तेल-गैस एक्सप्लोरेशन पर 6 फीसदी बढ़ा GST, RIL-OIL के शेयर टूटे; क्या आम आदमी की जेब पर पड़ेगा असर?

जहां पूरा शेयर बाजार GST का जश्न मनाता दिख रहा था. उसी दौरान ऑयल एंड गैस सेक्टर के शेयरों में कोहराम दिखा. क्योंकि, GST में जहां तमाम सेक्टर्स को राहत मिली है. वहीं, इस सेक्टर को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि ऑयल एंड गैस एक्सप्लोरेशन पर जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है.

भारत की प्रमुख ऑयल और गैस कंपनियां Image Credit: freepik

GST Council ने बुधवार को देश के इनडायरेक्ट टैक्स के सबसे बड़े स्रोत GST के ढांचे में बड़े बदलावों का ऐलान किया. अब ज्यादातर वस्तुएं व सेवाएं सिर्फ 5 और 18 फीसदी के टैक्स स्लैब में शामिल हैं. क्योंकि, GST के 12 और 28 फीसदी स्लैब को खत्म कर दिया गया है. खत्म किए गए स्लैब में आने वाली वस्तुओं और सेवाओं को बचे हुए दो स्लैब में ट्रांसफर किया गया है. इसी के तहत अब ऑयल एंड गैस एक्सप्लोरेशन, ड्रिलिंग और माइनिंग जैसी सेवाएं 12 की जगह 18 फीसदी GST के दायरे में आ गई हैं. इस तरह इस सेक्टर पर जीएसटी में 6 फीसदी का इजाफा हुआ है.

ऑयल एंड गैस सेक्टर की तमाम कंपनियों पर इस फैसले का असर दिखा. यहां तक कि बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी की बढ़त को भी इन कंपनियों में हुई गिरावट ने एक सीमा में बांध दिया. इस फैसले की वजह से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयरों में करीब 1 फीसदी की गिरावट हुई. इसके अलावा तमाम सरकारी ऑयल एंड गैस कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली. हालांकि, इन कंपनियों के पास इनपुट क्रेडिट का प्रावधान रहेगा. लेकिन, बढ़े हुए टैक्स की वजह से ऑपरेशन कॉस्ट

कंपनियों की लागत में बढ़ोतरी

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक आईसीआरए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत वशिष्ठ ने कहा कि तेल और गैस पर जीएसटी लागू नहीं होता, ऐसे में उत्पादन लागत बढ़ेगी लेकिन बिक्री पर टैक्स ऑफसेट नहीं मिलेगा. इससे कंपनियों को Stranded Tax चुकाना पड़ेगा. वशिष्ठ ने आगे कहा कि अप्रैल 2025 से कच्चे तेल और गैस के दाम वैश्विक दबाव और OPEC+ की कटौती हटाने की वजह से गिरे हैं. ऐसे में घटती आमदनी और बढ़ती लागत मिलकर अपस्ट्रीम कंपनियों के लिए ‘डबल व्हैममी’ साबित हो सकती हैं. कई एसेट्स कमजोर रिटर्न की वजह से डेवलप नहीं हो पाएंगे.

कोल-बेड मीथेन प्रोजेक्ट पर असर

च्वाइस इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के धवल पॉपट के मुताबिक 12% से 18% जीएसटी बढ़ने से ऑपरेशनल कॉस्ट और कंपनियों के मार्जिन पर दबाव बढ़ेगा. खासकर कोल-बेड मीथेन (CBM) जैसे प्रोजेक्ट्स की प्रतिस्पर्धा घट सकती है. इससे घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने की कोशिशों को झटका लगेगा.

RIL और OIL के शेयरों में गिरावट

GST बढ़ोतरी के ऐलान के बाद स्टॉक मार्केट में तेल-गैस कंपनियों के शेयर दबाव में आ गए. Nifty Oil&Gas इंडेक्स इस दौरान 0.96 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुआ. वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर 0.98 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुए. वहीं, ऑयल इंडिया (OIL) 1.86 फीसदी की गिरावट के साथ टॉप लूजर स्टॉक रहा. निवेशकों को डर है कि लागत बढ़ने से मार्जिन और मुनाफे पर असर पड़ेगा.

स्टॉकओपनिंगक्लोजिंगबदलाव% बदलाव
OIL403393.8-7.45-1.86
GAIL178.59174.79-3.23-1.81
RELIANCE1,371.801,359.10-13.5-0.98
PETRONET277.9274.5-2.65-0.96
IGL219.12217.15-1.97-0.9
ONGC239.07236.01-1.81-0.76
HINDPETRO389.1384.5-2.75-0.71
BPCL319.85313-1.85-0.59
IOC141.18139.8-0.69-0.49
ATGL597.95595-2.15-0.36
AEGISLOG701.7700-1.7-0.24

आम आदमी की जेब पर असर?

फिलहाल पेट्रोल-डीजल और कुकिंग गैस पर जीएसटी नहीं है, इसलिए सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को राहत है. लेकिन उत्पादन लागत बढ़ने से कंपनियों पर बोझ पड़ेगा, जो भविष्य में गैस प्राइसिंग और सप्लाई कॉस्ट पर असर डाल सकता है.