभग 82,500 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया. भारत में लिस्टेड बहुराष्ट्रीय सहायक कंपनियां आमतौर पर अपनी पैरेंट कंपनियों से ऊंचे वैल्यूएशन पर ट्रेड करती हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक 11 ऐसी कंपनियों के विश्लेषण से पता चलता है कि उनका ट्रेलिंग 12 महीने का P/E मल्टीपल उनकी पैरेंट कंपनियों से दो से छह गुना ज्यादा है. इस ट्रेंड ने एलजी और हुंडई जैसी कंपनियों को भारत में लिस्टिंग के लिए प्रेरित किया है. पिछले साल हुंडई और अब एलजी के IPO ने पहली बार इन दक्षिण कोरियाई दिग्गजों की इकाइयों को उनके घरेलू बाजार से बाहर लिस्ट किया. यही वजह है कि ये कई वैश्विक दिग्गजों को भारत में लिस्टिंग के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.
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