फार्मा इंडस्ट्री में उभर रहे नए सितारे! ये 2 स्मॉल कैप कर सकते हैं बड़ा कमाल, Debt-Free हैं कंपनियां; दिया 1203% का रिटर्न
भारत की फार्मा इंडस्ट्री अगले कुछ सालों में जबरदस्त ग्रोथ के दौर से गुजरने वाली है. देश की फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री प्रोडक्शन के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर और वैल्यू के लिहाज से 14वें स्थान पर है. पिछले 10 सालों में यह सेक्टर करीब 9.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ा है और भारत के GDP में लगभग 1.72 फीसदी का योगदान देता है.
Future pharma multibaggers: भारत की फार्मा इंडस्ट्री दुनिया में सबसे बड़ी जेनेरिक दवाओं की सप्लायर है. भारत सस्ती वैक्सीन और हाई क्ववालिटी वाली दवाओं के लिए जाना जाता है. देश की फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री प्रोडक्शन के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर और वैल्यू के लिहाज से 14वें स्थान पर है. पिछले 10 सालों में यह सेक्टर करीब 9.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ा है और भारत के GDP में लगभग 1.72 फीसदी का योगदान देता है. साल 2025 में यह इंडस्ट्री करीब 4.71 रुपये लाख करोड़ की है और अनुमान है कि साल 2030 तक यह बढ़कर 10-11 लाख रुपये करोड़ के बीच पहुंच जाएगी. इस सेक्टर में विदेशी निवेश (FDI) भी लगातार बढ़ रहा है और देश के निवेशक भी इसमें गहरी रुचि दिखा रहे हैं.
Jenburkt Pharmaceuticals Ltd
साल 1985 में शुरू हुई Jenburkt Pharmaceuticals Ltd देश और विदेश में ब्रांडेड दवाओं और हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स का निर्माण और मार्केटिंग करती है. कंपनी के 85 से ज्यादा ब्रांड हैं जिन्हें 1 लाख से ज्यादा डॉक्टर प्रमोट करते हैं. इसके 1000 से ज्यादा स्टॉकिस्ट हैं और यह करीब 4 लाख फार्मेसीज तक पहुंच रखती है. कंपनी का मार्केट कैप करीब 537 करोड़ रुपये है और यह सरकारी व अर्ध-सरकारी संस्थानों, मिशनरी हॉस्पिटलों और पब्लिक सेक्टर कंपनियों को दवाएं सप्लाई करती है. Jenburkt का ROCE 27 फीसदी है, जो इंडस्ट्री के औसत 15 फीसदी से कहीं अधिक है. यानी कंपनी हर 100 रुपये की पूंजी पर 27 रुपये का मुनाफा कमा रही है.
कंपनी लगभग कर्ज-मुक्त (Debt Free) है और अपने ब्याज खर्चों से मुक्त है. इसका कैश कन्वर्जन साइकिल FY20 में 117 दिन था, जो FY25 में घटकर सिर्फ 59 दिन रह गया. यानी पहले जहां कंपनी को पैसा वापस आने में लगभग 4 महीने लगते थे, अब सिर्फ 2 महीने लगते हैं. कंपनी का डिविडेंड यील्ड 1.48 फीसदी है. यह इंडस्ट्री औसत 0.12 फीसदी से कहीं बेहतर है.
कंपनी की सेल्स, EBITDA और मुनाफा पिछले 5 सालों में धीरे-धीरे लेकिन लगातार बढ़े हैं. नवंबर 2020 में कंपनी का शेयर 425 रुपये था जो नवंबर 2025 तक बढ़कर 1215 रुपये हो गया. यानी करीब 185 फीसदी का रिटर्न दिया है. वर्तमान में शेयर का P/E रेशियो 16x है, जबकि इंडस्ट्री का औसत 41x है. यानी शेयर अभी भी वैल्यूएशन के लिहाज से सस्ता है. कंपनी की 10 साल की औसत P/E 14x रही है. कंपनी भविष्य में प्रिसिजन मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और देश में ही API प्रोडक्शन पर फोकस कर रही है.
| साल | FY20 | FY21 | FY22 | FY23 | FY24 | FY25 |
| Sales/Rs Cr | 119 | 109 | 124 | 137 | 142 | 152 |
| EBITDA/Rs Cr | 20 | 20 | 27 | 30 | 33 | 40 |
| Profits/Rs Cr | 15 | 16 | 22 | 25 | 26 | 32 |


Jagsonpal Pharmaceuticals Ltd
साल 1978 में बनी Jagsonpal Pharmaceuticals Ltd भी फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट और API (Active Pharmaceutical Ingredients) बनाती है. इसका मार्केट कैप 1447 करोड़ रुपये है. कंपनी मुख्य रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य (Gynaecology) और हड्डियों के इलाज (Orthopaedics) पर फोकस करती है. इसके अलावा यह एंटीबायोटिक्स, एलर्जी, इम्युनिटी, डर्मेटोलॉजी, OTC और पेडियाट्रिक दवाओं में भी सक्रिय है. इस कंपनी में Ace Investor मुकुल अग्रवाल की 1.74 फीसदी हिस्सेदारी है.
कंपनी का ROCE 23 फीसदी है. यह इंडस्ट्री के औसत 15 फीसदी से काफी ज्यादा है. यह कंपनी भी लगभग Debt Free है और इसका कैश कन्वर्जन साइकिल FY20 में 164 दिन से घटकर FY25 में सिर्फ 39 दिन रह गया है. यानी अब कंपनी को पैसा बहुत जल्दी वापस मिल जाता है. इसका डिविडेंड यील्ड 1.14 फीसदी है, जो इंडस्ट्री औसत से काफी अधिक है. वर्तमान में इसका P/E रेशियो 33x है, जो इंडस्ट्री के औसत के बराबर है. कंपनी ने हाल ही में कंपनी ने दो बड़े नेतृत्व परिवर्तन किए हैं. अमृत मेधेकर को सितंबर 2025 में COO नियुक्त किया गया, जिन्हें फार्मा इंडस्ट्री का 30 साल का अनुभव है. वहीं निरव वोरा को अक्टूबर 2025 में CFO बनाया गया, जो चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और PwC, EY, KPMG जैसी कंपनियों में काम कर चुके हैं.
| साल | FY20 | FY21 | FY22 | FY23 | FY24 | FY25 |
| Sales/Rs Cr | 159 | 188 | 218 | 237 | 209 | 269 |
| EBITDA/Rs Cr | 9 | 19 | 26 | 34 | 23 | 51 |
| Profits/Rs Cr | 8 | 17 | 19 | 27 | 22 | 55 |


ग्रोथ की कहानी लिख रही ये कंपनियां
भारत की फार्मा इंडस्ट्री अगले कुछ सालों में जबरदस्त ग्रोथ के दौर से गुजरने वाली है. केंद्रीय बजट 2025-26 में सरकार ने 1400 करोड़ रुपये के तीन बड़े बल्क ड्रग पार्क्स के लिए, 5268 करोड़ रुपये पूरे फार्मा सेक्टर के लिए और 1460 करोड़ रुपये मेडिकल डिवाइस पार्क्स के लिए आवंटित किए हैं. सरकार की इन योजनाओं से छोटे खिलाड़ियों को भी फायदा मिलेगा. Jenburkt और Jagsonpal जैसी कंपनियां धीरे-धीरे अपनी ग्रोथ कहानी लिख रही हैं. इनके मजबूत फाइनेंशियल्स और निवेशकों को रिटर्न देने की नीति इन्हें लंबे समय में मजबूत बना सकती है. हालांकि, दोनों स्मॉल कैप स्टॉक्स हैं, इसलिए इनमें जोखिम भी अधिक है.
सोर्स: Groww, FE, BSE
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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