एक अपडेट और दौड़ गया ये डिफेंस स्टॉक, प्रमोटर ने भी बढ़ाई हिस्सेदारी; दे चुका है 1800% तक का रिटर्न
डिफेंस सेक्टर वाली इस स्मॉलकैप कंपनी के शेयरों में शुक्रवार को 5 फीसदी का अपर सर्किट देखने को मिला. प्रमोटर हिस्सेदारी में बढ़ोतरी और सब्सिडियरी को HMX और TNT निर्माण के लिए इंडस्ट्रियल लाइसेंस मिलने की खबर से निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है. जानिए क्यों यह शेयर लॉन्ग टर्म में मल्टीबैगर साबित हुआ है.
Apollo Micro Systems Upper Circuit: भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार, 19 दिसंबर को डिफेंस सेक्टर के एक छोटे लेकिन चर्चित शेयर ने निवेशकों का ध्यान खींचा. Apollo Micro Systems के शेयर में जबरदस्त तेजी देखने को मिली और यह स्टॉक दिन के कारोबार में 5 फीसदी के अपर सर्किट पर लॉक हो गया. मजबूत बाजार माहौल और कंपनी से जुड़ी एक अहम पॉजिटिव खबर के चलते शेयर 237.85 रुपये तक पहुंच गया. बाजार में तेजी का माहौल भी इस शेयर के लिए सहायक रहा. शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही आधा फीसदी से ज्यादा चढ़कर कारोबार कर रहे थे. ग्लोबल संकेतों के सकारात्मक रहने से निवेशकों का सेंटीमेंट मजबूत दिखा, जिसका फायदा Apollo Micro Systems जैसे डिफेंस शेयरों को मिला.
एक अपडेट ने बदली तस्वीर!
Apollo Micro Systems ने शेयर बाजार को जानकारी दी कि उसकी स्टेप-डाउन सब्सिडियरी IDL Explosives Limited को डिफेंस से जुड़े अहम विस्फोटक बनाने के लिए इंडस्ट्रियल लाइसेंस मिल गया है. यह लाइसेंस Industries (Development and Regulation) Act, 1951 के तहत दिया गया है.

इस मंजूरी के बाद कंपनी अब HMX और TNT जैसे हाई-एनर्जी डिफेंस एक्सप्लोसिव्स का निर्माण कर सकेगी. ये दोनों ही सामग्री डिफेंस, एयरोस्पेस और इंडस्ट्रियल सेक्टर के लिए बेहद अहम मानी जाती हैं. यह खबर सामने आते ही निवेशकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला और शेयर अपर सर्किट पर पहुंच गया.
कितनी होगी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी?
IDL Explosives को मिले लाइसेंस के तहत कंपनी सालाना
- HMX: 50 मीट्रिक टन प्रति वर्ष
- TNT: 500 मीट्रिक टन प्रति वर्ष
का उत्पादन कर सकेगी. यह यूनिट ओडिशा के सन सुनापरबत इलाके में अलग-अलग प्लॉट्स पर स्थापित की जाएगी. यह लाइसेंस 15 साल के लिए वैध रहेगा, जिससे कंपनी के लॉन्ग टर्म बिजनेस को मजबूती मिलेगी.
प्रमोटर का भरोसा बढ़ा, हिस्सेदारी में इजाफा
इस डिफेंस स्टॉक की सबसे अहम बात यह है कि प्रमोटर्स ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. हाल के आंकड़ों के मुताबिक प्रमोटर होल्डिंग बढ़कर 52.41 फीसदी हो गई है. आमतौर पर जब प्रमोटर किसी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते हैं, तो इसे कंपनी के भविष्य को लेकर उनके भरोसे का संकेत माना जाता है. साथ ही, हाल के वर्षों में FIIs और DIIs की हिस्सेदारी में भी उतार-चढ़ाव के बावजूद रुचि बनी रही है, जो इस स्टॉक को लेकर संस्थागत निवेशकों की नजर को दर्शाता है.
शेयर का दमदार रिटर्न ट्रैक रिकॉर्ड
अगर शेयर के रिटर्न की बात करें तो Apollo Micro Systems एक पक्का मल्टीबैगर स्टॉक साबित हुआ है. शुक्रवार, 19 दिसंबर को स्टॉक का भाव 4.99 फीसदी की तेजी के साथ 237.95 रुपये पर ट्रेड करते हुए बंद हुआ. महीनेभर में स्टॉक में 13 फीसदी की गिरावट आई वहीं 3 महीने के दौरान भी स्टॉक 31 फीसदी तक टूटा. हालांकि, लॉन्ग टर्म में स्टॉक ने अच्छा रिटर्न दिया. सालभर में स्टॉक का भाव 150 फीसदी तक बढ़ा है वहीं, 3 साल के दौरान इसमें 784 फीसदी की तेजी आई. वहीं, 5 साल के दौरान स्टॉक का भाव 1803 फीसदी तक उछला. कंपनी का मार्केट कैप 8,094 करोड़ रुपये दर्ज किया गया.
आत्मनिर्भर भारत को मिलेगा फायदा
कंपनी मैनेजमेंट का कहना है कि यह लाइसेंस केवल एक रेगुलेटरी मंजूरी नहीं है, बल्कि यह उनकी तकनीकी क्षमता, सेफ्टी स्टैंडर्ड और ऑपरेशनल मजबूती की पुष्टि करता है. यह कदम सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अनुरूप है, क्योंकि इससे डिफेंस सेक्टर में आयात पर निर्भरता कम होगी और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.
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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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